Monday, September 30, 2019

किस देश की सैन्य शक्ति में कितना दम कौन है सबसे प्रथम....?


देश हो या विदेश आंतरिक हो या बाहय सभी को अपनी सुरक्षा के लिए सैन्य शक्तियों का सहारा जरूरी होता है जिससे देश पर होने वाले हमले से वंहा के नागरिकों की रक्षा कर दुश्मन को मारा जा सके। हाल ही में पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल फायरपावर्स 2019 की सैन्य शक्ति से संबंधित रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। इसमें बताया गया है कि विश्व की सर्वाधिक शक्तिशाली सेनाओं में पहले स्थान पर अमेरिका की सेना है। दूसरे नंबर पर रूस व तीसरे नंबर पर चीन है।
भारत का स्थान चौथा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्लोबल फायरपावर ने इस सूची में 137 देशों की सेनाओं को शामिल किया है। इनकी रैंकिंग इनके पास मौजूद हथियारों और सैनिकों की संख्या मात्र से नहीं की गई है बल्कि इस बात को आंका गया है कि हथियार कितने तरह के हैं। सेना की कुल श्रमशक्ति कितनी है। उस देश की जनसंख्या, भूगोल व विकास के संदर्भ में सैन्य शक्ति का क्या स्वरूप है। रैंकिंग में परमाणु हथियार संपन्न देशों को बोनस अंक दिए गए हैं,लेकिन अंतिम रैंकिंग में इन अंकों को शामिल नहीं किया गया है। विभिन्न पैमानों के आधार पर सर्वाधिक 25 शक्तिशाली सेनाओं को सूची में जगह दी गई है।
रैंकिंग के अनुसार, भारत के पास कुल 3462500 सैन्य कर्मी हैं। कुल 2082 विमान और 4184 लड़ाकू टैंक हैं। एक विमानवाहक पोत और कुल 295 नौसेना संपत्तियां हैं। भारत का कुल रक्षा बजट 55.2 अरब डॉलर का है। रैंकिंग के अनुसार, पाकिस्तान के पास कुल 1204000 सैन्य कर्मी हैं। सेना के पास कुल 1342 विमान हैं जिनमें 348 लड़ाकू विमान हैं। 
देश का रक्षा बजट सात अरब डॉलर का है। ग्लोबल फायरपावर के अनुसार विश्व की पंद्रह शक्तिशाली सेनाओं में क्रमश:- अमेरिका, रूस, चीन, भारत, फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया, युनाइटेड किंग्डम, तुर्की, जर्मनी, इटली, मिस्र, ब्राजील, ईरान और पाकिस्तान शामिल हैं।

Sunday, September 29, 2019

ड्रोन हमले से निपटने के लिए कितना सक्षम सुरक्षातंत्र.....?


सऊदी अरब की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी अरामको पर हाल में ड्रोन से हमला किया गया। पंजाब में भारत- पाकिस्तान सीमा पार से यूएवी के माध्यम से हथियार गिराए जाने से सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। ये एजेंसियां कुछ ड्रोन भेदी तकनीक पर गौर कर रही हैं जिसमें स्काई फेंस, ड्रोन गन, एटीएचईएनए, ड्रोन कैचर और स्काईवॉल 100 शामिल हैं ताकि संदिग्ध घातक रिमोट संचालित प्लैटफॉर्म को पकड़कर निष्क्रिय किया जा सके। आईपीएस अधिकारी और राजस्थान पुलिस में अतिरिक्त महानिदेशक पंकज कुमार सिंह की इंडियन पुलिस जर्नल में हाल में प्रकाशित पत्र ड्रोन्स: अ न्यू फ्रंटियर फॉर पुलिस में इन नई तकनीक के बारे में बताया गया है। पत्र में बताया गया है कि ड्रोन गन रेडियो, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और ड्रोन तथा पायलट के बीच मोबाइल सिग्नल पकड़ने और ड्रोन द्वारा नुकसान पहुंचाने से पहले उसे नष्ट करने में सक्षम है। 
ड्रोन की बढ़ती संख्या भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बनी हुई है। हाल ही में पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियार गिराए गए थे। इसके बाद से ही ड्रोन के जरिए आसमानी हमले को लेकर भारत भी सतर्क हो गया है। देश में छह लाख से अधिक बिना नियमन वाले मानवरहित एयर वीइकल (UAV) हैं। सुरक्षा एजेंसियां आधुनिक ड्रोन भेदी हथियारों जैसे स्काई फेंस और ड्रोन गन पर काम कर रही हैं,ताकि हवाई हमलों से निपटा जा सके। आतंकी भी अब हमले के लिए ड्रोन टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करने में पीछे नहीं हैं। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय एजेंसियों ने इस बारे में एक आधिकारिक रूपरेखा तैयार की है। इसमें बताया गया है कि बिना नियमन वाले ड्रोन, यूएवी और रिमोट कंट्रोल सिस्टम महत्वपूर्ण ठिकानों, संवेदनशील स्थानों और विशिष्ट कार्यक्रमों के लिए संभावित खतरा हैं और उनसे निपटने के लिए उचित समाधान की जरूरत है। 
इन एजेंसियों द्वारा की गई स्टडी में कहा गया है कि छह लाख से अधिक विभिन्न आकार और क्षमताओं के बिना नियमन वाले ड्रोन वर्तमान में देश में मौजूद हैं और विध्वंसकारी ताकतें अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिए उनमें से किसी का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। पत्र में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में डिजाइन किए गए इस हथियार का प्रभावी रेंज दो किलोमीटर है। इसमें बताया गया है कि किसी घातक ड्रोन को रोकने का एक और समाधान स्काई फेंस प्रणाली है, जो उसके उड़ान पथ को रोककर लक्ष्य तक पहुंचने से रोकता है। अधिकारियों ने बताया कि इन ड्रोन भेदी हथियारों का प्रोटोटाइप हाल में हरियाणा के भोंडसी में बीएसएफ शिविर के पास खुले खेत में दिखाया गया। 
ड्रोन भेदी प्रौद्योगिकी पर पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो की तरफ से आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के तहत इनका प्रदर्शन किया गया। बेंगलुरू की कंपनी बीईएमएल और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और अन्य ने इस क्षेत्र में उपलब्ध नवीनतम प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया।

