Wednesday, November 27, 2019

दुश्मनों से नही इन कारणो से होते है सैनिक ज्यादा परेशान...?

हाल ही में रक्षा मंत्रालय की ओर से राज्यसभा  में रखी गई एक रिपोर्ट खासी चौंकाने वाली है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सेना के जवान दुश्मन की गोली नहीं ज़मीनी और कानूनी विवादों से ज्यादा परेशान हैं। कुछ ऐसी ही परेशानियां जवानों को तनावग्रस्त बना रही हैं,लेकिन जवानों की इस परेशानी को दूर करने के लिए सेना ने कई कदम उठाए हैं। महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य हुसैन दलवई ने एक सवाल उठाते हुए पूछा था,क्या थल सेना और वायु सेना द्वारा काउंसलिंग के लिए मानसिक सहायता हेल्पलाइन की स्थापना की गई है और किस तरह की समस्याएं जवानों में देखी जा रही हैं। 
इस सवाल के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मानसिक सहायता हेल्पलाइन की स्थापना की गई है। जो भी जवान काउंसलिंग कराना चाहता है तो उसकी सहायता की जाती है। रक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में हुसैन दलवई के सवालों का जवाब देते हुए जवानों की उन समस्याओं का खुलासा किया जो काउंसलिंग के दौरान सामने आई हैं।  वो समस्याएं कुछ इस तरह से हैं, ज़मीनी विवाद, कानूनी मामले, नींद पूरी न होना, यौन समस्याएं, वैवाहिक विवाद, छुट्टी की परेशानी, पर्सनल समस्या, कार्य स्थल पर तथाकथित उत्पीड़न आदि उजागर हुई हैं। 
जवानों में इस तरह की परेशानी सामने आते ही सेना ने साल 2017-18 में 88 और 2018-19 में 153 मनोवैज्ञानिक काउंसलर की सेवा लेना शुरु कर दिया। इसके साथ ही यूनिटों में भी साल 2017-18 में 90 और 2018-19 में 132 मनोवैज्ञानिक काउंसलर की तैनाती कर दी। वहीं वायु सेना ने अपने स्टेशनों पर 116 सिविल के प्रोफेशनल मनोवैज्ञानिक काउंसलर की सेवाएं लेना शुरु कर दिया। दूसरी ओर अपने ही 126 वायु सैनिकों को 3 महीने का प्रशिक्षण देकर उनहें अलग-अलग जगह तैनाती दी गई।


Wednesday, November 20, 2019

क्या आप भी करते है सुबह उठते ही मोबाइल चेक..... तो हो जाएं सावधान....?


अक्सर लोगों को सुबह उठते ही अपना सोशल मीडिया अकाउंट जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम या मेल चेक करने की आदत होती है। हाल ही में सामने आए शोध में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शोध में सामने आया है कि सुबह उठते ही फोन की जांच करना आपके दिमाग पर असर डालता है। सोते वक्त जब अलार्म बजता है तो लोग उसे बंद करने के लिए उठते हैं। इसके साथ ही वह ईमेल आईडी, ट्विटर या फिर मौसम और अगल-अलग चीजें खोजने लगते हैं,लेकिन आपने कभी सोचा है कि इसका आपके दिमाग पर आपके शरीर पर क्या असर पड़ता है। 
सर्वेक्षण बताते हैं कि 46 से 61 प्रतिशत लोग बिस्तर से बाहर निकलने से पहले या सुबह जागने के पांच मिनट के भीतर अपने फोन को चेक करते हैं। आप दिन की शुरुआत में सबसे पहले फोन चेक करते हैं इससे आपका माइंड डिस्टर्ब हो सकता है। शायद आपको सुबह उठते ही ऐसी न्यूज सुनने को मिले जिसकी आपने अपेक्षा नहीं की हो, इससे आप तनाव में आ जाएं। किसी इंसान का कोई मैसेज आपको सुबह उठते ही किसी तनाव की स्थिति में डाल सकता है। 
हाल ही में किए गए एक शोध के मुताबिक सुबह की शुरुआत मोबाइल से नहीं करनी चाहिए। इससे कई प्रकार की दिमागी परेशानी हो सकती है। ऐसा करने से स्ट्रेस और ऐंग्जाइटी लेवल बढ़ता है। सुबह उठकर फोन की जांच करने के बजाय आपको अन्य गतिविधि पर विचार करना चाहिए।  सुबह उठते ही सबसे पहले गर्म पानी पीना चाहिए ये सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। फोन को रात को सोने से पहले करें खुद दूर रखकर सोएं।

