Monday, October 21, 2019

प्रोटीन पर नहीं, बल्कि प्रोटीन के हेल्दी स्रोत पर ध्यान दें..जानिए एक दिन में शरीर के लिए कितना प्रोटीन लेना चाहिए...?


क्‍या आप जानते हैं हमें कितना प्रोटीन खाना चाहिए? यह जानना भी आपके लिए बहुत जरूरी है कि आप कितना प्रोटीन लें। आहार में हर चीज की मात्रा सही होनी चाहिए। आपको कितना प्रोटीन खाना है यह पूरी तरह से आपकी जरूरतों पर निर्भर करता है। क्योंकि प्रोटीन ही वज़न कम करने का काम करता है, तो प्रोटीन ही वजन बढ़ा भी सकता है। इसलिए आपनी जरूरत के अनुसार आपको यह जानने की और मापने की जरूरत है कि आपको दिन में कितना प्रोटीन लेना चाहिए। तो अगर आपके मन में भी यह सवाल है कि मुझे कितना प्रोटीन लेना चाहिए' तो इसका जवाब हम आपको देते हैं। प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। 
शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए तीन माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स में से एक जरूरी तत्व प्रोटीन ही है। प्रोटीन के अलावा दो स्थूल पोषक तत्व हैं कार्बोहाइड्रेट और वसा अक्सर हमारे 'फिटनेस आहार प्रोटीन पर लोड पर जोर दिया जाता है। लोग प्रोटीन खाने पर जोर देते हैं, जोकि अच्छा भी है, लेकिन वे कहते हैं न कि अति ही चीज की बुरी होती है।  ठीक इसी तरह यह भी समझने जी जरूरत है कि कितना प्रोटीन आपकी सेहत के लिए अच्छा है। हम आपको बताते हैं कि आपको एक दिन में कितना प्रोटीन लेना चाहिए। इसके साथ ही साथ आपको अपने लिए प्रोटीन युक्त आहार की लिस्ट भी आपको तैयार कर लेनी चाहिए। 
प्रोटीन का चार्ट और प्रोटीन की खुराक की सही जानकारी यहां मिलेगी। तो चलिए जानते हैं। एक दिन में हमें कितना प्रोटीन लेना चाहिए। इस बारे में हमने बात की बीएचएमएस डॉक्टर रोशन आरा डॉक्टर का कहना है कि प्रोटीन निश्चित रूप से पूरे शरीर के लिए जरूरी है,लेकिन मासपेशियों के लिए खासतौर पर अहम है। प्रोटीन एक पोषक तत्व है जो मांसपेशियों को बनाने और बनाए रखने में मदद करता है, यही वजह है कि फिटनेस का ख्याल रखने वाले लोगों को और बॉडी बिल्डिंग के लिए हम दैनिक आहार में इस पोषक तत्व को सावधानीपूर्वक लेने की सलाह देते हैं। डॉक्टर आरा के अनुसार प्रोटीन हमारे शरीर के लिए जरूरी अवयवों में से एक है। 
प्रोटीन इनटेक सभी के लिए जरूरी होता है। यह शरीर के उत्तकों की मरम्मत और उनके पुनर्निमाण में मददगार होता है,लेकिन इसके साथ ही साथ इन बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है कि आप इसे अपनी जरूरत के मुताबित ही लें। जरूरत से ज्यादा प्रोटीन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है, तो वहीं प्रोटीन का कम सेवन भी ठीक नहीं। आपको रोज कितना प्रोटीन लेना है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके लक्ष्य क्या हैं। रोज कितना प्रोटीन खाएं यह आपके वजन, आकार पर निर्भर करता है। हर किसी को एकसमान प्रोटीन की जरूरत नहीं होती तो इस राशी ने इस बात पर जोर दिया कि अपने आहार में 30 फीसदी कैलोरी प्रोटीन से लेनी चाहिए।  
प्रोटीन के अच्छे स्रोत का करें उपभोग:- यह जरूरी है कि आप सिर्फ प्रोटीन पर नहीं, बल्कि प्रोटीन के हेल्दी स्रोत पर ध्यान दें। राशी के अनुसार ऐसे आहार का चुनाव करें जो प्रोसेस्ड न हो। वेगन के लिए बेस्ट प्रोटीन सोर्स वे लोग जो वेगन हैं अगर प्रोटीन के लिए फलियों और हरी सब्जियों से ऊब चुके हैं तो वे प्लांट बेस्ड प्रोटीन का विकल्प चुन सकते हैं। इसके अलावा तील, चिया सीड्स वगैरह को भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। महत्वपूर्ण सूचना:- अपने आहार में किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।  डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही आहार में बदलाव करें।