फेसबुक यूजर्स बाकियों की पोस्ट पर आने वाले कॉमेंट्स की संख्या और अन्य लोगों के पोस्ट पर विडियो व्यूज भी नहीं देख पाएंगे....


फेसबुक ने ऑफिशली यूजर्स के पोस्ट्स पर लाइक्स काउंट को हाइड करना शुरू कर दिया है। 27 सितंबर से सबसे पहले ऐसा ऑस्ट्रेलिया में प्लैटफॉर्म पर देखने को मिलेगा। इसके बाद पोस्ट करने वाला तो लाइक्स और रिऐक्शंस काउंट देख सकेगा, लेकिन बाकियों से यह छुपा रहेगा और उन्हें म्यूचुअल फ्रेंड के नाम के साथ रिऐक्शंस के आइकन दिखते रहेंगे। इस तरह बाकी यूजर्स एकदूसरे के पोस्ट पर आने वाले लाइक्स काउंट नहीं देख पाएंगे और कम या ज्यादा लाइक्स की होड़ कम करने में इससे मदद मिलेगी। फेसबुक यूजर्स बाकियों की पोस्ट पर आने वाले कॉमेंट्स की संख्या और अन्य लोगों के पोस्ट पर विडियो व्यूज भी नहीं देख पाएंगे। हालांकि, अपनी पोस्ट पर सभी को लाइक्स और कॉमेंट्स काउंट दिखता रहेगा। 
फेसबुक ने इस बारे में कहा, हम नहीं चाहते कि फेसबुक पर लाइक्स का कॉम्पिटिशन या वॉर देखने को मिले। बयान में कहा गया है, यह एक एक्सपेरिमेंट है, जिससे यह पता चलेगा कि लोग इस नए फॉर्मैट को कैसे अपनाते हैं। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ने कहा, हमें उम्मीद है कि इस दौरान हमें यह भी पता चलेगा कि क्या हम इसे ग्लोबली सभी यूजर्स के लिए शुरू कर सकते हैं। फेसबुक अपने प्लैटफॉर्म पर मौजूद युवा यूजर्स पर पड़ने वाले सोशल प्रेशर को महसूस कर रहा है, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है। साइट का मानना है कि इसके बाद अपने विचार, फोटो और विडियो पोस्ट करते वक्त लोग ज्यादा सहज हो पाएंगे। सोशल साइट पर कम लाइक्स के चलते तनाव, साइबर बुलीइंग और सूइसाइड तक के मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, नए सिस्टम में लाइक्स आइकन्स के ऊपर टैप करके देखा जा सकेगा कि किसने पोस्ट या फोटो को लाइक किया है, लेकिन टाइमलाइन स्क्रॉल करते वक्त नंबर नहीं दिखेगा कि किसी पोस्ट को कितने लोग लाइक कर चुके हैं। 
फेसबुक का मानना है कि यह प्लैटफॉर्म पर सुधार का एक कदम है। फोटो शेयरिंग प्लैटफॉर्म इंस्टाग्राम भी यूजर्स के पोस्ट पर लाइक्स हाइड करने के लिए एक प्रोटोटाइप डिजाइन पर काम कर रहा है। इंस्टाग्राम का प्रोटोटाइप डिजाइन यूजर्स के पोस्ट से लाइक्स छिपा देगा। जिस यूजर ने पोस्ट शेयर किया होगा, वह तो लाइक्स देख पाएगा, लेकिन बाकी यूजर नहीं देख पाएंगे कि उस पोस्ट पर कितने लाइक्स आए हैं। इंस्टाग्राम की ओर से कहा गया है कि इस टेस्ट के दौरान केवल पोस्ट शेयर करने वाला यूजर ही देख पाएगा कि उसे कुल कितने लाइक्स मिले हैं। फिलहाल यह इंटरनल टेस्टिंग प्रोटोटाइप है और सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध नहीं है। प्रोटोटाइप में पोस्ट के पास ही एक view likes का बटन भी ऐड किया गया है और कहा जा रहा है कि यह बटन पोस्ट शेयर करने वाले यूजर को ही मिलेगा।