Monday, November 18, 2019

अयोध्या फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा.... ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB)


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मुमताज डिग्री कॉलेज में कार्यकारिणी बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने ऐलान कर दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा।  पर्सनल लॉ बोर्ड ने ये निर्णय लिया। बोर्ड की तरफ से कासिम रसूल इलियास ने कहा कि बोर्ड ने तय किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने साथ ही फैसला किया है कि मस्जिद के लिए दी गई 5 एकड़ की जमीन मंजूर नहीं है। पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक अध्यक्ष मौलाना सैय्यद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हुई।
इसमें मुख्य तौर पर सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले में दिए गए 10 निष्कर्षों मुद्दों पर चर्चा हुई। जिनमें प्रमुख रूप से सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि 1857 से 1949 तक बाबरी मस्जिद का तीन गुंबद वाला भवन और मस्जिद का अंदरूनी सदन मुसलमानों के कब्जे व प्रयोग में रहा है। अंतिम नमाज 16 दिसंबर 1949 को पढ़ी गई थी। 22/23 दिसंबर, 1949 की रात बाबरी मस्जिद के बीच वाले गुंबद के नीचे असंवैधानिक रूप से रामचंद्रजी की मूर्ति रख दी गई और बीच वाले गुंबद के नीचे की भूमि का जन्मस्थान के रूप में पूजा किया जाना साबित नहीं है। रिव्यू पिटीशन के लिए ये हैं 3 प्रमुख आधार:- 1. जब 22/23 दिसंबर 1949 की रात बलपूर्वक रखी गई रामचंद्रजी की मूर्ति और अन्य मूर्तियों का रखा जाना असंवैधानिक था तो इस प्रकार असंवैधानिक रूप से रखी गई मूर्तियों को 'देवता' कैसे मान लिया गया है? जो हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार भी देवता नहीं हो सकती हैं। 
2. जब बाबरी मस्जिद में 1857 से 1949 तक मुसलमानों का कब्जा और नमाज पढ़ा जाना साबित माना गया है तो मस्जिद की जमीन को वाद संख्या 5 के वादी संख्या 1 को किस आधार पर दे दिया गया? 3. संविधान की अनुच्छेद 142 का प्रयोग करते समय माननीय न्यायमूर्ति ने इस बात पर विचार नहीं किया कि वक्फ एक्ट 1995 की धारा 104-ए और 51 (1) के अंतर्गत मस्जिद की जमीन को एक्सचेंज या ट्रांसफर पूर्णतया बाधित किया गया है, तो कानून के विरुद्ध और उपरोक्त वैधानिक रोक/पाबंदी को अनुच्छेद 142 के तहत मस्जिद की जमीन के बदले में दूसरी जमीन कैसे दी जा सकती है? जबकि स्वयं माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने दूसरे निर्णयों में स्पष्ट कर रखा है कि अनुच्छेद 142 के अधिकार का प्रयोग करने की माननीय न्यायमूर्तियों के लिए कोई सीमा निश्चित नहीं है।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने खोली इमरान के 'नए पाकिस्तान' की पोल....


संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाए गए अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के अवसर पर पाकिस्तान के विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपने बयान में कहा कि देश आधुनिक समय के सबसे बुरी किस्म की असहिष्णुता के दौर से गुजर रहा है। राष्ट्रीय राजनीति में घुस चुके राजनैतिक खरपतवारों और चरमपंथ ने पूरे समाज को इतना नुकसान पहुंचा दिया है कि इसे समझ पाना दूभर हो रहा है। बिलावल ने कहा कि एक योजना के तहत देश में लोकतंत्र का कमजोर किया जा रहा है। 
देश में निर्णय और शासन की प्रक्रिया में जनता को अप्रासंगिक बना देने के लिए इलेक्शन (निर्वाचन) को सेलेक्शन (चयन) से बदला जा रहा है। पाकिस्तान में विपक्ष का मानना है कि इमरान सरकार को जनता ने नहीं चुना है बल्कि इसे सेना जैसे सत्ता प्रतिष्ठानों ने खुद से सेलेक्ट कर देश की सत्ता सौंप दी है। पीपीपी नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा ही न्याय, समानता और शांति पर आधारित समतामूलक समाज के लिए सहिष्णुता को बढ़ावा दिया है,लेकिन हमारे संस्थापक जुल्फिकार अली भुट्टो की न्यायिक हत्या कर दी गई और मुस्लिम जगत की पहली निर्वाचित महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को बेरहमी से कत्ल कर दिया गया। 
बिलावल ने कहा कि उनके पिता पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने खुश पाकिस्तान' का नारा दिया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सहिष्णुता के सबसे बड़े स्तंभ (जरदारी) को आज बिना किसी प्राथमिकी के जेल में रखा गया है और लगातार खराब हो रही सेहत के बावजूद उन्हें जरूरी चिकित्सकीय सुविधा नहीं दी जा रही है।