नया इनकम टैक्स स्लैब बदलाव कैसे प्रभावित करेगा आपको.....?


अगस्त के महीने में सरकार को नए डायरेक्ट टैक्स कोड पर रिपोर्ट सौंपी गई थी। हालांकि, उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया था। खबरों के मुताबिक, टास्कफोर्स ने जनरल टैक्सपेयर्स के लिए छूट की सीमा (2.5 लाख रुपये) पर बरकरार रखा था। सीनियर सिटिजंस के लिए 3 लाख तक छूट और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 5 लाख रुपये पर बरकरार रखी गई। सबसे बड़ी बात टैक्स स्लैब में बदलाव लाए जाने की बात है। 10% टैक्स वाले स्लैब की सीमा सीधे 10 लाख तक की आय तक होगी, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। 
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस(CBDT) के मुताबिक, 2017-18 में रिटर्न फाइल करने वाले 5.52 करोड़ इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स में से 27 फीसदी 5 से 10 लाख रुपये की आयवर्ग से थे। अगर टास्कफोर्स की सिफारिशें लागू हो जाती हैं तो 20% वाले टैक्स स्लैब में से 1.47 करोड़ करदाता सीधे 10% वाले स्लैब में आ जाएंगे। यानी उन पर कम टैक्स बनेगा।# कैसा हो सकता है नया टैक्स स्लैब:- मौजूदा समय में कुल टैक्स पर 4% सेस लगता है और 5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स फुल रिबेट मिलता है। खबरों के मुताबिक, DTC ने सरचार्ज को खत्म करने और रिबेट को बरकरार रखने की सिफारिश की है।
# बड़े स्लैब्स पर ज्यादा असर:- DTC की सिफारिशों से कम आय वाले टैक्सपेयर्स पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। 5-6 लाख की आय वाले लोगों की टैक्स देनदारी में कोई खास फर्क नहीं आएगा, बल्कि वे कुछ डिडक्शन्स के जरिए टैक्स के दायरे से बाहर भी आ सकते हैं। अगर किसी की शुद्ध कर योग्य आय 7 लाख रुपये है, तो उसको भी कोई खास फायदा नहीं होगा। उसकी टैक्स देनदारी 44,200 रुपये से घटकर 40,000 रुपये हो जाएगी, यानी सिर्फ 9.5% की बचत। बहरहाल, ज्यादा आय वाले लोगों को ज्यादा फायदा होगा। 10 लाख रुपये की नेट टैक्सेबल इनकम पर 34% का फायदा होगा, यानी टैक्स देनदारी 1.06 लाख रुपये से घटकर 70,000 रुपये पर आ जाएगी। 10% टैक्स वाले स्लैब की सीमा सीधे 10 लाख तक की आय तक हो सकती है
CBDT के आंकड़ों के मुताबिक, अगर टैक्स स्लैब्स में बदलाव किया जाता है तो करीब 40 लाख टैक्सपेयर्स 30% के स्लैब से 20% वाले स्लैब में आ जाएंगे। 22 लाख रुपये की आय वाले हर साल 1.7 लाख रुपये की बचत कर सकेंगे, उनकी टैक्स देनदारी में 36% की कमी आएगी। यानी 4.75 लाख रुपये की जगह उनपर 3 लाख रुपये का टैक्स बनेगा। टास्कफोर्स ने 2 करोड़ रुपये से ऊपर की आय वालों के लिए 35% के नए स्लैब की शुरुआत की है। अगर 25 पर्सेंट सरचार्ज और 4% सेस को जोड़ दिया जाए तो 2 करोड़ से 5 करोड़ रुपये के बीच आय वालों के लिए इफेक्टिव टैक्स रेट 39% होगा। यही वजह है कि इस स्लैब में आने वालों को उतना फायदा नहीं होगा जितना अन्य स्लैब वालों को। हालांकि, 20% वाले टैक्स स्लैब के 10 लाख से 20 लाख रुपये होने से उन्होंने थोड़ा फायदा जरूर मिलेगा। 
क्या खत्म हो जाएगा सरचार्ज:- सुपर रिच के लिए भी अच्छी खबर हो सकती है। टास्कफोर्स ने सिफारिश की है कि टेंपररी तौर पर टैक्स सरचार्ज वसूला जाना चाहिए। 2013 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरचार्ज की शुरुआत की थी। उस वक्त इसे एक बार के लिए लाया गया था। उन्होंने कहा था कि यह टेंपररी है, लेकिन आने वाले सभी बजटों में इसे पर्मानेंट फीचर की तरह जारी रखा गया। जब कॉर्पोरेट टैक्स की दरों में कटौती कर उसे 25% तक लाया गया था, तब कहा जा रहा था कि कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए दिवाली से पहले ही दिवाली आ गई। अब आम नागरिक टैक्स के मोर्चे पर सरकार से इसी तरह की राहत की उम्मीद कर रहे हैं। खुशखबरी यह है कि टैक्स स्लैब में बदलाव हो सकता है, जिससे लाखों टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। 