Wednesday, September 25, 2019

आप भी जाने लड़कियो के झूठ को पकड़ने की...ट्रिक


कई बार कोई झूठ बोलता है,लेकिन हम सच मान लेते है। अब अगर झूठ बोलने की बात है तो इसमें सबसे आगे लड़कियां होती है। पता है सुनने में थोड़ा बुरा लग रहा होगा लेकिन यह बात काफी हद तक सही है। ऐसे में सबसे बड़ी मुश्किल लड़कों के साथ होती है कि वह लड़कियों का सटीक झूठ नहीं पकड़ पाते है। ऐसे में हम आपको थोड़ी सी मदद कर देते है। शायद आप भी पकड़ लें अपनी बहन, फ्रेंड या फिर गर्लफ्रेंड का कोई झूठ। जिससे आप उसके और करीब जा सके। जब कोई लड़की परेशान या फिर किसी मुसीबत में फंसी होती है और आप उससे मिलते है या फिर बात करते है तो वो बस एक ही बात बोलती है कि हां मै ठीक हूं। 
तुम्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे में आपको थोड़ा उसे समझना होगा क्योंकि वह चाहती है कि उसके साथ कोई हो। जिससे उसका दिल का बोझ थोड़ा कम हो। किसी लड़की से उसकी उम्र नहीं पूछी जाती है। मानो आपने उससे पूछ भी ली तो वह इस तरह आंख-मुंह बनाती है। जैसे उसकी उम्र नहीं उनका पासवर्ड पूछ लिया हो। इसके साथ ही अगर वो उम्र बताएगी तो वह हमेशा सही उम्र से कई साल खुद को छोटा ही बताएगी। आज के समय में लड़कियों के लिए मेकअप को लेकर कई तरह के झूठ बोलती है जैसे अगर वो आपके साथ मेकअप शेयर नहीं करना चाहती है तो वह किसी न किसी बहाने से आपको देने के लिए मना करती है।
वहीं दूसरा झूठ कई लड़कियां बोलती है कि वह बिल्कुल भी मेकअप नहीं करती है उनकी नेचुरल ब्यूटी है। ऐसे में आपको तो खुद समझ आ जाएगा कि आखिर कितना नेचुरल फेस है और कितना नहीं। ये बात हर कोई जानता है कि लड़कियां लड़कों से कही ज्यादा इमोशनल होती है। ऐसे में अगर किसी लड़की ने सच्चा प्यार किया हो और उसका ब्रेकअप हो जाए। इसके बाद भी वह उसका इंतजार करती है कि शायद वो वापस आ जाए। वहीं दूसरी और दुनिया को दिखाने की कोशिश करती है कि ब्रेकअप से उन्हें कोई खास असर नहीं पड़ा। कई लड़कियों की आदत होती है कि वह अपनी हर बात को दिल के गहराइयों तक रखती है। 
अब अगर किसी बेस्टफ्रेंड से मोहब्बत हो जाए तो उसे लेकर अपने दूसरे दोस्तों के कहती है कि हम लोग अच्छे दोस्त है। कई लड़कियां ऐसी भी होती है कि कोई उनसे पूछे कि उनका वजन कितना है तो वह थोड़ी देर सोच कर कम से कम बताने की ही कोशिश करती हैं।

चाय पीते समय अक्सर होने वाली गल्तियो को कैसे सुधारे....?


