वैज्ञानिकों के मुताबिक, हमारा मस्तिष्क प्रतिदिन 60 हजार विचार पैदा करता है और एक
सामान्य आदमी में इनमें से अधिकतर विचार नकारात्मक होते हैं। अगर रोज अपने
मस्तिष्क को हजारों नकारात्मक विचारों से भरेंगे तो खुश रहना मुश्किल ही होगा।
इसलिए खुश रहने वाले व्यक्ति दिमाग में आ रहे बुरे विचारों को अधिक देर तक पनपने
नहीं देते। वो जानते हैं कि हो सकता है जो वो सोच रहे हैं वो गलत हो, जिसे वो बुरा समझ रहे हैं वो उस तरह नहीं हो। ऐसा करने से बुरे
विचार आने के बावजूद इंसान रिलैक्स हो जाता है। दरअसल, हमारी सोच के हिसाब से मस्तिष्क में ऐसे केमिकल रिलीज होते हैं
जो हमारे मूड को खुश या दुखी करते हैं। जब आप नकारात्मक विचारों को सच मान लेते
हैं तो आप का ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और आप तनाव से भर जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ जब आप उस पर अपने नकारात्मक विचार पर संदेह करते
हैं, तो आप अनजाने में ही मस्तिष्क को रिलैक्स रहने का सिग्नल दे
देते हैं। फॉर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग
खुश रहते हैं,
वे आत्मविश्वास से लबरेज रहते हैं और दूसरों को
प्रेरित करते हैं।
कई कंपनियां हैं, जो अपने
कर्मचारियों को खुश रहने के तरीके तलाशती रहती हैं, ताकि
उनकी कार्य क्षमता बढ़े। पॉजिटिव सायकोलॉजी सेंटर वेबसाइट के अनुसार, वैज्ञानिक अध्ययनों में साबित हो चुका है कि जो लोग खुश रहते
हैं, वो ज्यादा जीते हैं। यानी खुशी बीमारियों से लड़ने का सशक्त
साधन है। आधुनिक लाइफस्टाइल, काम के साथ ही तरह-तरह के तनाव
के बीच यह जानना जरूरी हो जाता है कि खुश कैसे रहा जाए। यहां जानिए आप कैसे खुश रह
सकते हैं और बच्चों को भी सीखा सकते हैं कि जीवन में खुश रहना कितना जरूरी है। अगर
आप खुश रहना चाहते हैं तो सबसे पहले दूसरों से तुलना करने की आदत से छुटकारा पाना
होगा।
हर किसी की परिस्थितियां, परवरिश, आसपास का माहौल, सपने
अलग-अलग होते हैं, इसलिए किसी से तुलना करना बिल्कुल सही नहीं है।
आमतौर पर लोग अपनी कमजोरी ही देखते हैं और दूसरे की खूबी पर नजर रखते हैं जिससे वे
हमेशा असंतुष्ट रहते हैं। तुलना बंद करो और खुश रहने का मौका मत गंवाओ। सायकोलॉकिल
बुलेटिन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, हमेशा
हंसते हुए चेहरे देखने वाले लोग खुश रहते हैं यानी हमेशा खुश रहें। दूसरों की
खुलकर तारीफ करें। यदि किसी अन्य व्यक्ति की सफलता, उसकी
काबिलियत या उसकी अच्छाई देखकर आप चुप्पी साधे रहते हैं, या मन ही मन आपको किसी की तरक्की से घुटन महसूस होती है तो यह
भावनाएं भी आपकी खुशियों में रुकावट है।
बेहतर होगा कि आप अन्य लोगों की प्रशंसा
करना सीखें। किसी में बुराई ढूढंने की बजाए अच्छाई पर गौर कीजिए और उनके सामने ही
उनकी प्रशंसा कीजिए। इससे आप दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाकर खुद भी सुकून महसूस
करेंगे। हैप्पीनेस इंडेक्स 2019 के अनुसार, जो लोग परिवार या दोस्त के साथ ज्यादा वक्त गुजारते हैं, वो खुश रहते हैं और स्वस्थ्य भी। कोई भले ही बड़ी उपलब्धियां हासिल
कर ले लेकिन इन उपलब्धियों को पाने का उत्साह और खुशी अगर अपने परिवार-दोस्तों के
बीच न बांट पाए तो सही मायने में सब फीका ही है। इसलिए परिवार और दोस्तों के साथ
मजबूत संबंध बनाएं। खुद पर ध्यान दें कि क्या कर रहे हैं। इसी में खुशी छिपी है।
अगर कुछ गलत कर रहे हैं तो उस पर ध्यान दे, हो सकता
है आपके दुखी होने का कारण आप खुद हो। खुद की कमजोरी को पहचाने और उसे ठीक करें।
खुद में कोई कमी है जिससे आप दुखी है वो बाहर करो, आप खुद
खुश रहने लग जाओगे। हमेशा आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें, लोगों से खुलकर बात करें। किसी भी बात से हिचकिचाएं नहीं। हिचक
सफलता में रोड़ा बनती है। जीवन की छोटी-बड़ी समस्याओं को हल कर जो खुशी मिलती है, वह किसी से कम नही है।खुशी किसी भी रूप में आए, वह अच्छी है। इसलिए हर छोटी-बड़ी खुशी का आनंद लें और एक शानदार
जीवन जीएं।