Tuesday, October 15, 2019

क्या होता है हंसने से….लाफ्टर इज द बेस्ट मेडिसिन ऐसा क्यू कहा जाता है....?


आज कल सभी लोग खूब हंसते है,लेकिन बनावटी या दिखावटी,वर्ल्ड लॉफ्टर्स डे 1998 में मुंबई से शुरू हुआ था तो वर्ल्ड स्माइल्स डे का आयोजन स्माइली की इमोजी दुनिया को देने वाले हाव्रे बॉल ने 1999 में शुरू किया था। हंसना, मुस्कुराना एक ऐसी भावना है जो इंसान के अलावा किसी अन्य प्राणि के नसीब में नहीं आई है। खास बात यह है कि खुशी सौ रोगों की एक दवा है। यही वजह है कि आजकल महानगरों में भी लॉफ्टर क्लबों की संख्या में दिनोंदिन इज़ाफा होता जा रहा है। हंसने से ऑक्सीजन लेने की क्षमता में इज़ाफा आपकी एयरोबिक क्षमता (दिल और फेफड़े) को बढ़ा देता है।
इससे दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर में भी सेहत के लिए उपयोगी सुधार आता है। हंसना शरीर को ठीक वैसे ही फायदा पहुंचाता है जैसा कि तेजी से चलना। यह आपके पूरे शरीर की मांसपेशियों को सक्रिय कर देता है। इसलिए हंसते रहिए मुस्कुराते रहिए और अंग्रेजी की इस कहावत को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लीजिए, ‘‘लाफ्टर इज द बेस्ट मेडिसिन।’’ लीड रिसर्चर केरिना डब्ल्यू. डेविडसन (पीएचडी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी) के मुताबिक खुश रहने वाले लोग भी अवसाद और नकारात्मक भावनाओं का सामना करते हैं, लेकिन यह स्थिति बहुत कम वक्त की और परिस्थितवश होती है। 
रिसर्च में पाया गया कि खुश रहने वाले लोगों में दिल की बीमारी की आशंका हमेशा ग़म और खुशी के बीच झूलते रहने वाले लोगों की तुलना में 22 प्रतिशत कम रही। खुश रहना न केवल हमारे दिल बल्कि दिमाग के लिए भी बहुत अच्छा होता है। अवसाद, क्रोध, आक्रामकता जैसी भावनाएं मुस्कुराने, खिलखिलाने से दूर भाग जाती हैं। खुशी, संतोष, उत्साह भरा सकारात्मक व्यक्तित्व आपको दिल की बीमारियों से दूर रखने में महत्वपूर्ण साबित होता है। कनाडा में किए गए अध्ययन के दौरान रिसर्चर्स ने तकरीबन एक दशक तक 1739 स्वस्थ वयस्कों को निगरानी में रखा। अध्ययन की शुरूआत में प्रशिक्षित पेशेवरों ने इन लोगों में मौजूद नकारात्मकता (अवसाद, आक्रामकता, चिंता) और सकारात्मकता (खुशी, उत्साह, उमंग) की स्थिति का जायजा लिया। 
आपका हंसना, खिलखिलाना दिमाग से लेकर पूरे शरीर में एक सकारात्मक चेन रिएक्शन सी चला देता है। इससे शरीर में कोर्टिसोल का स्तर कम हो जाता है। कोर्टिसोल तनाव से उत्पन्न होने वाला एक केमिकल है जो दिल की बीमारियों, हाइपरटेंशन, कमर के इर्द-गिर्द मोटापे के लिए जिम्मेदार होता है। हंसी से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी और अधिक मजबूत होती है, हमारी लार और खून में एंटीबॉडीज का ज्यादा उत्पादन कर बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी पर अंकुश लगाती है। हंसना त्वचा के लिए भी अच्छा होता है। देखा गया है कि एक्जिमा के मरीजों को नियमित तौर पर कॉमेडी फिल्में देखने से फायदा होता है। एलर्जी के मरीजों को नियमित तौर पर हंसने से शरीर पर होने वाली लाल फुंसियों, खराशों से निजात मिल जाती है।

