Thursday, May 30, 2019

मंगल पर चिकनी मिट्टी के खनिजों के भंडार को खोजा NASA के क्यूरोसिटी रोवर ने...


अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक बयान में बताया है कि क्यूरोसिटी रोवर ने मंगल के दो लक्ष्य स्थलों-एबेरलेडीऔर किलमारीसे चट्टानों के नमूने लिए, बयान में कहा गया कि मंगल पर मिशन के 2405 वें दिन (रक्ताभ ग्रह के अनुसार) 12 मई को रोवर की एक नई सेल्फी में इसका पता चला। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि खनिज संपन्न यह क्षेत्र निम्न माउंट शार्प के बगल में है, जहां पर 2012 में क्यूरोसिटी यान ने लैंड किया था। क्यूरोसिटी यान माउंट शार्प पर यह अन्वेषण कर रहा है कि क्या अरबों साल पहले वहां पर जीवन के लिए उपयुक्त माहौल मौजूद था।
चिकनी मिट्टी का निर्माण अकसर जल से होता है जो जीवन के लिए अनिवार्य है। रोवर के विशेष उपकरण केमिन (केमिस्ट्री और मिनरोलॉजी) ने चिकनी मिट्टी के खनिज वाले क्षेत्र में खुदाई से प्राप्त चट्टान के नमूने का पहली बार विश्लेषण किया है। चेमिन को बेहद कम मात्रा में हेमेटाइट भी मिला है। यह लौह ऑक्साइड खनिज है जो उत्तर में लगे वेरा रूबिन रिजमें भारी मात्रा में उपलब्ध है। नासा के मुताबिक गेल क्रेटर में एक समय प्रचुर मात्रा में पानी रहने के सबूत मिले हैं जबकि इसपर चर्चा जारी है कि क्षेत्र के लिए इन नई खोजों का क्या निहितार्थ है। 
नासा के मुताबिक हो सकता है कि पुरानी झीलों की कीचड़ के परत से क्षेत्र की चट्टानों का निर्माण हुआ हो। नासा के क्यूरोसिटी मार्स रोवर को अपने अभियान के दौरान मंगल ग्रह पर चिकनी मिट्टी के खनिजों का अब तक का सबसे बड़ा भंडार मिला है। [मित्र रमेश गयानी जी के द्वारा पुणे मुंबई से]   

एंड्रॉयड पर नहीं कर पा रहे हैं एप्स को डाउनलोड,तो जाने परेशानियों को दूर करने का तरीका....?


आपके एंड्रॉयड फोन में इंटरनेट है, गूगल प्ले स्टोर भी ठीक से काम कर रहा है, लेकिन क्या फिर भी आप एप को डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल ये दिक्कत सबके साथ आती है और कई लोग इससे परेशान रहते हैं। ऐसे में लोग फोन को स्विच ऑफ, इंटरनेट ऑन ऑफ और कई सारे तरीके अपनाते हैं,लेकिन आज हम आपको एक ऐसा तरीका बताने जा रहे हैं जिससे इसका उपाय निकालना सबसे आसान होगा। सबसे पहले इस बात पर ध्यान दें कि आपका इंटरनेट चल रहा है।
कई बार ऐसा होता है जब नेट में दिक्कत के कारण एप डाउनलोड नहीं होते। दूसरा सबसे बड़ा कारण हो सकता है बड़ी साइज का फाइल और आपसे वाईफाई कनेक्टिविटी का ऑप्शन मांगता है। ऐसे में डाउनलोड ओवर वाईफाई के ऑप्शन पर क्लिक करें और फिर उस एप को डाउनलोड करें। इन दोनों स्टेप्स के बाद भी अगर आपका स्मार्टफोन काम नहीं कर रहा है या फिर प्लेस्टोर में अभी भी पेंडिग बात रहा है तो इन स्टेप्स को अब फॉलो करें। [मित्र तरुनेश्वर जी के द्वारा बैगलुरु से]

Tuesday, May 28, 2019

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह,अभिनेता सनी देओल के साथ ये होंगे 303 में से 131 सांसद जो पहली बार पहुंचेगे लोकसभा....


