Tuesday, July 30, 2019

कैफे कॉफी डे [Cafe Coffee Day] कैसे बनी 5 लाख से 4000 करोड़ की कंपनी....


देश की सबसे बड़ी कॉफी चेन कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) [सीसीडी] की 1996 में शुरुआत हुई। 23 साल पहले सीसीडी की शुरुआत जुलाई 1996 में बेंगलूरू की ब्रिगेड रोड से हुई। शुरुआत में कॉफी शॉप को इंटरनेट कैफे के साथ खोला गया। उन दिनों युवाओं को इंटरनेट के साथ कॉफी का मजा खूब भाया। युवाओं को अपने शहर में कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) [सीसीडी] कैफे खूब पसंद आए। यहां यूथ के लिए हैंगआउट स्पॉट बन गया, जहां वे कॉफी के सिप के साथ दोस्तों से बातचीत करते और लुत्फ उठाते। धीरे-धीरे यह कॉन्सेप्ट इतना फेमस हआ कि कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) [सीसीडी] ने अपने मूल व्यवसय कॉफी के साथ अपने बिजनेस को आगे बढ़ाया। 
शुरुआत के कुछ सालों में सीसीडी ने चुनिंदा कॉफी कैफे खोले और अब यह देश की सबसे बड़ी कॉफी चेन बन गई है। आज देश ही नहीं विदेश में भी सीसीडी कैफे हैं। देश के 247 शहरों में सीसीडी के 1,758 कैफे हैं। कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) [सीसीडी] के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ के परिवार के पास कॉफी के बागान थे। उनके बागानों में महंगी कॉफी उगाई जाती थी। यहां से ही उन्हें सीसीडी का आइडिया आया। 90 के दशक में जो कॉफी दक्षिण भारत और पांच सितारा होटल्स में चलन में थी
उसे उन्होंने आम लोगों तक पहुंचाने का मन बनाया। परिवार में कॉफी के प्रति गहरी समझ के कारण ही उन्होंने सीसीडी की शुरुआत की। सिद्धार्थ के पिता ने शुरुआत में उन्हें बिजनेस के लिए 5 लाख रुपये दिए। साथ ही उन्होंने बेटे सिद्धार्थ से यह भी कहा यदि वह इसमें कामयाब नहीं हो पाए तो उन्हें अपने फैमिली बिजनेस में वापस लौटना होगा,लेकिन सिद्धार्थ के जुनून और बिजनेस में गहरी समझ के कारण आज सीसीडी 4000 करोड़ से भी ज्यादा नेटवर्क वाली कंपनी बन गई है। कौन हैं वीजी सिद्धार्थ....? कर्नाटक के चिकमंगलुरू से ताल्‍लुक रखने वाले वीजी सिद्धार्थ ने पूर्व मुख्‍यमंत्री एसएम कृष्‍णा की पुत्री से विवाह किया है। 
पोस्‍ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद उन्‍होंने मुंबई के जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड से कॅरियर शुरू किया था। बाद में वह बेंगलुरू शिफ्ट हो गए सीवान सेक्‍युरिटीज नाम से कंपनी शुरू की। 2000 में कंपनी का नया नाम ग्‍लोबल टेक्‍नोलॉजी वेंचर्स रखा गया। इसके अलावा उन्होंने 1996 में कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) चेन भी शुरू की। उनको चिकमंगलुरू की कॉफी को दुनिया में लोकप्रिय बनाने का श्रेय जाता है।