इन एप को तुरंत करें अनस्टॉल लेकिन क्यू.....?

गूगल ने हाल ही में Google Play Store से करीब 29 बेहद पॉपुलर ऐप को रिमूव कर दिया है। ये सारे वैसे ऐप थे, जिन्हें लाखों-करोड़ों बार डाउनलोड किया जा चुका था। इन एप को तुरंत करें अनस्टॉल:- गूगल के मुताबिक अगर आप एंड्रॉयड स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं तो आपको Feel Camera HD, Filter Photo Frame, Lens Flares, Magic Effect, QR Code Scanner, Super Mark, Photo Effect Pro, Art Filter, Lie Detector prank, New Hair Fashion, Smart Magnifier Pro, Magnifier Pro- Magnifying glass, Magnifying Glass Pro, Cut Cut Mix, Cut Cut Mix Pro, Galaxy Overlay, Color Splash Photo Effect, Age Face, Photo Blur, Blur Image, Super Magnifier Lite, Magnifying Pro, Qing Camera, Reflex Camera HD, First Camera HD, Rhythm Camera, Pretty Makerup Photo, Glitch Lens - Vaporwave & Ghost Photo Editor, Multi Apps – Multiple Accounts simultaneously शेयरों को तुरंत अपने स्मार्टफोन से रिमूव कर देना चाहिए। 
क्यों इन्हें हटाना है जरूरी:- साइबर सिक्योरिटी और एंटी वायरस फर्म Quick Heal Security Labs ने कहा है कि गूगल (Google) ने जो 29 ऐप को रिमूव किया है, उसमें 24 ऐप ऐसे हैं जो मैलिसियस ऐप हैं यानी नुकसान पहुंचाने वाले हैं जो HiddAd कैटेगरी में आते हैं। ये ऐप पहली बार स्मार्टफोन पर इन्स्टॉल होने पर अपना आइकॉन छुपा लेते हैं और स्क्रीन पर शॉर्टकट क्रिएट कर देते हैं। इनका मकसद होता है कि यूजर ऐप को फोन से रिमूव न करें। 
जब यूजर शॉर्टकट के जरिये ऐप को लॉन्च करता है या ओपन करता है तो स्क्रीन पर फुल स्क्रीन ऐड दिखाया जाता है। बाकी 5 ऐप असल में ऐडवेयर हैं जो य़ूजर के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे YouTube, Facebook और दूसरे प्लेटफॉर्म पर विजिट के दौरान इन्स्टॉल हो जाते हैं। गूगल ने इन्हीं वजहों से 29 ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया है।

Sunday, October 13, 2019

क्या आप जानते है इस जीवन बीमा निगम (LIC) के बारे में.....?