लोकसभा चुनाव में एक तरफ भारी बहुमतों से जीत के बाद इस बार की लोसभा में नए उम्मीदवारों को जगह मिलने वाली है जिसे जनता ने अपनी सरआंखो पर बैठकर जीत का ताज पहनाया। बीजेपी के नवनिर्वाचित 303 सदस्यों में से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को मिलाकर 131 सदस्य ऐसे हैं जो पहली बार लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बने हैं। इस सूची में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ-साथ फिल्म जगत से लेकर खेल जगत तक के सितारे शामिल है। इनमें सनी देओल, रवि किशन, गौतम गंभीर और हंस राज हंस शामिल हैं। प्रताप सिंह सारंगी (बालासोर), तेजस्वी सूर्या (दक्षिण बैंगलुरु), राजदीप रॉय, ज्योतिर्मय सिंह महतो (पुरुलिया) आदि सूची में कई ऐसे हैं जो साधारण पृष्ठभूमि से उभरे हैं और उन्होंने चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल की है।
बालक नाथ (अलवर) और जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य स्वामी (सोलापुर) जैसे कुछ संत भी संसद के निचले सदन में अपना स्थान बनाने में कामयाब हुए है। अपनी कट्टर हिंदुत्ववादी छवि के लिए चर्चित और 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में एक अभियुक्त विवादास्पद प्रज्ञा ठाकुर भी सांसद चुनी गईं हैं। उत्तर प्रदेश से पहली बार निर्वाचित सांसदों की संख्या सबसे ज्यादा (20) है। राज्य की 80 सीटों में से 62 सीटें भाजपा ने जीती हैं। भोजपुरी फिल्म स्टार रवि किशन गोरखपुर से जीते। इससे पहले यहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ते और जीतते रहे थे। रवि किशन ने समाजवादी पार्टी (सपा)- बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के गठबंधन उम्मीदवार राम भुवाल निषाद के खिलाफ तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की। योगी सरकार में मंत्री रहीं रीता बहुगुणा जोशी ने इलाहाबाद से जीत हासिल की और लोकसभा में पहली बार प्रवेश किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पूर्व मंत्री कलराज मिश्र द्वारा प्रतिनिधित्व की गई सीट देवरिया से पूर्व राज्य इकाई अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी जीते हैं। 
अपनी पहली लोकसभा जीत दर्ज करने वालों में उत्तर प्रदेश के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य (बदायूं), जय प्रकाश (हरदोई), राजवीर दिलेर (हाथरस), जाने माने उद्योगपति अनुराग शर्मा (झांसी), अरुण कुमार सागर और प्रदीप कुमार शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के बाद पहली बार लोकसभा सदस्य बनने वालों की अधिकतम संख्या पश्चिम बंगाल से है, जहां भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच जमकर टक्कर हुई। बाबुल सुप्रियो, एस.एस. अहलूवालिया और सौमित्र खान को छोड़कर बाकी 15 पहली बार सांसद बने हैं। भाजपा ने पहली बार राज्य की कुल 42 में से 18 सीटें जीतीं। मध्य प्रदेश में भाजपा ने 29 में से 28 सीटें जीतीं।  28 विजेताओं में से के.पी. यादव सहित 12 पहली बार जीते हैं। यादव ने गुना से कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराया। मप्र से ढाल सिंह बिसेन, दुर्गा दास उइके, संध्या राय, महेंद्र सिंह सोलंकी, विवेक नारायण शेलवल्कर, हिमाद्री सिंह अन्य प्रमुख चेहरे हैं, जो अपनी सीटों पर जीत दर्ज कर पहली बार लोकसभा पहुंचे हैं।  
गुजरात में कुल 26 निर्वाचित सांसदों में से 10 पहली बार लोकसभा जाएंगे। राज्य से पहली बार लोकसभा जाने वालों में हंसमुख भाई पटेल, मितेश भाई पटेल, परबत भाई पटेल, गीता बेन राठवा, शारदा बेन पटेल, रतन सिंह राठौर, देबी भारत सिंह, रमेश भाई धाधुक और मुंजापारा महेंद्र शामिल हैं। छत्तीसगढ़, कर्नाटक और महाराष्ट्र, तीनों राज्यों में नौ सांसद पहली बार चुने गए हैं। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अपने सभी मौजूदा सांसदों को टिकट देने से इनकार कर दिया था। 11 सीटों में से भाजपा ने नौ पर जीत दर्ज की। सभी नौ पहली बार लोकसभा जाएंगे, जिनमें अरुण साओ, विजय बघेल, मोहन मंडावी, चुन्नी लाल साहू, गुहाराम अजगले, सुनील कुमार सोनी, संतोष पांडे और रेणुका सिंह शामिल हैं। पहली बार जीतने वालों में एक प्रमुख नाम सिद्धेश्वर शिवाचार्य स्वामी का है, जिन्होंने महाराष्ट्र के सोलापुर में कांग्रेस के सुशील कुमार शिंदे को हराया। 
महाराष्ट्र में सुजय राधाकृष्ण, सुनील मेंढे, भारती प्रवीण पवार, अनमेश पाटिल, सुधाकर तुकाराम, रंजीत सिंह निंबालकर, मनोज कोटक और प्रताप राव चिखलिकर अन्य लोगों में शामिल हैं जिन्होंने अपनी पहली लोकसभा जीत दर्ज की। असम ने पहली बार भाजपा के सात और ओडिशा ने छह सांसद सदन में भेजे हैंकर्नाटक से पहली बार चुनाव जीतने वालों में तेजस्वी सूर्या, वाई. देवेन्द्रप्पा, वी. श्रीनिवास प्रसाद, बी.एन.बचे गौड़ा, अन्ना साहेब जोले, ए. नारायणस्वामी, एस. मुनीस्वामी और राजा अमरेश्वर नाइक शामिल हैं। असम ने पहली बार भाजपा के सात और ओडिशा ने छह सांसद सदन में भेजे हैं।  