रेड वाइन अवसाद व चिंता के इलाज में मददगार....रिसर्च


अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ बफेलो में सहायक प्राध्यापक यिंग जू के मुताबिक, अवसाद और चिंता विकारों से पीड़ित रोगियों के लिए रेसवेराट्रोल दवाओं का एक प्रभावी विकल्प हो सकता है। पत्रिका न्यूरोफार्माकोलॉग' में प्रकाशित यह निष्कर्ष इस तथ्य पर प्रकाश डालती है कि कैसे रेसवेराट्रोल द्वारा न्यूरोलॉजिकल प्रक्रियाओं को प्रभावित किया जाता है। यह एक ऐसा तत्व है, जिसके असंख्य स्वास्थ्य लाभ हैं। यह अंगूर और बेरी के बीज और उनकी त्वचा में पाया जाता है. शोधकर्ताओं ने इस बात का पता तो लगा लिया है कि रेसवेराट्रोल में अवसाद को रोकने के गुण हैं, लेकिन इस तत्व का फॉस्टोडिएस्टरेज 4 (पीडीई4) से क्या संबंध है, इसका अभी पता नहीं लगाया जा सका है। 
फॉस्टोडिएस्टरेज 4 एक एन्जाइम है जो तनाव हार्मोन कॉर्टिकोस्टेरोन से प्रभावित होता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि रेड वाइन में एक ऐसा तत्व पाया जाता है, जिससे अवसाद व चिंता के इलाज में मदद मिल सकती है। पौधों से प्राप्त यह तत्व या प्लांट कंपाउंड रेसवेराट्रोल एक खास एंजाइम के स्राव को रोककर तनाव-रोधी प्रभाव दर्शाती है, जिससे चिंता नियंत्रण में रहती है। कॉर्टिकोस्टेरोन तनाव के प्रति शारीरिक क्रिया को नियंत्रित करती है। बहुत अधिक चिंता से दिमाग में इस हॉर्मोन की मात्रा में वृद्धि होती है और आखिरकार इससे तनाव और अन्य मानसिक विकारों का जन्म होता है। 
शोधकर्ताओं ने इस बात का भी खुलासा किया कि कॉर्टिकोस्टेरोन की अत्यधिक मात्रा से प्रेरित होकर पीडीई 4 तनाव और चिंता का कारण बनती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक रेड वाइन में रेसवेराट्रोल मौजूद होता है, लेकिन शराब के सेवन से नशे सहित कई और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम का खतरा बना रहता है।

Monday, July 29, 2019

इनकम टैक्स का नोटिस मिल जाए तो क्या करना चाहिए....?


आपको इनकम टैक्स का नोटिस मिल जाए तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। कई बार समय पर आईटीआर फाइल करने के बावजूद भी इनकम टैक्स का नोटिस मिल सकता है। आईटीआर भरते समय कैलकुलेशन में गलती, इनकम को सही तरीके से न भरना या फिर अत्यधिक नुकसान दिखाने जैसी वजहों से भी आपको आईटी डिपार्टमेंट का नोटिस मिल सकता है। अगर आपको इनकम टैक्स का नोटिस मिल जाए तो आपको क्या करना चाहिए- क्या कहते हैं एक्सपर्ट:-एएमआरजी ऐंड असोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन बताते हैं, टैक्स नोटिस को सिस्टम के टैक्स लॉजिक्स के आधार पर जारी किया जाता है।
करदाता केवल तभी इस तरह की नोटिस से बच सकते हैं जब वे यह सुनिश्चित कर लें कि टैक्स रिटर्न सही तरीके से सही समय पर भरा गया हो, आईटीआर और फॉर्म AS 26 में भरे गए इनकम के डीटेल्स एक समान हों, किसी वित्त वर्ष में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल 2 लाख रुपये से ज्यादा न हो, बैंक अकाउंट में पैसे जमा करने और उसे निकालने एक सीमा के अंदर हो और आईटीआर में म्यूचुअल फंड या शेयर को खरीदने या बेचने की जानकारी दी गई हो। इनकम टैक्स का नोटिस मिलने पर उसे ठीक तरह से पढ़ लें। यह ठीक तरह से पढ़ लें कि आपको किस वजह से नोटिस मिला है और इस नोटिस की गंभीरता कितनी है।
यह भी देख लें कि इस नोटिस पर रेस्पॉन्स करने की समयसीमा क्या है। नोटिस में दिए गए समयसीमा के भीतर आपको रेस्पॉन्स देना जरूरी होता है। ऐसा नहीं करने पर आप बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं। अगर डिपार्टमेंट की तरफ से किसी तरह की छानबीन चल रही है तो डिपार्टमेंट द्वारा मांगे गए सभी जरूरी डीटेल्स और डॉक्युमेंट्स उन्हें मुहैया कराएं। डिपार्टमेंट द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब नहीं देने पर आपको इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक बड़ा जुर्माना भरना पड़ सकता है। इस तरह के नोटिस से बचने के लिए आपको अपना रिटर्न समय पर भरना चाहिए और अगर किसा तरह का बकाया है तो उसे भी समय रहते चुका देना चाहिए। 
अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस काफी गंभीर है तो किसी एक्सपर्ट की सलाह लेने से न हिचकें। आपके लिए यह ज्यादा अच्छा होगा कि आप किसी काबिल चार्टेड अकाउंटेंड को हायर कर लें। हालांकि अगर आप चाहें तो खुद भी अपना केस हैंडल कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आईटीआर भरते समय आप सभी डीटेल्स और फॉर्म अपने पास जरूर सेव करके रख लें।