भारतीय जीवन बीमा निगम LIC की बीमा श्री (Bima Shree) एक नॉन-लिंक्ड पॉलिसी है। इस पॉलिसी में प्रॉफिट के साथ लिमिटेड प्रीमियम पेमेंट की सुविधा मिलती है। साथ ही इसमें सुरक्षा और सेविंग्स के साथ ग्राहकों को कई अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं। एलआईसी की बीमा श्री पॉलिसी ज्यादा इनकम वालों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इसके तहत आपको गारंटीड लाभ के साथ-साथ लॉयल्टी लाभ का भी फायदा मिलता है। इस पॉलिसी में न्यूनतम 10 लाख रुपये के सम एश्योर्ड की गारंटी है। अधिकतम सम एश्योर्ड बेसिक पर कोई लिमिट नहीं है। 
यह योजना की पूरी अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्‍यु हो जाने पर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है और पॉलिसी की अवधि के अंत में पॉलिसीधारक के जीवित रहने पर उसे परिपक्वता राशि का भुगतान किया जाता है। बीमा श्री पॉलिसी की खास बातें:- बीमा श्री पॉलिसी का टर्म 14, 16, 18 और 20 साल के लिए है। 14 साल की पॉलिसी को लेने के लिए न्यूनतम उम्र 8 वर्ष है तो वहीं अधिकतम उम्र 55 है। इसके अलावा 16 साल के प्लान को लेने के लिए अधिकतम उम्र 55 साल है। 18 साल के प्लान के लिए 48 साल अधिकतम उम्र जबकि 20 साल के प्लान के लिए अधिकतम उम्र 45 साल है।
किस्त भुगतान का तरीका प्रति माह 5000 रुपये, तिमाही 15000 रुपये, 25000 रुपये अर्धवार्षिक और सालाना 50000 रुपये। पहले पांच साल के लिए 50 हजार रुपये का बेसिक सम एश्योर्ड की गारंटी। इसके बाद प्रीमियम भुगतान अवधि के अंत तक बाद के वर्षों के लिए 55 हजार रुपये प्रति बेसिक सम एश्योर्ड की गारंटी। LIC बीमा श्री पर मृत्यु लाभ:- पहले पांच वर्षों के दौरान मृत्यु की स्थिति पर सम एश्योर्ड और जमा गारंटीकृत वृद्धि दिया जाता है। पांच वर्ष की समाप्ति के बाद मृत्यु के मामले में या परिपक्वता से पहले मृत्यु पर सम एश्योर्ड और जमा गारंटीकृत वृद्धि और लॉयल्टी वृद्धि दी जाती है।

अपनी सेहत का ध्यान खुद रखे,अपने डॉक्टर खुद बने.....?