 सुबह के वक्त अगर गर्मागर्म चाय मिल जाए तो फिर क्या कहना अधिकतर  लोग चाय के शौकीन होते हैं,लेकिन चाय पीने का सही तरीका शायद ही किसी को ठीक से पता हो। यह देखा गया है कि अक्सर लोग चाय पीते वक्त यह  गलतियां कर ही देते हैं। सुबह के वक्त ज्यादा से ज्यादा चाय पीना सेहत के लिए हानिकारक है। अगर आप चाय के बारे में पढ़ेंगे तो आपक पता चलेगा यह अल्कोहल के नशे से अलग नहीं है। आपने ध्यान दिया होगा कि चाय पीने के बाद शरीर में एनर्जी आ जाती है आप एक्टिव हो जाते हैं,लेकिन ज्यादा चाय पीना आपके पेट के लिए सही नहीं है। खाली पेट चाय पीना हमेशा से सेहत के लिए हानिकारक ही होता है।
इससे एसिडिटी की प्रॉब्लम होती है साथ ही फ्री रेडिकल्स और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं आपकी उम्र भी ढ़लने लगती है। सुबह के उठते ही सबसे पहले पानी पिएं और फिर उसके आधे घंटे बाद चाय पिएं। चाय अच्छी तरह से उबालना जरूरी है लेकिन ज्यादा उबालने से आपकी पूरी चाय खराब हो सकती है। चाय को ज्यादा उबालकर या कड़क करने के बाद पीने से पूरा स्वाद खराब हो जाता है। यह तरीका एसिडिटी की वजह भी बनता है। 
ज्यादा कड़क चाय आपकी हेल्थ के लिए भी बेहद हानिकारक है। चाय में तुलसी के पत्ते मिलाकर पीना भी खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि चाय में मौजूद कैफीन इन चीजों में मिलकर हानिकारक हो जाती है और यह आपके हेल्थ के लिए सही नहीं है। खाना खाने के तुरंत बाद भूल से भी चाय न पिएं क्योंकि यह आपके शरीर के मेटाबोलिज्म को खत्म करती है।

Wednesday, September 18, 2019

मौत के एक साल बाद तक हरकत करता है इंसान का शव रिसर्च में वैज्ञानिको ने किया दावा....


ऑस्ट्रेलिया  की एक महिला वैज्ञान ने किया है। साइंटिस्ट एलिसन विल्सन ने एक लाश पर करीब 17 महीने तक रिसर्च किया और उन्होंने पाया कि मरने के बाद भी शव में हरकत होती है। वैज्ञानिक ने शव के हर मूवमेंट को अपने कैमरे में भी कैद किया। साइंस अलर्ट वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक, एलिसन का कहना है कि मरने के बाद भी इंसान के शरीर में कुछ हद तक गति रहती है।  यही वजह है कि कई बार मुर्दे के जिंदा होने का शक भी लोगों के अंदर पैदा होता है। वैज्ञानिक विल्सन के मुताबिक, रिसर्च के दौरान शव के हाथ को शरीर से चिपकाकर रखा गया था,लेकिन कुछ समय बीतने के बाद हाथ धीरे-धीरे शव से दूर खिसक गया। 
उन्होंने बताया कि शायद डीकंपोजिशन की वजह से ये हुआ। समय के साथ जैसै-जैसे शरीर सूखता है, वैसे-वैसे ही उसमें मूवमेंट बढ़ता है। ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक ने दावा किया कि इस रिसर्च से हत्या और मौत के मामलों की जांच में मदद मिल सकती है। एलिसन ने पूरे इंतजाम के साथ इस रिसर्च को अंजाम दिया। वह शव पर रिसर्च करने के लिए हर महीने 3 घंटे के लिए फ्लाइट से कैर्न्स से सिडनी जाती थीं। इस शोध के दौरान शव पर टाइम लैप्स कैमरों से हर समय देखा जा रहा था, जो हर 30 मिनट में डेड बॉडी की तस्वीर ले रहा था। इंसान की मौत के बाद से ही उस पर नजर रखी गई और जांच की गई। एलिसन के मुताबिक, मरने के बाद इंसान के शरीर में एक साल तक मूवमेंट होता है। 
एलिसन का कहना है, उनमें बचपन से ही इस बात की जिज्ञासा थी कि मरने के बाद इंसान के शरीर में क्या होता है। उसमें किस तरह का बदलाव आता है। उन्होंने बताया कि अभी इसके और बेहतर तरीके को समझने के लिए शोध जारी है। फोरेंसिक साइंस इंटरनेशनल सिनर्जी जर्नल के मुताबिक, इस शोध से मौत के बाद इंसान के शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में समझा जा सकेगा।

चाय पीने के फायदे है या नुकसार जाने.....?