वैज्ञानिकों ने हासिल की बड़ी कामयाबी आकाशगंगा में खोजे 28 नए तारे....


आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के वैज्ञानिकों ने यहां आकाशगंगा गैलेक्सी में 28 नये परिवर्तनशील तारे खोजे हैं। संस्थान के निदेशक वहाबउद्दीन ने नये परिवर्तनशील तारों के निष्कर्षों को दुर्लभ उपलब्धि बताया। इन तारों की चमक बदलती रहती है। संस्थान के पूर्व निदेशक और अब यहां वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत अनिल पांडेय ने कहा कि यह पहली बार है कि कोमा बेरेनाइसीस तारामंडल के गोल तारागुच्छ एनजीसी 4147 में इन तारों की पहचान हुई है। 
पांडेय ने कहा,संस्थान के वैज्ञानिकों की खोज गोल तारागुच्छ की संरचना के बारे में जानकारी बढाने में महत्वपूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि नये परिवर्तनशील तारों की खोज के अलावा, अध्ययन से एनजीसी 4147 की आंतरिक संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होती हैं। 
यह तारागुच्छ पृथ्वी से पहले जितना सोचा गया था उससे ज्यादा पास स्थित है। पांडेय ने कहा कि डॉक्टर स्नेहलता और डॉक्टर ए के पांडेय नीत संस्थान की अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने नैनीताल के पास 2016 में स्थापित 3.6 मीटर लंबी देवस्थल ऑप्टीकल दूरबीन की मदद से तारागुच्छ एनजीसी 4147 की फोटोमेट्रिक अवलोकन किया।

Saturday, July 27, 2019

कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने में देर करने के लिए दिल्ली केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया सांसद मनोज तिवारी ने...


बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने एक पत्र लिखकर राज्य में कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने में देर करने के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। गुरुवार, 25 जुलाई को अरविंद केजरीवाल को लिखे गए पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि वे गलत धारणा बना रहे हैं कि केंद्र सरकार दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने के प्रस्ताव के खिलाफ है। मनोज तिवारी ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजधानी में करीब 1750 अनाधिकृत कॉलोनियों के रजिस्ट्रेशन के प्रस्ताव को हरी झंडी दे चुकी है। मनोज तिवारी ने कहा कि उनकी सरकार ने ही इन कॉलोनियों की कॉलोनियों के सीमांकन के लिए काम नहीं किया साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने 1,757 अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा ही नहीं है। मनोज तिवारी ने चिट्ठी में उन्हें एक सलाह भी दी है। 
उन्होंने कहा कि पक्की की जा रही कॉलोनियों में रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर की जाए और सरकार रजिस्ट्रेशन फीस में 4 प्रतिशत की छूट प्रदान करे। उन्होंने  इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह मॉडल झारखंड की बीजेपी सरकार पहले ही लागू कर चुकी है। यहां महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री कराने पर 7 फ़ीसदी की रजिस्ट्रेशन फीस माफ की जाती है। जून 2017 में झारखंड में यह योजना शुरू हुई थी और तब से अब तक महिलाओं के नाम पर 1.25 लाख प्रॉपर्टी रजिस्टर हो चुकी हैं। इससे पहले मनोज तिवारी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यही मांग की थी, जिस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जवाब दिया था। इस पर ज़रूर विचार करेंगे 


2 केलों के 442/- बिल वसूलने वाले होटल पर लगा 25000/- का जुर्माना....