Friday, November 15, 2019

अगर आपके भी है एक से ज्यादा बैंक खाते हैं तो इन बातों का रखें ध्यान...?


केंद्र की मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में जनधन योजना के तहत करोड़ों खाते खुलवाए और उन लोगों तक भी बैंकिंग सुविधा पहुंचाई जिनके पास बैंक की सुविधा नहीं थी। जहां कई लोगों के पास एक ही खाता होता है वहीं कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास एक से ज्यादा खाते होते हैं। एक से ज्यादा खाते खोलने में कोई दिक्कत नहीं है और इस बात की इजाजत सभी को है कि हम सब अपनी जरूरत के हिसाब से किसी भी राज्य में और किसी भी बैंक में खाता खोल सकते हैं,लेकिन यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आपने एक से ज्यादा खाता खोल रखे हैं तो आपके सामने क्या-क्या परिस्थिति आ सकती हैं। अगर आपने कई खाते खोल रखे हैं और कोई बैंक खाता ऐसा है जिसका आप इस्तेमाल नहीं करते हैं तो इसे बंद करना ही ठीक है।
ऐसा इसलिए कि अब बैंक खाते में जो मिनिमम बैलेंस की रकम है वो बेहद बढ़ चुकी है और हरेक खाते में आपको अच्छी-खासी रकम न्यूनतम बैलेंस के रूप में रखनी होती है। जब अकाउंट बंद कराएं तो ये ध्यान रखें कि इससे जुड़े बीमे, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड आदि को भी उसी समय बंद करा दें जिससे आपको आगे चलकर परेशानी न हो। सैलरी अकाउंट हरेक एंप्लाई के लिए जरूरी होता है जिसमें उसकी सैलरी आती है। हालांकि अगर आपके पास ऐसा खाता है जो पहले सैलरी अकाउंट था और अब उसमें तीन महीने से सैलरी नहीं आ रही है तो वो सेविंग खाते में बदल जाता है। 
बता दें कि सेविंग खाते के लिए और सैलरी खाते के लिए नियम अलग होते हैं और अगर आप उसमें मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं तो इसपर पेनल्टी या चार्ज लगता है जो खाते से अपनेआप कट जाता है। अब इनकम टैक्स भरते समय आपको अपने हरेक खाते की जानकारी देनी होती है और इसमें साल भर मिले हुए ब्याज का लेखाजोखा देना होता है। इसके अलावा बैंकों का स्टेटमेंट भी कई बार लगाना होता है। अगर आप होम लोन लेने जाते हैं और उस समय लोन के लिए सिबिल स्कोर भी देखा जाता है और अगर कोई ऐसा खाता है जिसे आपने निष्क्रिय छोड़ रखा है तो उसकी भी जानकारी आपको देनी ही होगी।
अगर उसमें बैलेंस मेनटेन नहीं कर रखा है तो उससे भी आपको लोने लेने के क्राइटेरिया पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा लोन लेते समय एक से अधिक खाते होने पर आपको सभी बैंकों का स्टेटमेंट लगाना होता है जो कि काफी बड़ा काम हो जाता है। आपको खुद बैंक जाकर अकाउंट क्लोजर फॉर्म भरना होगा और इसी के साथ डी-लिंकिंग फॉर्म भी भरना पड़ सकता है. आपको खाता बंद करने की वजह बतानी होगी और इसी फॉर्म में दूसरे खाते की जानकारी देनी होगी जिसमें आप बंद होने वाले खाते का पैसा ट्रांसफर करवाना चाहते हैं. अगर खाता ज्वाइंट है तो अकाउंट क्लोजर फॉर्म पर दोनों खाताधारकों के सिग्नेचर होने जरूरी हैं. आपके पास अगर चेक बुक बची है तो उसे जमा करना होगा और डेबिट कार्ड भी जमा करना होगा। खाता खालने के 14 दिन के भीतर अगर खाता बंद कराते हैं तो बैंक कोई चार्ज नहीं लेगा लेकिन एक साल से पहले खाता बंद कराने पर अकाउंट क्लोजिंग चार्ज देना पड़ता है। 
आमतौर पर एक साल के बाद खाता बंद करने पर बैंक आपको कोई चार्ज नहीं वसूलता है। हालांकि ये अलग-अलग बैंकों के नियमों पर निर्भर करता है। अगर आपके खाते में 20,000 रुपये से ज्यादा भी हैं तो भी आपको बैंक से खाता बंद करते समय कैश के रूप में 20 हजार रुपये ही मिल सकते हैं। इससे ऊपर की राशि आपको उस खाते में ट्रांसफर होकर मिलेगी जिसका उल्लेख आपने अकाउंट क्लोजिंग फॉर्म में किया है। ध्यान रखने वाली बात अगर आप खाता बंद कर रहे हैं तो उसमें ज्यादा पैसा न रखें और उसे खाता बंद करने से पहले ही अपने दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लें,लेकिन मिनिमम बैलेंस की शर्त को न भूलें वर्ना बैंक खाता बंद करते समय आपसे पेनल्टी वसूल कर लेगा। इसके साथ ही अकाउंट क्लोजिंग का जिक्र करने वाला आखिरी स्टेटमेंट भी अपने पास जरूर रखे।