हृदय रोगियों को मिलेगा नि:शुल्क इलाज.....


राजस्थान सरकार और गुजरात के प्रशान्ति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ MOU हो चुका है। इस MOU के तहत राजस्थान में पहले कैंप लगाये जायेंगे और इसके बाद चिन्हित संभावित हृदय रोगी,चाहे वो बच्चे हो या फिर व्यस्क उनका राजकोट और अहमदाबाद में निशुल्क ईलाज किया जायेगा।  खबर के मुताबिक, एक साल के अंदर एक हजार हृदय रोगियों का ईलाज किया जाएगा। ईलाज के लिए जाने वाले परिवार के लिए परिवहन का खर्चा 5 हजार की राशि के तौर पर राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष से दिया जायेगा। स्वास्थ्य भवन में हुए इस MOU के दौरान राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा, एसीएस रोहित कुमार ,मिशन निदेशक NHM डॉ समित शर्मा और PMSRF के प्रतिनिधि मौजूद रहे। 
MOU के मुताबिक़ निशुल्क इलाज के दायरे में आने वाले मरीज के लिए 60 वर्ष के कम उम्र और साल की 2 लाख 40 हजार से कम इनकम होनी चाहिए। संस्था के राजकोट में स्थित अस्पताल में 18 से 60 वर्ष तक और अहमदाबाद में छोटे बच्चों का इलाज होगा। आगामी 2 जून से इस नई पहल को लेकर कैंप लगाये जायेंगे जिसके बाद मरीजों को चिन्हित किया जायेगा। राजस्थान में हार्ट की विभिन्न बीमारियों से पीडित लोगों को अब न सिर्फ निशुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी, बल्कि राज्य सरकार ऐसे सभी मरीज और उनके परिजनों के परिजन का खर्च भी खुद वहन करेगी।  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर इसके लिए चिकित्सा विभाग ने आज गुजरात के प्रशांती मेडिकल सर्विसेज रिसर्च फाउण्डेशन के साथ नि:शुल्क चिकित्सा और परिवहन खर्च का एमओयू करार 
किया। प्रशांती मेडिकल सर्विसेज रिसर्च फाउण्डेशन का श्री सत्य साई सेवा अस्पताल में हार्ट के मरीजों का निशुल्क उपचार किया जा रहा है,फिर चाहे वो ओपन हार्ट सर्जरी हो या फिर बायपास सर्जरी। पिछले एक साल से संस्था राजस्थान में काम कर रही है।  जिससे प्रभावित होकर सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संस्था के काम को एक विधिपूर्वक संचालित करना तय किया। प्रशांती मेडिकल सर्विसेज रिसर्च फाउण्डेशन के अहमदाबाद और राजकोट में श्री सत्य साई सेवा अस्पताल संचालित किए जा रहे है। अस्पताल में स्थापना के बाद से अब तक देशभर के करीब 16 लाख लोगो को निशुल्क जांच की गयी है। वहीं 18 साल में करीब 16 हजार ह्दयरोगियों के निशुल्क ऑपरेशन किए गये है। वर्ष 2018 से अब तक राजस्थान के करीब 250 से अधिक ह्दयरोग से पीड़ित लोगो का निशुल्क उपचार किया जा चुका है। 
राज्य सरकार के साथ एमओयू साइन होते ही संस्थान जयपुर में निशुल्क हार्ट कैम्प 2 जून को आयोजित करने जा रहा है।  ऐसे ही शिविर दूसरे जिलों में भी आयोजित किए जाएंगे, जहां से मरीजों को चिन्हित मरीजों में से बच्चों की अहमदाबाद और बड़े मरीजों की राजकोट में निशुल्क सर्जरी होगी। सरकार के साथ हुए दो साल के एमओयू के तहत संस्थान हर साल एक हजार मरीजों का निशुल्क ऑपरेशन करेगी। इसमें शर्ते ये रहेगी कि मरीज की उम्र 60 साल से कम हो और परिवार की आमदनी हर माह 20 हजार तक ही हो। यानी गरीब ही नहीं मध्यम वर्ग तक के परिवार सरकार की इस कवायद से निशुल्क हार्ट ऑपरेशन करा सकेंगे।

Sunday, May 26, 2019

40 साल से कम उम्र के 12 प्रतिशत सांसद होंगे देश की बागदौड़ सँभालने के भागीदार..