बीते दिनों एक्टर राहुल बोस का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने चंड़ीगढ़ की एक होटल का दो केलों का 442 रुपए का बिल दिखाया था, एक्टर और डायरेक्टर राहुल बोस के केले वाले वीडियो पर अब होटल पर तकरीबन 50 गुना जुर्माना चार्ज किया जाएगा। इस सप्ताह की शुरुआत में आए राहुल बोस के वीडियो ने पूरे सोशल मीडिया पर तहलका कर दिया था। वीडियो में, अभिनेता ने बताया था कि चंडीगढ़ के जेडब्ल्यू मैरियट होटल में रहने के दौरान उन्हें दो केले के लिए 442.50 रुपये का शुल्क दिया गया था। खबर के अनुसार इस होटल पर अब 25000रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बता दें कि इस वीडियो में राहुल ने पूरी स्थिति स्पष्ट करते हुए कैप्शन में लिखा था,आपको यह विश्वास करने के लिए इसे देखना होगा। 
किसने कहा कि यह फल आपके अस्तित्व के लिए हानिकारक नहीं है? @JWMarriottChd पर सभी अद्भुत लोगों से पूछें। अब इस जुर्माने के बारे में बात करते अधिकारी ने मीडिया से कहा,एक दिन पहले, यूटी एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट की टीम ने होटल में बिक्री से संबंधित दस्तावेजों को भी जांचने के लिए जब्त कर लिया था कि क्या वे नियमित रूप से संबंधित कर विभाग को टेक्स और कागज जमा कर रहे हैं या नहीं। हम सभी तरह से उल्लंघनों की जांच कर रहे हैं और जिसके अनुसार ही होटल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अधिकारी ने यह भी बताया कि ताजा फल कर-मुक्त वस्तुओं के अंतर्गत आते हैं और जेडब्ल्यू मैरियट के अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन किया। आरके चौधरी, सहायक आबकारी और कराधान आयुक्त और उनकी टीम ने होटल के अधिकारियों से कहा है कि वे फल के अधिक बिल पर जवाब प्रस्तुत करें।

Thursday, July 25, 2019

पेट्रोल की कीमत पर जानकारी जिसे जानना आपके लिए जरूरी...


आपको बता दें कि IOC की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल पर 35.56 रुपये वैट और एक्साइज ड्यूटी के तौर पर चुकाए जाते है। ऐसे में अगर सरकार फैसला लेती है तो पेट्रोल 25 रुपए तक सस्ता हो सकता है। उद्योग मंडल एसोचैम ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी में शामिल करने एवं स्टांप शुल्क जैसे कुछ स्थानीय एवं कुछ राज्य टैक्स को भी इसमें शामिल करने की मांग की है। अगर ऐसा होता है तो पेट्रोल के दामों में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। IOC की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल पर 35.56 रुपये वैट और एक्साइज ड्यूटी के तौर पर चुकाए जाते है। 
इसके अलावा औसतन डीलर कमीशन 3.57 रुपये प्रति लीटर और डीलर कमीशन पर वैट करीब 15.58 रुपये प्रति लीटर बैठता है। साथ ही, 0.31 रुपये प्रति लीटर माल-भाड़े के रूप में चार्ज किए जाते हैं। इस लिहाज से 16 जुलाई को तय हुई एक लीटर पेट्रोल की कीमतों पर लगने वाले टैक्स और कमीशन नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं। अब अगर पेट्रोल जीएसटी में आता है तो क्या होगा- एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल ने बताया कि पेट्रोल की कीमत होती है लगभग उतना ही टैक्स भी लगता है। कच्चा तेल खरीदने के बाद रिफाइनरी में लाया जाता है और वहां से पेट्रोल-डीज़ल की शक्ल में बाहर निकलता है। 
इसके बाद उस पर टैक्स लगना शुरू होता है। सबसे पहले एक्साइज़ ड्यूटी केंद्र सरकार लगाती है। फिर राज्यों की बारी आती है जो अपना टैक्स लगाते हैं। इसे सेल्स टैक्स या वैट कहा जाता है।  इसके साथ ही पेट्रोल पंप का डीलर उस पर अपना कमीशन जोड़ता है। अगर आप केंद्र और राज्य के टैक्स को जोड़ दें तो यह लगभग पेट्रोल या डीजल की वास्तविक कीमत के बराबर होती है। उत्पाद शुल्क से अलग वैट एड-वेलोरम (अतिरिक्त कर) होता है, ऐसे में जब पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ते हैं तो राज्यों की कमाई भी बढ़ती है। अगर पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो आम लोगों की मौज तय है,लेकिन केंद्र और राज्य सरकार को इससे नुकसान हो सकता है। 
अगर 25 जुलाई के दाम देखें तो साफ़ है कि अगर टैक्स न लगें तो पेट्रोल के दाम काफ़ी नीचे आ जाएंगे। 73.27 रुपए प्रति लीटर का दाम टैक्स (एक्साइज़ ड्यूटी और वैट) हटने पर 37.70 रुपए प्रति लीटर रह जाएगा और अगर इसमें 28% की दर से जीएसटी जोड़ लिया जाए तो भी ये 48.25 रुपए प्रति लीटर बैठेगा अगर एक लीटर पेट्रोल 73 रुपए के बजाय 48 रुपए में बिकने लगे तो ये कितनी बड़ी राहत होगी, इसका अंदाज़ा लगाना आसान है,लेकिन क्या पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाना इतना आसान है? शायद नहीं! अर्थशास्त्री का कहना है कि अब ये फ़ैसला सिर्फ केंद्र सरकार नहीं कर सकती है। क्योंकि राज्य भी जीएसटी काउंसिल की बैठक का प्रमुख हिस्सा है।