Thursday, November 7, 2019

जो लोग खुश रहते हैं, वो ज्यादा जीते हैं,पर कैसे....? वैज्ञानिक रिसर्च


वैज्ञानिकों के मुताबिक, हमारा मस्तिष्क प्रतिदिन 60 हजार विचार पैदा करता है और एक सामान्य आदमी में इनमें से अधिकतर विचार नकारात्मक होते हैं। अगर रोज अपने मस्तिष्क को हजारों नकारात्मक विचारों से भरेंगे तो खुश रहना मुश्किल ही होगा। इसलिए खुश रहने वाले व्यक्ति दिमाग में आ रहे बुरे विचारों को अधिक देर तक पनपने नहीं देते। वो जानते हैं कि हो सकता है जो वो सोच रहे हैं वो गलत हो, जिसे वो बुरा समझ रहे हैं वो उस तरह नहीं हो। ऐसा करने से बुरे विचार आने के बावजूद इंसान रिलैक्स हो जाता है। दरअसल, हमारी सोच के हिसाब से मस्तिष्क में ऐसे केमिकल रिलीज होते हैं जो हमारे मूड को खुश या दुखी करते हैं। जब आप नकारात्मक विचारों को सच मान लेते हैं तो आप का ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और आप तनाव से भर जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ जब आप उस पर अपने नकारात्मक विचार पर संदेह करते हैं, तो आप अनजाने में ही मस्तिष्क को रिलैक्स रहने का सिग्नल दे देते हैं। फॉर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग खुश रहते हैं, वे आत्मविश्वास से लबरेज रहते हैं और दूसरों को प्रेरित करते हैं। 
कई कंपनियां हैं, जो अपने कर्मचारियों को खुश रहने के तरीके तलाशती रहती हैं, ताकि उनकी कार्य क्षमता बढ़े। पॉजिटिव सायकोलॉजी सेंटर वेबसाइट के अनुसार, वैज्ञानिक अध्ययनों में साबित हो चुका है कि जो लोग खुश रहते हैं, वो ज्यादा जीते हैं। यानी खुशी बीमारियों से लड़ने का सशक्त साधन है। आधुनिक लाइफस्टाइल, काम के साथ ही तरह-तरह के तनाव के बीच यह जानना जरूरी हो जाता है कि खुश कैसे रहा जाए। यहां जानिए आप कैसे खुश रह सकते हैं और बच्चों को भी सीखा सकते हैं कि जीवन में खुश रहना कितना जरूरी है। अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो सबसे पहले दूसरों से तुलना करने की आदत से छुटकारा पाना होगा। 
हर किसी की परिस्थितियां, परवरिश, आसपास का माहौल, सपने अलग-अलग होते हैं, इसलिए किसी से तुलना करना बिल्कुल सही नहीं है। आमतौर पर लोग अपनी कमजोरी ही देखते हैं और दूसरे की खूबी पर नजर रखते हैं जिससे वे हमेशा असंतुष्ट रहते हैं। तुलना बंद करो और खुश रहने का मौका मत गंवाओ। सायकोलॉकिल बुलेटिन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, हमेशा हंसते हुए चेहरे देखने वाले लोग खुश रहते हैं यानी हमेशा खुश रहें। दूसरों की खुलकर तारीफ करें। यदि किसी अन्य व्यक्ति की सफलता, उसकी काबिलियत या उसकी अच्छाई देखकर आप चुप्पी साधे रहते हैं, या मन ही मन आपको किसी की तरक्की से घुटन महसूस होती है तो यह भावनाएं भी आपकी खुशियों में रुकावट है। 