केवल सेंधा नमक प्रयोग करें, थायराईड, बी पी और पेट ठीक होगा। 2 -  केवल स्टील का कुकर ही प्रयोग करें, अल्युमिनियम में मिले हुए लेड से होने वाले नुकसानों से बचेंगे3- कोई भी रिफाइंड तेल ना खाकर केवल तिल, मूंगफली, सरसों और नारियल का प्रयोग करें। रिफाइंड में बहुत केमिकल होते हैं जो शरीर में कई तरह की बीमारियाँ पैदा करते हैं। 4- सोयाबीन बड़ी को 2 घण्टे भिगो कर, मसल कर ज़हरीली झाग निकल कर ही प्रयोग करें। 5- रसोई में एग्जास्ट फैन जरूरी है, प्रदूषित हवा बाहर करें।6- काम करते समय स्वयं को अच्छा लगने वाला संगीत चलाएं। खाने में भी अच्छा प्रभाव आएगा और थकान कम होगी।
7 -देसी गाय के घी का प्रयोग बढ़ाएं। अनेक रोग दूर होंगे, वजन नहीं बढ़ता। 8- ज्यादा से ज्यादा मीठा नीम/कढ़ी पत्ता खाने की चीजों में डालें, सभी का स्वास्थ्य ठीक करेगा।9- ज्यादा से ज्यादा चीजें लोहे की कढ़ाई में ही बनाएं। आयरन की कमी किसी को नहीं होगी।10- भोजन का समय निश्चित करें, पेट ठीक रहेगा। भोजन के बीच बात न करें, भोजन ज्यादा पोषण देगा।11- नाश्ते में अंकुरित अन्न शामिल करें। पोषक विटामिन और फाइबर मिलेंगें।12- सुबह के खाने के साथ देशी गाय के दूध का बना ताजा दही लें, पेट ठीक रहेगा।13-चीनी कम से कम प्रयोग करें, ज्यादा उम्र में हड्डियां ठीक रहेंगी।14- चीनी की जगह बिना मसले का गुड़ या देशी शक्कर लें।15- छौंक में राई के साथ कलौंजी का भी प्रयोग करें, फायदे इतने कि लिख ही नहीं सकते।
16- चाय के समय, आयुर्वेदिक पेय की आदत बनाएं व निरोग रहेंगे।17- एक डस्टबिन रसोई में और एक बाहर रखें, सोने से पहले रसोई का कचरा बाहर के डस्ट बिन में डालें।18- रसोई में घुसते ही नाक में घी या सरसों का तेल लगाएं, सर और फेफड़े स्वस्थ रहेंगें।19- करेले, मैथी और मूली यानि कड़वी सब्जियां भी खाएँ, रक्त शुद्ध रहेगा। 20- पानी मटके वाले से ज्यादा ठंडा न पिएं, पाचन व दांत ठीक रहेंगे।21- प्लास्टिक और अल्युमिनियम रसोई से हटाएं, दोनों केन्सर कारक हैं।22- माइक्रोवेव ओवन का प्रयोग कैंसर कारक है।23- खाने की ठंडी चीजें कम से कम खाएँ, पेट और दांत को खराब करती हैं।24- बाहर का खाना बहुत हानिकारक है, खाने से सम्बंधित ग्रुप से जुड़कर सब घर पर ही बनाएं।25- तली चीजें छोड़ें, वजन, पेट, एसिडिटी ठीक रहेंगी।
26- मैदा, बेसन, छौले, राजमां और उड़द कम खाएँ, गैस की समस्या से बचेंगे।27- अदरक, अजवायन का प्रयोग बढ़ाएं, गैस और शरीर के दर्द कम होंगे।28- बिना कलौंजी वाला अचार हानिकारक होता है।29- पानी का फिल्टर R O वाला हानिकारक है। U V वाला ही प्रयोग करें, सस्ता भी और बढ़िया भी।30- रसोई में ही बहुत से कॉस्मेटिक्स हैं, इस प्रकार के ग्रुप से जानकारी लें।31- रात को आधा चम्मच त्रिफला एक कप पानी में डाल कर रखें, सुबह कपड़े से छान कर इस जल से आंखें धोएं, चश्मा उतर जाएगा। छानने के बाद जो पाउडर बचे उसे फिर एक गिलास पानी में डाल कर रख दें। रात को पी जाएं। पेट साफ होगा, कोई रोग एक साल में नहीं रहेगा।32- सुबह रसोई में चप्पल न पहनें, शुद्धता भी, एक्यू प्रेशर भी।
3-  रात का भिगोया आधा चम्मच कच्चा जीरा सुबह खाली पेट चबा कर वही पानी पिएं, एसिडिटी खतम।34- एक्यूप्रेशर वाले पिरामिड प्लेटफार्म पर खड़े होकर खाना बनाने की आदत बना लें तो भी सब बीमारियां शरीर से निकल जायेंगी।35- चौथाई चम्मच दालचीनी का कुल उपयोग दिन भर में किसी भी रूप में करने पर निरोगता अवश्य होगी।36- रसोई के मसालों से बनी चाय मसाला स्वास्थ्यवर्धक है।37- सर्दियों में नाखून के बराबर जावित्री कभी चूसने से सर्दी के असर से बचाव होगा।38- सर्दी में बाहर जाते समय 2 चुटकी अजवायन मुहं में रखकर निकलिए, सर्दी से नुकसान नहीं होगा।39- रस निकले नीबू के चौथाई टुकड़े में जरा सी हल्दी, नमक, फिटकरी रख कर दांत मलने से दांतों का कोई भी रोग नहीं रहेगा।
40- कभी-कभी नमक- हल्दी में 2 बून्द सरसों का तेल डाल कर दांतों को उंगली से साफ करें, दांतों का कोई रोग टिक नहीं सकता।41- बुखार में 1 लीटर पानी उबाल कर 250 ml कर लें, साधारण ताप पर आ जाने पर रोगी को थोड़ा थोड़ा दें, दवा का काम करेगा। 42- सुबह के खाने के साथ घर का जमाया देशी गाय का ताजा दही जरूर शामिल करें, प्रोबायोटिक का काम करेगा। श्री रमेश मूलचंदानी [अमरपुर- मंडला]