नियमित रूप से चाय पीने वाले लोगों के दिमाग का प्रत्येक हिस्सा चाय नहीं पीने वालों की तुलना में बेहतर ढंग से संगठित होता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। दिमाग के प्रत्येक हिस्से का व्यवस्थित रहना स्वस्थ संज्ञानात्मक क्रिया से जुड़ा हुआ है। इन परिणामों तक पहुंचने के लिए अध्ययन में 36 उम्रदराज लोगों के न्यूरोइमेजिंग डेटा को खंगाला गया। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के सहायक प्राध्यापक एवं टीम लीडर फेंग लेई ने कहा,हमारे परिणाम मस्तिष्क के ढांचे पर चाय पीने से पड़ने वाले सरकारात्मक योगदान की पहली बार पुष्टि करते हैं और यह दर्शाते हैं कि नियमित रूप से चाय पीना दिमागी तंत्र में उम्र के कारण आने वाली गिरावट से भी बचाता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि पूर्व के अध्ययनों में दर्शाया गया है कि चाय पीना मानव सेहत के लिए लाभकारी है और इसके सकारात्मक प्रभावों में मिजाज में सुधार होना और ह्रदय एवं नसों संबंधी बीमारी से बचाना शामिल है।  यह अध्ययन 2015 से लेकर 2018 के बीच 60 साल और उससे अधिक उम्र वाले 36 बुजुर्गों पर किया गया जिसमें उनकी सेहत,जीवनशैली और मनोवैज्ञानिक सेहत संबंधी डेटा जुटाया गया। प्रतिभागियों के संज्ञानात्मक प्रदर्शन और ईमेजिंग से आए परिणामों के आकलन दिखाते हैं कि जो लोग करीब 25 साल तक हफ्ते में कम से कम चार बार ग्रीन टी, उलूंग टी या ब्लैक टी पीते हैं, उनके दिमाग के हिस्से ज्यादा प्रभावी ढंग से एक-दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। यह अध्ययन एजिंग पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।


Tuesday, September 10, 2019

जैक मा जीरो से 34.6 अरब डॉलर संपत्ति तक का सफर....


जैक मा का जन्म 10 सितंबर 1964 को चीन के हन्ग्ज़्हौ, ज्हेजिंग में हुआ।  गरीब परिवार में जन्मे जैक मा ने अंग्रेजी सीखी और इसकी प्रैक्टिस के लिए उन्होंने 9 साल तक टूरिस्ट गाइड का काम किया। पर्यटकों को घुमाने के दौरान वह अंग्रेजी में बोलते थे। टूरिस्ट गाइड का काम करने के दौरान वह अपनी साइकिल पर 70 मील की दूरी तय किया करते थे। जैक मा के करियर की शुरुवात काफी चुनौतीपूर्ण रही। अंग्रेज़ी के शिक्षक के तौर पर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। इससे पहले उन्हें 30 अलग अलग जगहों पर नौकरी के लिए आवेदन किया लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
एक बार उन्होंने KFC में नौकरी के लिए आवेदन किया। इस नौकरी के लिए 24 लोगो ने आवेदन किया था जिसमे से 23 लोगो को चयन हो गया लेकिन एकमात्र जैक मा का चयन नही हुआ था। हैरानी की बात तो ये है कि कंप्यूटिंग की कोई खास जानकारी न होते हुए भी उन्होंने ऑनलाइन बिजनेस की शुरुआत की। उन्होंने दो दशक पहले अपने अपार्टमेंट में ही अलीबाबा की नींव रखी। जैक मा ने अलीबाबा कंपनी की शुरुआत अपने अपार्टमेंट में की. उन्होंने अपने कुछ दोस्तों को अपने ऑनलाइन मार्केटप्लेस में निवेश करने के लिए राज़ी किया। अक्टूबर 1999 और जनवरी 2000 में, अलीबाबा को दो बार 25 मिलियन डॉलर का विदेशी निवेश मिला।
चीन के लोगो का विश्वास जीतने के बाद अलीबाबा नई ऊंचाइयां छूने लगी। फॉर्ब्स की 2018 की लिस्ट के मुताबिक जैक मा चीन के सबसे धनी व्यक्ति हैं. फॉर्ब्स के मुताबिक उनकी दौलत 34.6 अरब डॉलर है। साल 2014 में अलीबाबा ने दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक हिस्सेदारी के ज़रिए 25 अरब डॉलर जुटाए थे। साल 2013 में उन्होंने बोर्ड अध्यक्ष बनने के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी की कुर्सी छोड़ी। 
इसके बाद उन्होंने जैक मा फाउंडेशन के जरिए चीन के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए काम शुरू किया। जैक मा का कहना है कि कभी भी कीमतों पर प्रतिस्पर्धा मत करो बल्कि सेवाओं और इनोवेशन पर प्रतिस्पर्धा करो। जैक मा अक्सर चर्चा में रहते हैं। अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर जैक मा चेयरमैन पद से रिटायर हो जाएंगे।  
वह 10 सितंबर को अपने जन्मदिन के मौके पर चेयरमैन पद को छोड़ेंगे। जैक मा कंपनी की बागडोर डैनियल झांग को सौंप देंगे। उम्मीद है कि जैक मा सलाहकार की भूमिका में बने रह सकते हैं। चेयरमैन पद से हटने के बाद जैक मा शिक्षा के क्षेत्र में काम करेंगे।

विटामिन डी की कमी के 70 फीसदी से ज्यादा लोग है शिकार.....क्या है लक्षण....?