देश की 542 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 303 सीटें और कांग्रेस ने 52 सीटें जीती हैं। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च संस्था ने कहा कि 16वीं लोकसभा में आठ प्रतिशत सांसद थे जिनकी उम्र 40 साल से कम थी। उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा में 12 प्रतिशत सांसदों की उम्र 40 साल से कम है।नवनिर्वाचित लोकसभा के करीब 12 प्रतिशत सदस्यों की उम्र 40 साल से कम है। 
यह जानकारी एक थिंकटैंक ने दी है। इसके अलावा, 17वीं लोकसभा में महिला सांसदों की उम्र औसतन आधार पर पुरुष सांसदों के मुकाबले छह साल कम है।  वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को समाप्त हो रहा है। सत्रहवीं लोकसभा का गठन 3 जून से पहले किया जाना है और नए सदन के गठन की प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में तब शुरू होगी जब तीनों चुनाव आयुक्त राष्ट्रपति से मिलेंगे और नव निर्वाचित सदस्यों की सूची सौपेंगे। 

रमजान के पवित्र माह में रोजा रखकर साइकिल चलाकर मक्का जाने की तैयारी....


इंसान में अगर हिम्मत और साहस हो तो वो किसी भी हद तक जा सकता है।  मन में लगन होने पर एक गरीब का बच्चा भी चांद को छू सकता है और वैज्ञानिक बन सकता है जैसा शौक इंसान में पढ़ाई को लेकर होता है, वैसे ही कुछ लोगों में बाइक राइडिंग और साइकिलिंग का शौक होता है। साइकिलिंग का शौक करने वाले लोग कितनी भी दूरी रास्ता तय कर सकते हैं। भारत के बेंगलुरु में रहने वाले मोहम्मद सलीम और रिजवान इन दिनों अपनी साइकिल से मक्का के दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। दोनों ने साइकिलों पर सवार होकर मक्का तक पहुंचने की तैयारी की। इन दोनों ने 3,800 किलोमीटर की दूरी तय की। खास बात ये है कि दोनों ही साइकिल सवार रमजान के पवित्र माह में रोजा रखकर साइकिल चलाते रहे और रब को तलाशने के लिए निकल पड़े। 
खलिज टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार, उक्त यात्रा भारत से पाकिस्तान होते हुए ईरान, इराक और कुवैत के रास्ते सऊदी अरब की ओर जाना थी। मगर इन लोगों को वीजा संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिसके बाद इन लोगों ने अपना यात्रा मार्ग बदल दिया और ओमान, ईरान और यूएई की ओर निकल गए। अब ये लोग जुलाई अंत में मक्का जाएंगे। दोनों दोस्तों की जोड़ी भारत से संयुक्त अरब अमीरात तो पहुंच गए हैं, लेकिन आगे का रास्ता दोनों के लिए काफी कठिन होगा। क्योंकि इससे आगे खाड़ी देश आते हैं और वहां के पथरीले रास्तों पर साइकिल चलाना काफी मुश्किल काम है। दोनों ही दोस्तों की यह कहानी इन दोनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। लोग इन दोनों की कहानी को प्रेरणा बता रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर मन में लगन हो तो भगवान भी रास्तों को खोल देता है।

Friday, May 24, 2019

कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे..बनाएँगे आगे की रणनीति


पीएम नरेंद्र मोदी देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने, जिन्होंने पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में वापसी की है। बीजेपी ने न सिर्फ अपने बूते बहुमत हासिल किया, बल्कि सहयोगियों के साथ 350 का आंकड़ा भी छू लिया। बीजेपी और सहयोगियों ने इस बार 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की। बीजेपी 302 सीटें जीत चुकी है और 1 सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं, NDA को 351 सीटें मिली हैं। उधर, कांग्रेस की बात करें तो उसने 52 सीट जीतने में सफलता हासिल की है। राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई दिग्गजों को चुनाव में हार मिली है। राहुल केरल की वायनाड सीट जीतने में सफल रहे, वहीं, अमेठी में उन्हें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से मात मिली। यूपी में कांग्रेस सिर्फ रायबरेली सीट बचाने में सफल रही, वहां यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की। सूत्रों की मानें तो स्मृति ईरानी को अमेठी में जीत का इनाम मिल सकता है। 
मोदी सरकार की विराट जीत के बाद अब सबकी नज़रें अगली सरकार के शपथ ग्रहण और मंत्रिमंडल पर है। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। इसमें स्मृति ईरानी को कोई बड़ा मंत्रालय देने पर विचार हो सकता है। वहीं, चार बड़े मंत्रालयों में फेरबदल पर फ़ैसला नहीं होना है। सूत्रों की मानें तो अच्छा काम कर रहे मंत्री अपने पद पर बने रहेंगे। उधर, खबर यह भी आ रही है कि पश्चिम बंगाल से भी कुछ बन सकते हैं। कुछ नए चेहरों के साथ भी मोदी और अमित शाह प्रयोग कर सकते हैं। शनिवार को बीजेपी ने संसदीय दल की बैठक बुलाई है। जहां नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। इस बैठक के बाद एनडीए की बैठक होगी जिसमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, लोजपा के रामविलास पासवान समेत सभी एनडीए नेता और चुने गए सांसद मौजूद रहेंगे। बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी है। जिसके मुताबिक शनिवार शाम 5 बजे सेंट्रल हॉल में एनडीए की बैठक बुलाई गई है।  