आखिर अमीर कौन.....?


दुनिया के सबसे धनवान व्यक्ति बिल गेट्स से किसी ने पूछा -क्या इस धरती पर आपसे भी अमीर कोई है? बिल गेट्स ने जवाब दिया -हां, एक व्यक्ति इस दुनिया में मुझसे भी अमीर है। कौन! बिल गेट्स ने बताया:- एक समय मे जब मेरी प्रसिद्धि और अमीरी के दिन नहीं थे, मैं न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर था। वहां सुबह सुबह अखबार देख कर, मैंने एक अखबार खरीदना चाहा,पर मेरे पास खुदरा पैसे नहीं थे। सो, मैंने अखबार लेने का विचार त्याग कर उसे वापस रख दिया।  अखबार बेचने वाले लड़के ने मुझे देखा, तो मैंने खुदरा पैसे/सिक्के न होने की बात कही..लड़के ने अखबार देते हुए कहा- यह मैं आपको मुफ्त में देता हूँ। बात आई-गई हो गई। 
कोई तीन माह बाद संयोगवश उसी एयरपोर्ट पर मैं फिर उतरा और अखबार के लिए फिर मेरे पास सिक्के नहीं थे। उस लड़के ने मुझे फिर से अखबार दिया, तो मैंने मना कर दिया। मैं ये नहीं ले सकता। उस लड़के ने कहा, आप इसे ले सकते हैं, मैं इसे अपने प्रॉफिट के हिस्से से दे रहा हूँ। मुझे नुकसान नहीं होगा। मैंने अखबार ले लिया। 19 साल बाद अपने प्रसिद्ध हो जाने के बाद एक दिन मुझे उस लड़के की याद आयी और मैंने उसे ढूंढना शुरू किया। कोई डेढ़ महीने खोजने के बाद आखिरकार वह मिल गया। 
मैंने पूछा- क्या तुम मुझे पहचानते हो ? लड़का - हां, आप मि.बिल गेट्स हैं। गेट्स:- तुम्हे याद है, कभी तुमने मुझे फ्री में अखबार दिए थे? लड़का:- जी हां, बिल्कुल.. ऐसा दो बार हुआ था.. गेट्स:- मैं तुम्हारे उस किये हुए की कीमत अदा करना चाहता हूँ.. तुम अपनी जिंदगी में जो कुछ चाहते हो, बताओ, मैं तुम्हारी हर जरूरत पूरी करूंगा।  लड़का:- सर, लेकिन क्या आप को नहीं लगता कि, ऐसा कर के आप मेरे काम की कीमत अदा नहीं कर पाएंगे। गेट्स:- क्यूं ..!!! लड़का:- मैंने जब आपकी मदद की थी, मैं एक गरीब लड़का था, जो अखबार बेचता था। आप मेरी मदद तब कर रहे हैं, जब आप इस दुनिया के सबसे अमीर और सामर्थ्य वाले व्यक्ति हैं.. फिर, आप मेरी मदद की बराबरी कैसे करेंगे...! 
बिल गेट्स की नजर में, वह व्यक्ति दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति से भी अमीर था, क्योंकि--किसी की मदद करने के लिए, उसने अमीर होने का इंतजार नहीं किया था.... अमीरी पैसे से नहीं दिल से होती है दोस्तों किसी की मदद करने के लिए अमीर दिल का होना भी बहुत जरूरी है।