थकान भरी ड्यूटी के दौरान सुबह की धूप ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी ईद का चांद हो गई है। ऐसे में लोगों में विटामिन डी की कमी बड़ी तेजी से हमला कर रही है। जिससे लोगों में चिड़चिड़ेपन और थकान की शिकायत बनी रहती है। हाल ही में हुए एक शोध में सामने आया है कि दुनिया भर में 70 प्रतिशत से ज्यादा लोग विटामिन-डी की कमी से जूझ रहे हैं, जिनमें ज्यादातर गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। विटामिन-डी की कमी होने से लोगों की मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं और शरीर में हर समय दर्द की शिकायत बनी रहती है। 
ऐसे में अगर आपको पता करना है कि कहीं आप भी विटामिन-डी की कमी से तो नहीं जूझ रहे तो हम आपको बताते हैं विटामिन-डी की कमी के लक्षणों के बारे में:- बाल झड़ने की समस्या लगभग सभी में होती है, महिलाओं से लेकर पुरुषों तक को आपने इसके बारे में बात करते सुना होगा।  ऐसे में कम ही लोग जानते होंगे कि बालों का झड़ना विटामिन-डी की कमी के कारण भी हो सकता है। 
दरअसल, विटामिन डी की कमी से बालों की पकड़ कमजोर होने लगती है और यही कारण है कि इसकी कमी होने पर बाल जरूरत से ज्यादा झड़ने लगते हैं। दिन भर थकान महसूस होना भी विटामिन डी की कमी के लक्षण में से एक है। अगर भरपूर नींद और आराम के बाद भी आपको दिन भर थकान महसूस होती है तो आप विटामिन डी का टेस्ट जरूर कराएं।  क्योंकि इसकी कमी से ब्लड प्रेशर पर भी असर होता है और अक्सर ब्लड प्रेशर कम बना रहता है। 
शरीर में दर्द का बना रहना भी विटामिन डी की कमी का ही एक लक्षण हो सकता है। अगर आपको दिन भर शरीर में खासकर जोड़ों में दर्द रहता है तो यह भी विटामिन डी की कमी के कारणों में से एक हो सकता है। छोटी चोट के बावजूद अगर आपका घाव जल्दी नहीं भरता तो यह भी विटामिन डी के कारण हो सकता है। अगर आपको लगता है कि आपमें भी यह समस्याएं आ रही हैं तो विटामिन डी का टेस्ट कराएं और इसे दूर करने के लिए सुबह 6 से 7 के बीच धूप लें और अपनी डायट में अंडे, पनीर, मशरूम और सोयाबीन जैसी चीजें शामिल करें।

Friday, September 6, 2019

साढ़े नौ घंटे या उससे ज़्यादा वक्त तक बैठे रहने से मौत का खतरा बढ़ जाता है....रिसर्च


ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में ये सामने आया है कि साढ़े नौ घंटे से ज़्यादा होने पर हर एक घंटे के साथ जल्दी मौत का ये खतरा भी उसी अनुपात में बढ़ता जाता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, नींद के समय को छोड़कर दिनभर में साढ़े नौ घंटे या उससे ज़्यादा वक्त तक बैठे रहने से मौत का खतरा बढ़ जाता है। ये रिसर्च नॉर्वे के ओस्लो में नॉर्वेजियन स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स साइंसेज़ में की गई है। इस रिसर्च के लिये 36,383 प्रतिभागियों पर करीब 6 वर्षों तक नज़र रखी गई। इन लोगों की औसत उम्र 62.6 साल थी। इस रिसर्च के लिये एक्सेलेरोमीटर का उपयोग किया गया।  य एक पहनने योग्य उपकरण है, जो जागने के घंटो के दौरान गतिविधि की मात्रा और उसकी तीव्रता को ट्रैक करता है।
रिसर्च के दौरान 2149 यानि 5.9 फीसदी प्रतिभागियों की मौत हो गयी। डॉक्टर्स भी बताते हैं कि अगर हम दिन में कई घंटे बैठे-बैठे बिता देते हैं, तो इसका असर हमारे पूरे शरीर पर पड़ता है।  लंबे अर्से तक इस तरह की लाइफस्टाइल से शरीर में कई तरह की दिक्कतें आने लगती है। पीठ दर्द, कमर दर्द जैसी दिक्कतें तो होती ही हैं। ज़्यादा वक्त बैठे-बैठे गुज़ार देने से शरीर का मेटाबॉलिज़्म रेट भी कम हो जाता है, जिसे मेटाबॉलिक सिंड्रोम भी कहते हैं। इसकी वजह से शरीर में डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर, अनियंत्रित कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिज़ीज का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट अटैक के चांसेज़ भी बढ़ जाते हैं। अगर आप कंप्यूटर या टीवी के सामने बैठते हैं, तो आंखों भी कमज़ोर हो जाती है और लंबे समय तक धूप में नहीं निकलने की वजह से विटामिन डी की कमी भी हो सकती है, जिससे ह़ड्डियां कमज़ोर हो सकती हैं।  
हालांकि, इस रिसर्च में ये भी देखा गया है कि जब दिन में 300 मिनट यानि पांच घंटे हल्की फुल्की फिज़िकल एक्टिविटी यानि धीरे-धीरे चलना या खाना पकाने, बर्तन धोने, जैसे काम किये गये या फिर लगभग 24 मिनट मध्यम गति की एक्टिविटी जैसे तेज़ चलना यानि ब्रिस्क वॉकिंग जैसे काम किये गये तो शारीरक गतिविधि बढ़ने की वजह से मौतें बहुत कम हो गईं। फिटनेस एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हम चाहें तो ऐसी कई एक्सरसाइज हैं जिससे कुर्सी पर बैठे-बैठे भी आप खुद को फिट रखने में मदद कर सकते हैं। दिन में कुछ मिनट ही ये स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ कर के आप कमर दर्द या पीठ दर्द जैसी समस्याओं में फर्क नोटिस कर सकते हैं। अगर आपके ऑफिस में थोड़ी जगह है तो आप काम से कुछ मिनट निकाल कर कुछ और एक्सरसाइज़ भी कर सकते हैं जिसके लिये आपको किसी मशीन या इक्विपमेंट की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस के मुताबिक भी 18 से 64 साल की उम्र के लोगों के लिये भी हफ्ते में कम से कम 150 मिनट तक मध्यम या 75 मिनट तक बहुत कड़ा शारीरिक परिश्रम करने की सलाह दी गयी है।

जियो गीगा फाइबर फायदे का सौदा या नुकसान का जाने.....?


रिलांयस जियो गीगा फाइबर (Jio Giga Fiber) गुरुवार को लॉन्च हो गया।  जानकारी के मुताबिक रिलायंस जियो करीब 1600 शहरों में अपनी सर्विस देगा। जियो गीगाफाइबर के रेंटल प्लान 699 रुपये से 8,499 रुपये की रेंज में हैं। 699 रुपये वाले शुरुआती प्लान में 100 mbps की स्पीड मिलेगी। वहीं, 8,499 रुपये वाले प्लान में यूजर्स को 1gbps तक की स्पीड मिलेगी। गोल्ड और इससे ऊपर वाले प्लान में टेलीविजन भी मिलेगा। ये 9 सर्विस देगा जियो:- 1. अल्ट्रा-हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड (1 जीबीपीएस तक) 2. मुफ्त घरेलू वॉयस कॉलिंग, कॉन्फ्रेंसिंग और इंटरनेशनल कॉलिंग 3. टीवी वीडियो कॉलिंग और कॉन्फ्रेंसिंग 4. एंटरटेनमेंट ओटीटी एप्स 
5. गेमिंग 6. होम नेटवर्किंग 7. डिवाइस सिक्योरिटी 8. वर्चुअल रियलिटी का अनुभव 9. प्रीमियम कंटेंट प्लेटफॉर्म। 699 रुपये वाले प्लान में क्या-क्या मिलेगा:- जियो का शुरुआती प्लान Bronze है। इसमें यूजर्स को 100 mbps तक की स्पीड मिलेगी। इस प्लान में यूजर्स को अनलिमिटेड डेटा (100GB+50GB एक्स्ट्रा) मिलेगा। इस प्लान में फ्री वॉइस कॉलिंग का फायदा मिलेगा। इस प्लान में यूजर्स भारत में किसी भी नंबर पर कॉल कर सकेंगे। 849 रुपये वाले प्लान में ग्राहकों को 100 mbps तक की स्पीड मिलेगी। 
इस प्लान में ग्राहकों को अनलिमिटेड डेटा (200GB+200GB एक्स्ट्रा) मिलेगा। प्लान में यूजर्स को फ्री वॉयस कॉलिंग का फायदा मिलेगा। इस प्लान में भी यूजर्स भारत में किसी भी नंबर पर कॉल कर सकेंगे। जियो के 1,299 रुपये वाले गोल्ड प्लान में यूजर्स को 250 mbps की स्पीड मिलेगी। इस प्लान में यूजर्स को अनलिमिटेड (500GB+250GB एक्स्ट्रा) डेटा मिलेगा। यूजर्स को इस प्लान में फ्री वॉयस कॉलिंग का भी फायदा मिलेगा। इस प्लान में यूजर्स को 4K स्मार्ट टेलिविजन भी मिलेगा। 
गोल्ड के ऊपर डायमंड प्लान है, जिसका मंथली रेंटल 2,499 रुपये है। प्लैटिनम प्लान का मंथली रेंटल 3,999 रुपये है। जबकि सबसे महंगा प्लान टाइटेनियम है। इस प्लान का मंथली रेंटल 8,999 रुपये है। इन सभी प्लान में कस्टमर्स को 4K स्मार्ट टेलिविजन मिलेगा।

Wednesday, September 4, 2019

डॉक्टरों और नर्सों पर किया हमला तो दर्ज होगा संज्ञेय अपराध....