पीएम मोदी को पहनाया जा सकता है संसदीय दल के नेता का ताज....


गुरुवार को आए नतीजों ने इतिहास रच दिया था। भारतीय जनता पार्टी को अकेले 302 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस को पिछली बार से 8 सीटें ज्यादा मिली है और कुल 52 सीटों के स्कोर पर काबिज है। पूरे देश में बीजेपी को एक तरफा सपोर्ट मिला है,वहीं इसका फायदा एनडीए के अन्य घटक दलों को भी हुआ है। प्रचंड बहुमतों के साथ विजयी बीजेपी अब सरकार गठन की तैयारी में जुट गई है। शनिवार को बीजेपी ने संसदीय दल की बैठक बुलाई है। जहां नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। इस बैठक के बाद एनडीए की बैठक होगी जिसमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, लोजपा के रामविलास पासवान समेत सभी एनडीए नेता और चुने गए सांसद मौजूद रहेंगे। बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी है।
[Demo Pick]
जिसके मुताबिक शनिवार शाम 5 बजे सेंट्रल हॉल में एनडीए की बैठक बुलाई गई है। बताया जा रहा है कि इसी के साथ मंत्रिमंडल, पोर्टफोलियो को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, शनिवार-रविवार अलग से एनडीए के नेताओं से मुलाकात करेंगे। वहीं बीजेपी के उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने नतीजों के दिन की यह बता दिया था कि नरेंद्र मोदी की तरफ से सभी सांसदों को अगले 100 दिनों का एजेंडा तय करने के दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। जाहिर है एनडीए अपने दूसरे कार्यकाल में उन बचे हुए कामों को प्राथमिकता के साथ करेंगे जो पहले कार्यकाल में अधूरे रह गए थे।

Wednesday, May 22, 2019

पुरुष-महिला यौन संबंध के बारे में आई चौकने वाली जानकारी.....


महिला और पुरुष के बीच शारीरिक संबंधों की बात आती है तो ऐसा माना जाता है कि शुरुआत हमेशा पुरुष ही करता है। ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में संबंध बनाने की एक्साइटमेंट ज्यादा होती है। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो आप गलत हैं, क्योंकि महिला के मुकाबले पुरुष में सेक्स के लिए पहल करने की प्रवृत्ति तीन गुनी अधिक होती है। यह बात हालिया शोध में कही गई है। यह शोध लंबे समय के लिए पुरुष-महिला यौन संबंध पर आधारित है।
शोध के अनुसार, दीर्घकालीन अवधि में लगातार संभोग करने के मामले में कारकों की अहम भूमिका होती है। जरनल इवोलुसनरी बिहेवियरल साइंसेस में प्रकाशित इस शोध के अनुसार, संभोग में कई फैक्टर महत्व रखते हैं। जैसे लोग अपने रिश्ते में कितने खुश 
हैं। वह अपने साथी के साथ कितना जुड़ाव महसूस करते हैं और वह एक दूसरे से कितना प्यार और कितना विश्वास जताते हैं। नार्वे की यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनटीएनयू) से ट्रोंड विगो ग्रोंटवे का कहना है कि रिश्ते में जोश व जज्बा होना काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। 
उन्होंने कहा कि जज्बा ही सभी फैक्टर में सबसे अहम भूमिका निभाता है। इस स्टडी में 19 से 30 उम्र के ऐसे 92 जोड़े शामिल किए गए थे, जो कि एक महीने से लेकर नौ वर्षो तक एक साथ थे। इन जोड़ों ने एक सप्ताह में औसत दो से तीन बार संभोग किया। जितनी लंबा रिश्ता रहा, इन जोड़ों ने उतना ही कम संभोग किया। 
एनटीएनयू के एसोसिएट प्रोफेसर मोंस बेनडिक्सन ने कहा कि स्टडी में साबित हुआ कि दूसरों के प्रति इच्छा जज्बे को कम करती है। उन्होंने कहा कि अपने साथी के अपेक्षाकृत दूसरों के साथ संभोग की अधिक इच्छा भी रिश्ते में जज्बे को कम करती है।

1 यूरो लगभग 77 भारतीय रुपये में घर होगा आपका.....