Tuesday, July 23, 2019

अब किसान विकास पत्र द्वारा 113 माह में दोगुनी होगी जमा पूंजी..


वित्त मंत्रालय ने किसान विकास पत्र नियम, 2014 में संशोधन करते हुए कहा कि 1 जुलाई, 2019 से किसान विकास पत्र [KVP] में रखी गई राशि 9 साल 5 महीने यानी 113 माह में दोगुनी होगी। अभी तक यह 9 साल 4 महीने यानी 112 माह में दोगुनी होती है। सरकार ने छोटी बचत योजना में शामिल किसान विकास पत्र पर मिलने वाली ब्याज दर को घटा दिया है। इसके साथ ही अब पैसा दोगुना होने में भी ज्यादा समय लगेगा। KVP में निवेश की गई राशि अब 9 साल 5 महीने में दोगुनी होगी। अभी तक केवीपी में निवेश की गई राशि 9 साल 4 महीने में दोगुनी होती है। ब्याज दरों में गिरावट के मद्देनजर सरकार ने केवीपी की परिपक्वता की अवधि एक महीने बढ़ा दी है। 
सितंबर तिमाही के लिए किसान विकास पत्र पर देय ब्याज को घटाकर 7.6 फीसदी कर दिया गया है।  अप्रैल-जून की अवधि में यह 7.7 फीसदी था। सरकार लघु बचत के उत्पादों पर ब्याज दरों में प्रत्येक तिमाही में संशोधन करती है। कोई भी व्यक्ति KVP में 1,000 रुपये के गुणाकार में निवेश कर सकता है। KVP 1,000 रुपये, 5,000 रुपये, 10,000 रुपये और 50,000 रुपये के मूल्य में जारी किया जाता है। KVP की बिक्री पोस्ट ऑफिस से की जाती है। KVP सर्टिफिकेट को जारी करने की तारीख के बाद ढाई साल में भुनाया जा सकता है। 
ढाई साल बाद परिपक्वता अवधि से पहले केवीपी को भुनाने पर प्रत्येक 1,000 रुपये के निवेश पर 1,173 रुपये मिलेंगे। तीन साल के बाद केवीपी को भुनाने पर प्रत्येक 1,000 रुपये पर 1,211 रुपये और साढ़े तीन साल बाद निकासी पर प्रत्येक 1,000 रुपये पर 1,251 रुपये दिए जाएंगे। नौ साल और पांच महीने में केवीपी में किया गया निवेश दोगुना हो जाएगा।

Monday, July 22, 2019

तीन दिन में तैयार की इलेक्ट्रिक रॉकेट बाइक 2 घंटे चार्ज पर चलेगी 40 किमी….