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और इस पर जनता से सुझाव और आपत्ति मांगी गई है। इसका नाम द हेल्थकेयर सर्विस पर्सनल और क्लिनिकल इस्टेबलिशमेंट (प्रोहिबिह्शन ऑफ वायलेंस और डेमेज टू प्रॉपर्टी) बिल 2019. 'The healthcare service personnel and clinical establishments(prohibition of violence and damage to property) Bill 2019' नए कानून के तहत डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े किसी भी कर्मचारी के साथ मारपीट की घटना को संज्ञेय अपराध माना जाएगा और ये गैर जमानती होगा। नए कानून के तहत निजी तौर पर प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टरों को भी सरंक्षण। 
डॉक्टरों, नर्सों या फिर स्वास्थ्य सेवा से जुड़े किसी भी तरह के स्टॉप के साथ मारपीट करना गंभीर अपराध की श्रेणी में होगा और ये गैर जमानती अपराध होगा। नए कानून में डॉक्टरों, नर्सो और स्वास्थ्य कर्मी के साथ किसी तरह की अपशब्दों का इस्तेमाल भी गंभीर अपराध की श्रेणी में आएगी। नए कानून के तहत स्वास्थ्य कर्मी के साथ ऐसे किसी भी तरह के अपराध में शामिल व्यक्ति को कम से कम छह माह से लेकर 5 साल तक की सजा का प्रावधान है और जुर्माना लगेगा वो अलग से। जुर्माने की राशि कम से कम 50 हजार होगी और अधिकतम 5 लाख जबकि ऐसी हेल्थकेयर स्टॉफ के साथ ऐसी हिंसा जो भारतीय दंड संहिता 320 के तहत कवर होती है ऐसे मामलों में नए कानून में कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा और 2 लाख से लेकर 10 लाख तक जुर्माना ऐसे मामलों की जांच डिप्टी सुपरीडेंट आफ पुलिस के स्तर का अधिकारी या उसके ऊपर का अधिकारी ही जांच कर पाएगा। 
सरकार ने नए ड्राफ्ट का नोटिस जारी कर दिया है और 30 दिन के भीतर कोई भी इस ड्रॉफ्ट को लेकर सुझाव और आपत्तियां दे सकता है। इस ड्राफ्ट में कहा गया है कि ऐसी घटनाएं या हरकत जिससे किसी स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारी को चोट पहुंचती हैउसकी जान-माल का नुकसान करती है या फिर संस्थान को क्षति पहुचाती हैं। इस कानून के दायरे में होगी। ऐसी घटनाएं अपराधिक की श्रेणी में आएगी और ऐसा करना गैर जमानती होगा। जो डॉक्टर, नर्स या फिर कोई कर्मचारी घायल होता है या उसकी जानमाल का नुकसान होता है तो उसको क्षतिपूर्ति का प्रावधान भी नए कानून में होगा। 
महत्तपूर्ण बात ये है कि नये कानून में अस्पताल,नर्सिंग होम, डिस्पेंसरी, डायग्नोस्टिक सेंटर के अलावा वे सारे इस्टेबलिशमेंट कवर होंगे जहा किसी तरह की स्वास्थ्य सेवा का संचालन किया जाता है। कोई भी सरकारी डिपार्टमेंट के अलावा कोई भी ट्रस्ट वह चाहे पब्लिक हो या प्राइवेट, लोकल अथारिटी का हो या फिर सिंगल डॉक्टर सभी को इस नए कानून में सरंक्षण दिया गया है। ड्राफ्ट से साफ है कि नजी तौर पर प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टर से भी यदि किसी ने मारपीट की घटना की तो उस पर भी इसी कानून के तहत कार्रवाई की जा सकेगी। मेडीकल और नर्सिंग स्टूडेंट से लेकर एंबूलेंस के नर्स और ड्राईवर और हेल्पर को भी इस कानून के तहत सरंक्षण मिलेगा।

नदी सफाई अभियानाचे कार्य प्रगतीपथावर

नागपूर: -   नागपूर महानगरपालिका आयुक्त तथा प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी यांच्या मार्गदर्शनात आणि अतिरिक्त आयुक्त श्रीमती आंचल गोयल यांच्या नेतृत...