इटली के मुसोमेली में 500 घरों को बेचा जा रहा है, जिनमें से 100 घरों को ऑनलाइन बिक्री के लिए लिस्ट कर दिया गया है। सबसे पॉपुलर टूरिस्ट और वेडिंग डेस्टिनेशन इटली में आपको सिर्फ 1 यूरो लगभग 77 भारतीय रुपये में घर मिल सकता है। ये घर इटली के एक टाउन मुसोमेली में मिल रहा है। 77 रुपये में यहां घर खरीदने के लिए यहां एक शर्त रखी गई है। इस शर्त के मुताबिक आपको खरीदा हुआ घर तीन साल में रिनोवेट कराना होगा। अगर नहीं किया तो ये घर आपसे वापस ले लिया जाएगा। 
दरअसल मुसोमेली में रहने वाले लोग शहरों में काम और पढ़ाई के लिए जा चुके हैं। इस वजह से यहां के करीब 500 घर खाली पड़े हैं। घरों के साइज़ की बात करें तो ये छोटे नहीं हैं बल्कि एक से ज्यादा बेडरूम वाले हैं। साथ ही घरों के बाहर का नज़ारा बहुत ही खूबसूरत है। ये घर खरीदने के लिए आपको 77 रुपये के अलावा 5.5 लाख रुपये का सिक्योरिटी अमाउंट भी देना होगा। इसके अलावा घर को रिनोवेट कराने के लिए 2.7 लाख की राशि एडमिन को देनी होगी। मुसोमेली में कई ऐतिहासिक गुफाएं, महल और चर्च हैं। 
स्थानीय लोगों के शहर चले जाने की वजह से इलाके की आबादी कम हुई है। इस जगह को फिर से बसाने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है।

रैपिड डायग्नोस्टिक किट द्वारा 4 से 10 हजार रुपये वाला टेस्ट होगा सिर्फ 50 रुपये में......


खून से जुड़ी इस हीमोफीलिया (Haemophilia) बीमारी का टेस्ट काफी महंगा होता है,जो कि आमतौर पर 4 से 10 हजार रुपये तक में होती है,लेकिन अब इसकी महंगी जांच से छुटकारा मिलेगा और यह टेस्ट सिर्फ 50 रुपये या इससे भी कम में हो सकेगा। इसकी जांच के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने पहली बार रैपिड डायग्नोस्टिक किट तैयार की है। इस किट से हीमोफीलिया-ए और खून से जुड़ी अन्य बीमारियों का पता लगाने के लिए भारत में दुनिया का सबसे सस्ता टेस्ट हो सकेगा। आईसीएमआर ने इस किट का पेटेंट भी हासिल कर लिया है। इस किट को स्पेशल पेपर से बनाया गया है।  
इसे यूज करने के लिए किसी प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर और स्पेशलिस्ट की जरूरत नहीं होगी। रोगी किसी भी प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर में हीमोफीलिया की जांच कराई जा सकेगी। इस किट में खून की बूंद पेपर पर डालने के कुछ देर बाद रिजल्ट मिल जाएगा। पिछले दिनों आए एक आंकड़े के अनुसार देशभर में हीमोफीलिया के मरीजों की संख्या 1 लाख से ऊपर है। आपको बता दें हीमोफीलिया के रोगी को खून का थक्का नहीं बनता। इस बीमारी से ग्रस्त रोगी ब्लीडिंग तमाम कोशिश के बाद भी नहीं रुकती। 
सामान्य व्यक्ति के शरीर के किसी हिस्से में चोट लगने या कटने पर कुछ देर बाद खून का थक्का बन जाता है और ब्लीडिंग रुक जाती है,लेकिन हीमोफीलिया के रोगी की ब्लीडिंग नहीं रुकती। इसलिए इस बीमारी का समय से पता चलना जरूरी है। कई बार लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती और वो इसका शिकार हो जाते हैं। 
हीमोफीलिया के लक्षण:- नाक से लगातार खून बहते रहना,मसूड़ों से खून निकलना,त्वचा आसानी से छिल जाती है,शरीर में आंतरिक रक्तस्राव के कारण जोड़ों में दर्द होता रहता है,हीमोफीलिया में सिर के अंदर भी रक्तस्राव होने से तेज सिरदर्द,गर्दन में अकड़न रहती है। शरीर पर नीले निशानों का बनना,आंख के अंदर खून का निकलना और उल्टी आना सामान्य बात है।

Tuesday, May 21, 2019

दिल होगा दुरुस्त मिनिमल इंनवेसिव कारडियक सर्जरी तकनीक द्वारा,अब नहीं करानी होगी बाईपास सर्जरी....?