Tuesday, October 8, 2019

गैस सिलेंडर खत्म होने के टेंशन से मूक्ति हाथों-हाथ मिलेगा सिलेंडर....


रसोई गैस सिलेंडर की किल्लत को देखते हुए सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), IOC और BPCL का 5 किलोग्राम वाला सिलेंडर उपलब्ध कराया है जिसकी जानकारी तीनों कंपनियों ने अपनी वेबसाइट पर दी है। BPCL की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, 1800 22 4344 पर फोन करके अपने घर में आराम से एक मिनी भारत गैस 5 किलो का सिलेंडर ऑर्डर देकर, दो घंटे में 25/ - रुपये का वितरण शुल्क देकर प्राप्त कर सकते हैं। इस सेवा का लाभ उठाने के लिए, आपको पहचान (पी.ओ.आय.) के प्रमाण उपलब्ध कराने की जरूरत होगी। 
कहां से मिलेगा 5 किलोग्राम वाला सिलेंडर:- 5 किलोग्राम वाले इस सिलेंडर को लेने के लिए ग्राहक को नजदीकी एचपी गैस डिस्ट्रीब्यूटर, सिलेक्टेड एचपी रीटेल आउटलेट, सिलेक्टेड किराना स्टोर्स के अलावा प्वाइंट ऑफ सेल पर जाना होगा।  आपको बता दें कि पहले 5 किलो वाला सिलेंडर लेने के लिए आईडी प्रूफ के साथ-साथ एड्रेस प्रूफ भी देना होता था। BIS सर्टिफाइड होने के कारण ये सिलेंडर पूरी तरह सुरक्षित हैं। इस सिलेंडर की कीमत विभिन्न जगहों पर अलग-अलग है। इसी तरह BPCL की भारत गैस सर्विस मिनी के नाम से 5 किलोग्राम वाला गैस सिलेंडर देती है। इस सर्विस का फायदा उठाने के लिए आप सुबह 9 बजे से रात को 9 बजे तक फोन कर बुक कर सकते है। 
साथ ही,ऑर्डर बुक होने के बाद 2 घंटे के भीतर कनेक्शन / सिलेंडर को फिर से भरकर ग्राहक के घर पर दिया जाता है। अधिक जानकारी के लिए भारत गैस मिनी पर क्लिक करें।वहां जाकर अपना पहचान पत्र दिखाना होगा और सिलेंडर की फीस अदा करनी होगी। इसके बाद उन्हें 5 किलोग्राम वाला अप्पू गैस सिलेंडर दे दिया जाएगा।  HPCL का कहना है कि घर से दूर रहने वाले विद्यार्थियों और जॉब करने वालों को ध्यान में रख कर शुरू की गई इस सुविधा के लिए ग्राहकों को एड्रेस प्रूफ देने की जरूरत नहीं है। सिलेंडर खत्म होने पर ग्राहक किसी भी डिस्ट्रीब्यूटर या रीटेल आउटलेट जाकर निर्धारित रेट पर फिर से गैस भरवा सकते हैं। 
अपने नजदीकी आउटलेट और डिस्ट्रीब्यूटर की जानकारी के लिए कंपनी की वेबसाइट (www.hindustanpetroleum.com) पर विजिट किया जा सकता है। इससे पहले सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) भी इस तरह की सर्विस शुरू कर चुकी है।


नदी सफाई अभियानाचे कार्य प्रगतीपथावर

नागपूर: -   नागपूर महानगरपालिका आयुक्त तथा प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी यांच्या मार्गदर्शनात आणि अतिरिक्त आयुक्त श्रीमती आंचल गोयल यांच्या नेतृत...