बेहतर होगा कि आप अन्य लोगों की प्रशंसा करना सीखें। किसी में बुराई ढूढंने की बजाए अच्छाई पर गौर कीजिए और उनके सामने ही उनकी प्रशंसा कीजिए। इससे आप दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाकर खुद भी सुकून महसूस करेंगे। हैप्पीनेस इंडेक्स 2019 के अनुसार, जो लोग परिवार या दोस्त के साथ ज्यादा वक्त गुजारते हैं, वो खुश रहते हैं और स्वस्थ्य भी। कोई भले ही बड़ी उपलब्धियां हासिल कर ले लेकिन इन उपलब्धियों को पाने का उत्साह और खुशी अगर अपने परिवार-दोस्तों के बीच न बांट पाए तो सही मायने में सब फीका ही है। इसलिए परिवार और दोस्तों के साथ मजबूत संबंध बनाएं। खुद पर ध्यान दें कि क्या कर रहे हैं। इसी में खुशी छिपी है। 
अगर कुछ गलत कर रहे हैं तो उस पर ध्यान दे, हो सकता है आपके दुखी होने का कारण आप खुद हो। खुद की कमजोरी को पहचाने और उसे ठीक करें। खुद में कोई कमी है जिससे आप दुखी है वो बाहर करो, आप खुद खुश रहने लग जाओगे। हमेशा आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें, लोगों से खुलकर बात करें। किसी भी बात से हिचकिचाएं नहीं। हिचक सफलता में रोड़ा बनती है। जीवन की छोटी-बड़ी समस्याओं को हल कर जो खुशी मिलती है, वह किसी से कम नही है।खुशी किसी भी रूप में आए, वह अच्छी है। इसलिए हर छोटी-बड़ी खुशी का आनंद लें और एक शानदार जीवन जीएं।

इस रेलवे स्टेशन पर लगाया गया 'हेल्थ एटीएम' करेंगा लोगों का इलाज….


 भारतीय रेल की ओर से चारबाग रेलवे स्टेशन पर दो 'हेल्थ एटीएम' लगाए गए हैं। योलो हेल्थ एटीएम द्वारा प्रचारित कियोस्क 50-100 रुपये में 16 स्वास्थ्य जांच प्रदान करते हैं। यहां दो तरह के जांच उपलब्ध हैं-पहला नौ मिनट का, जिसके लिए 100 रुपये लगते हैं और दूसरा छह मिनट का जिसके 50 रुपये लगते हैं। रिपोर्ट तुंरत आपके ईमेल या स्मार्टफोन पर आ जाएगी। हेल्थ एटीएम को निजी, वॉक-इन-मेडिकल कियोस्क के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिसमें चिकित्सा उपकरण लगे होते हैं, जिसकी मदद से आप बेसिक कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पल्मोनरी टेस्टिंग, गाइनोकोलॉजी, बेसिक लैबोरेटॉरी टेस्टिंग करा सकते हैं और इसके साथ ही इसमें आपातकालीन सुविधाओं के साथ एक मेडिकल अटेनडेंट भी होता है। 
योलो हेल्थ एटीएम के राज्य प्रमुख अमरेश ठाकुर ने कहा,हर रोज करीब 50-60 लोग इस सुविधा का उपयोग कर रहे हैं। ये एटीएम यात्रियों की मदद करते हैं। तेज बुखार या किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित व्यक्ति आसानी से कम समय में इस प्रक्रिया से गुजर सकता है और यह तय कर सकता है कि उन्हें अपना सफर जारी रखना चाहिए या नहीं। योलो की योजना मुरादाबाद और बरेली में भी जल्द ही इस तरह के एटीएम लगाने की है।


Friday, November 1, 2019

भारतीय रेल में सिर्फ प्लेटफॉर्म टिकट से भी आप यात्रा कर सकते हैं, इसके लिए क्या नियम हैं जाने....?


रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत 10 रुपये है। प्लेटफॉर्म टिकट लेने के बाद कोई भी व्यक्ति 2 घंटे तक प्लेटफॉर्म पर रहा सकता है। प्लेटफॉर्म टिकट लेने के बाद अगर अचानक आपको भी यात्रा करनी पड़ती है तो ट्रेन में बैठते ही सबसे पहले टीटीई को इस बारे में जानकारी दें। 
इसके बाद टीटीई यात्री से गंतव्य तक के किराये के साथ 250 रुपये का फाइन लेंगे। हालांकि, प्लेटफॉर्म टिकट से यात्रा करने के लिए यात्री को गार्ड से एक सर्टिफिकेट लेना होता है। 
वहीं,बिना टिकट ट्रेन में बैठने के बाद भी अगर यात्री ने टीटीई को यह नहीं बताया कि उसके पास प्लेटफॉर्म टिकट है तो उससे 1260 रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता है।
इसके अतिरिक्त 6 महीने तक की कैद भी हो सकती है।



क्या खाए क्या ना खाए जिससे ऑफिस में लंच खाने के बाद नींद न आए....?


आजकल के दिनों में ब्रेकफास्ट के दौरान ओट्स (Oats) खाने का ट्रेंड बहुत बढ़ा है। इसी के साथ ही कुछ लोग हेल्दी डाइट को फॉलो करने के लिए लंच टाइम में भी ओट्स से बनी वेराइटी की रेसिपी खाते हैं,लेकिन ओट्स में मौजूद मेलाटॉनिन बॉडी को रिलैक्स कर आंखों में नींद लाता है। इसलिए इसे भी रात में ही खाएं। शकरकंद में मौजूद पोटेशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम बॉडी को रिलैक्स महसूस कराता है इसलिए आप स्वीट पोटैटो को दिन में खाने के बजाय रात में खाएं। इससे आपको रात में नींद अच्छी आएगी। पिस्ता की ही तरह बादाम भी आंखों में नींद लाता है। इसमें मौजूद ट्राइप्टोफेन और मैग्नीशियम मसल्स और नसों को आराम देकर बेहतर नींद में मदद करता है। 
दिन में एक बार एक मुठ्ठी ड्राई फ्रूट्स (काजू, बादाम, पिस्ता या फिर अखरोट) खाने चाहिए।  इसकी वजह है शरीर को हेल्दी बनाए रखना,लेकिन आप पिस्ता को दिन में खाने की वजाय रात में खाएं। क्योंकि पिस्ता में मौजूद मैग्नीशियम, प्रोटीन और विटामिन बी6 शरीर को रिलैक्स महसूस कराकर बेहतर नींद देने में मदद करता है। कई लोगों को दिन में खाना खाने के बाद ग्रीन टी या हर्बल टी पीने का बहुत शौक होता है,जिसके बाद आती है नींद। 
जी हां, हर्बल टी जैसे कैमोमाइल टी नसों को आराम पहुंचाती है और इसका नतीजा होती है शानदार नींद।  इसलिए बेहतर है कि आप इस चाय को रात को सोने से पहले पिएं। इसलिए  ऑफिस में लंच के खाने में चपाती यानी रोटी के साथ हरी सब्जी व सलाद ले। चावल भी ले सकते है लेकिन चावल से भी नींद आने की संभवना बड़ जाती है इसलिए इसे सिर्फ जरूरत के हिसाब से खाने में शामिल करे। खाने के बाद कुछ देर टहले जिससे आप हल्का महसूस करेंगे और ऑफिस में नींद आने की समस्या से बच सकते है।      

नदी सफाई अभियानाचे कार्य प्रगतीपथावर

नागपूर: -   नागपूर महानगरपालिका आयुक्त तथा प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी यांच्या मार्गदर्शनात आणि अतिरिक्त आयुक्त श्रीमती आंचल गोयल यांच्या नेतृत...