दिल से जुडी तमाम बीमारियों के लिए अब तक सबसे ज्यादा असरदार इलाज बाईपास सर्जरी को माना जाता आ रहा है। पल्स रुकने से लेकर आर्टरीज के ब्लॉक होने तक लगभग सभी बीमारियों के लिए मरीज ओपन हार्ट सर्जरी काराने के लिए मजबूर होता है। भारत में हर साल करीब 60 हजार बाईपास सर्जरी की जाती हैं। इसमें न सिर्फ बड़ा खर्चा होता है ब्लकि सावधानी न बरतने पर ब्लॉकिंग और भी बढ़ जाती है और दोबारा सर्जरी करानी पढ़ती है। ऐसे में एक नई तकनीक दिल के मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। 
इस तकनीक का नाम है मिनिमल इंनवेसिव कारडियक सर्जरी यानी (एमआईसीएस) इस तकनीक की मदद से बिना बाईपास सर्जरी के हृदय संबंधी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। इसको ब्लाक हुई ब्लड वैसील्स को बाईपास करने के लिए अब तक की बेस्ट तकनीक माना गया है। इस प्रकिया में खास रिट्रेक्टर की मदद से पसलियों बिना काटे बीच से फैलाया जाता है। जबकि आम बाईपास सर्जरी में छाती की हड्डी में चीरा लगाया जाता है। पसलियों को बीच से फैलाने के बाद विशेष उपकरणों की मदद से ब्लड वैसील्स तक पहुंचा जाता है। इसके लिए खास तौर पर बने स्टेबलाइजर और पोसिशनर की मदद ली जाती है। 
ब्लड वैसील्स तक पहुंचते ही दूसरी जगह से लिए गए वैसील्स को ब्लॉक हुई ब्लड वैसील्स के साथ सिल दिया जाता है। यहां लगाए गए टांके कितने महीन होते हैं इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें इस्तेमाल होने वाली सूई की चौडाई इंसान के बाल से भी आधी होती है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान मैगनिफिकेशन ग्लास का इस्लेमाल किया जाता है। साथ ही इस प्रकिया के लिए इस्तेमाल की गई पैर की धमनियों को भी बिना किसी तरह से चीरा लगाए एंडोस्कोपी की मदद से निकाला जाता है। पारंपरिक सर्जरी के मुकाबले एमआईसीएस के कई फाएदे हैं। सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि इस में हड्डियों में चीरा नहीं लगता। इसके अलावा आम सर्जरी के मुकाबले इस प्रकिया में मरीज को बहुत कम दर्द होता है।
चीरा न लगने की वजह से घाव या इनफ़ेक्शन का खतरा भी नहीं रहता और सांस लेने में भी सकारात्मक प्रभाव पढ़ता है। सबसे जरुरी बात ये है कि क्योंकि इस प्रकिया में ज्यादा खून नहीं बहता इसलिए मरीज को अलग से खून चढ़ाने की भी जरुरत नहीं पढती। दुनिया भर में मिनिमल इंनवेसिव कारडियक सर्जरी कुछ चुनिंदा केंद्रों में ही होती है जिनमें बैंगलोर का अपोलो अस्पताल शामिल है। इस अस्पताल में अब तक 1200 से भी ज्यादा एमआईसीएस हो चुके हैं। पूरी दुनिया में एक ही केंद्र से इतने एमआईसीएस अभी तक और कहीं नहीं हुए हैं। 86 साल के मिश्रा बताते हैं कि उनकी उम्र में मिनिमल इंनवेसिव कारडियक सर्जरी होने से उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया है। वो खुश हैं और पूरी तरह से एक्टिव हैं। मोहम्मद हबीदुल्ला की कहानी अनोखी है।
इनको ब्रेन सर्जरी के लिए अस्पताल लाया गया था,लेकिन इलाज के दौरान पता चला कि इनके दिल में कई ब्लोक हैं इसके बाद पहले इनकी मिनिमल इंनवेसिव कारडियक सर्जरी की गई फिर ब्रेन सर्जरी की गई और इस सब में सिर्फ दो हफ्तों का समय लगा। अपोलो अस्पताल के सीनियर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ साई सतीश कहते हैं कि कई ऐसे भी मरीज होते हैं जिन पर सर्जरी नहीं की जा सकती, ऐसे मरीजों को मिनिमल इंनवेसिव थेरेपी से काफी फाएदा मिलेगा। नई तकनीक न सिर्फ मरीज जीनव में और साल जोड़ती है बल्कि हर साल को जीवन भी देती है। 

एक किलो अब 1000 ग्राम का नहीं रहा,हो गया रिटायर.....


