ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में ये सामने आया है
कि साढ़े नौ घंटे से ज़्यादा होने पर हर एक घंटे के साथ जल्दी मौत का ये खतरा भी
उसी अनुपात में बढ़ता जाता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, नींद के समय को छोड़कर दिनभर में साढ़े नौ घंटे
या उससे ज़्यादा वक्त तक बैठे रहने से मौत का खतरा बढ़ जाता है। ये रिसर्च नॉर्वे
के ओस्लो में नॉर्वेजियन स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स साइंसेज़ में की गई है। इस रिसर्च के
लिये 36,383 प्रतिभागियों पर करीब 6 वर्षों तक नज़र रखी गई। इन लोगों की औसत उम्र 62.6 साल थी। इस रिसर्च के लिये एक्सेलेरोमीटर का
उपयोग किया गया। यह एक पहनने योग्य उपकरण है, जो जागने के
घंटो के दौरान गतिविधि की मात्रा और उसकी तीव्रता को ट्रैक करता है।
रिसर्च के
दौरान 2149 यानि 5.9 फीसदी प्रतिभागियों
की मौत हो गयी। डॉक्टर्स भी बताते हैं कि अगर हम दिन में कई घंटे बैठे-बैठे बिता
देते हैं, तो इसका असर हमारे पूरे शरीर पर पड़ता है। लंबे अर्से तक इस तरह की लाइफस्टाइल से शरीर में
कई तरह की दिक्कतें आने लगती है। पीठ दर्द, कमर दर्द जैसी
दिक्कतें तो होती ही हैं। ज़्यादा वक्त बैठे-बैठे गुज़ार देने से शरीर का
मेटाबॉलिज़्म रेट भी कम हो जाता है, जिसे मेटाबॉलिक
सिंड्रोम भी कहते हैं। इसकी वजह से शरीर में डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर, अनियंत्रित
कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिज़ीज का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट अटैक के चांसेज़ भी बढ़
जाते हैं। अगर आप कंप्यूटर या टीवी के सामने बैठते हैं, तो आंखों भी कमज़ोर हो जाती है और लंबे समय तक
धूप में नहीं निकलने की वजह से विटामिन डी की कमी भी हो सकती है, जिससे ह़ड्डियां कमज़ोर हो सकती हैं।
हालांकि, इस रिसर्च में
ये भी देखा गया है कि जब दिन में 300 मिनट यानि
पांच घंटे हल्की फुल्की फिज़िकल एक्टिविटी यानि धीरे-धीरे चलना या खाना पकाने, बर्तन धोने, जैसे काम किये
गये या फिर लगभग 24 मिनट मध्यम गति की एक्टिविटी जैसे तेज़
चलना यानि ब्रिस्क वॉकिंग जैसे काम किये गये तो शारीरक गतिविधि बढ़ने की वजह से
मौतें बहुत कम हो गईं। फिटनेस एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हम चाहें तो ऐसी कई
एक्सरसाइज हैं जिससे कुर्सी पर बैठे-बैठे भी आप खुद को फिट रखने में मदद कर सकते
हैं। दिन में कुछ मिनट ही ये स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ कर के आप कमर दर्द या पीठ दर्द
जैसी समस्याओं में फर्क नोटिस कर सकते हैं। अगर आपके ऑफिस में थोड़ी जगह है तो आप
काम से कुछ मिनट निकाल कर कुछ और एक्सरसाइज़ भी कर सकते हैं जिसके लिये आपको किसी
मशीन या इक्विपमेंट की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस के
मुताबिक भी 18 से 64 साल की उम्र
के लोगों के लिये भी हफ्ते में कम से कम 150 मिनट तक मध्यम
या 75 मिनट तक बहुत कड़ा शारीरिक परिश्रम करने की
सलाह दी गयी है।
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