अभी तक किलोग्राम के आधार पर सब्ज़ियां, फल और अनाज खरीदते हैं। उस किलोग्राम को रिटायर कर दिया गया है। फ्रांस में दुनिया के 60 वैज्ञानिकों ने वोटिंग करके किलोग्राम के सबसे बड़े पैमाने या मानक को रिटायर कर दिया है।  यानी एक किलोग्राम का वजन अब बदल गया है। आपको बता दें कि इस बदलाव का आम लोगों पर कोई असर नहीं होगा। इसको इस तरह समझिए कि एक किलो चीनी खरीदते समय आपको चीनी का एक दाना कम मिले या ज्यादा, क्या फर्क पड़ता है,लेकिन विज्ञान के प्रयोगों में इसका काफी असर होगा, क्योंकि वहां सटीक माप की जरूरत होती है। 
फ्रांस में दुनिया के 60 वैज्ञानिकों ने वोटिंग करके किलोग्राम के सबसे बड़े पैमाने या मानक को रिटायर कर दिया है यानी एक किलोग्राम का वजन अब बदल गया है। भारत ने सात आधार इकाइयों में से चार- किलोग्राम, केल्विन, मोल और एम्पीयर को फिर से परिभाषित करने के वैश्विक प्रस्ताव को सोमवार को स्वीकार कर लिया। पेरिस में पिछले साल 16 नबंवर को हुए अंतर्राष्ट्रीय बाट और माप ब्यूरो (BIPM) की जनरल कॉन्फ्रेंस ऑन वेट्स एंड मेजर्स (CGPM) में 60 देशों के प्रतिनिधियों ने सात आधार इकाइयों में से चार को फिर से परिभाषित करने के प्रस्ताव को पारित किया। आपको बता दें कि इस बदलाव का आम लोगों पर कोई असर नहीं होगा। हमारे एक किलो सब्जी खरीदने पर इसका क्या असर होगा-दरअसल, कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। 
सब्जी के ठेले पर सब्जीवाला आपको उसी काले लोहे के बाट से सब्जी तौलकर देगा। यह बस एक तौल को ज्यादा से ज्यादा सटीक बनाने का तरीका है, जिससे किसी भौतिक ईकाई से नापने की बजाए, नाप की ईकाई को प्राकृतिक बना दिया जाए। इसे दुनियाभर में 20 मई से लागू कर दिया गया। 100 से ज्यादा देशों ने माप की मीट्रिक प्रणाली को अपनाया जिसे इंटरनेशनल सिस्टम ऑफ यूनिट्स (SI) के तौर पर भी जाना जाता है जो 1889 से चलन में है। अन्य आधार इकाइयां सेकंड, मीटर और कंडेला हैं। पहले ऐसे पता करते थे एक किलो कितना होगा-एक किग्रा का वजन एक अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल का हिस्सा है। जिस पर सहमति 1889 में बनी थी। इसे इंटरनेशनल प्रोटोकॉल किलोग्राम कहा जाता है। इस प्रोटोकॉल को 'ल ग्रैंड के' भी कहा जाता है। 
इसी के तहत प्लेटिनम और इरीडियम मिक्स धातु का छोटा सिलिंडर पेरिस की संस्था ब्यूरो इंटरनेशनल दे पॉइड्स एत मीजर्स इन सेवरेस में रखा है। इसी सिलिंडर के वजन को 1 किग्रा माना जाता है। जिसे हर 30-40 साल में जांच के एक बहुत बड़े अभ्यास के लिए बाहर निकाला जाता है और दुनिया भर के बहुत से बांटों और मापों को इससे नापा जाता है। अब इसे ऐसे बदला गया-वैज्ञानिक अब माप के तौर पर प्लांक कॉन्स्टैंट का प्रयोग करेंगे। यह क्वांटम मैकेनिक्स की एक वैल्यू है। यह ऊर्जा के छोटे-छोटे पैकेट्स का भार होता है। इसकी मात्रा 6.626069934*10-34 जूल सेकेण्ड है। जिसमें सिर्फ 0.0000013% की ही गड़बड़ी हो सकती है। इससे एम्पीयर, केल्विन और मोल जैसी ईकाईयों में भी बदलाव आ सकता है।

नदी सफाई अभियानाचे कार्य प्रगतीपथावर

नागपूर: -   नागपूर महानगरपालिका आयुक्त तथा प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी यांच्या मार्गदर्शनात आणि अतिरिक्त आयुक्त श्रीमती आंचल गोयल यांच्या नेतृत...