विशाखापत्तनम इलेक्ट्रिक गाड़ियों के शुरू हुए दौर में एक युवक ने इलेक्ट्रिक रॉकेट बाइक तैयार की है खास बात यह है कि इसकी कीमत सिर्फ 16 हजार रुपये है। जी गौतम नाम के इस युवक ने पॉप्युलर अमेरिकी ऑटोमोटिव कंपनी से प्रेरणा लेकर यह रॉकेट बाइक बनाई है। गौतम का दावा है कि उन्होंने सिर्फ तीन दिन में यह बाइक तैयार कर ली। जी गौतम ने बताया कि इस इलेक्ट्रिक बाइक में 36-वोल्ट की लिथियम बैटरी और 350-वॉट हब मोटर का इस्तेमाल किया गया है। 2 घंटे चार्ज करने पर यह बाइक 40 किलोमीटर तक चलेगी। इसकी टॉप स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटा है। 
[डेटा साइंस में पोस्टग्रैजुएट जी गौतम 
यह इलेक्ट्रिक रॉकेट बाइक आवाज नहीं करती और पलूशन फ्री भी है। बाइक में हैंडब्रेक सिस्टम दिया गया है। डेटा साइंस में पोस्टग्रैजुएट जी गौतम इससे पहले भी अपने खास आविष्कारों के लिए चर्चा में रहे हैं। गौतम इससे पहले स्टीयरिंग लेस कार, हाइब्रिड बाइक और रेनबो स्कूटर बनाने के लिए चर्चा में रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्टीयरिंग लेस कार को मात्र 32 हजार रुपये में बनाया था। गौतम का कहना है कि उनकी स्टीयरिंग लेस कार भारत की पहली स्टीयरिंग लेस कार कही जा सकती है। वह अपने इन खास आविष्कारों का पेटेंन भी करा रहे हैं। गौतम ने बताया कि उन्होंने रॉकेट बाइक और स्टीयरिंग लेस कार के पेटेंट के लिए आवेदन किया है।

Friday, July 19, 2019

महामृत्युंजय मंत्र का जप सावन में देता है सौ गुणा फल...जाने आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व...


 सावन के पवित्र महीने में भोले नाथ अर्थात शिव शंकर को प्रसन्न करना है तो महामृत्युंजय मंत्र का जा बीमारियां और हर तरह की मानसिक एवं शारीरिक परेशानियों को दूर करने के लिए बहुत असरदार माना गया है। ग्रंथों का मानना है कि इससे अकाल मृत्यु के योग भी टल सकते हैं। स्वर विज्ञान के हिसाब से देखा जाए तो महामृत्युंजय मंत्र के अक्षरों का विशेष स्वर के साथ उच्चारण किया जाए तो उससे उत्पन्न होने वाली ध्वनी से शरीर में जो कंपन होता है। जिससे उच्च स्तरीय विद्युत प्रवाह पैदा होता है और वो हमारे शरीर की नाड़ियों को शुद्ध करने में मदद करता है।
# पूर्ण महामृत्युंजय मंत्र:- ऊं हौं जूं सः ऊं भूर्भुवः स्वः ऊं त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ऊं स्वः भुवः भूः ऊं सः जूं हौं ऊं महामृत्युंजय मंत्र का आध्यात्मिक महत्व:- इसके पीछे सिर्फ धर्म नहीं है, पूरा स्वर सिद्धांत है। इसे संगीत का विज्ञान भी कहा जाता है। महामृत्युंजय मंत्र की शुरुआत ऊँ से होती है। लंबे स्वर और गहरी सांस के साथ ऊँ का उच्चारण किया जाता है। इससे शरीर में मौजूद सूर्य और चंद्र नाड़ियों में कंपन होता है। हमारे शरीर में मौजूद सप्त चक्रों में ऊर्जा का संचार होता है। जिसका असर मंत्र पढ़ने वाले के साथ मंत्र सुनने वाले के शरीर पर भी होता है। इन चक्रों के कंपन से शरीर में शक्ति आती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इस तरह स्वर और सांस के तालमेल के साथ जाप करने पर बीमारियों से जल्दी मुक्ति मिलती है।
# वैज्ञानिक महत्व महामृत्युंजय मंत्र के हर अक्षर का विशेष महत्व और विशेष अर्थ है। प्रत्येक अक्षर के उच्चारण में अलग-अलग प्रकार की ध्वनियां निकलती हैं तथा शरीर के विशेष अंगो और नाड़ियों में खास तरह की कम्पन पैदा करती हैं। इस कंपन के द्वारा शरीर से उच्च स्तरीय विद्युत प्रवाह पैदा होता है। इस विद्युत प्रवाह से निकलने वाली तरंगे वातावरण एवं आकाशीय तरंगो से जुड़कर कर मानसिक और शारीरिक उर्जा देती है।# धार्मिक महत्व:- ये मंत्र ऋग्वेद और यजुर्वेद में भगवान शिव की स्तुति में लिखा है। इनके अलावा पद्मपुराण और शिवपुराण में भी इस महामंत्र का महत्व बताया गया है। 
शिव पुराण के अनुसार इस मंत्र का जाप करने से लंबी उम्र, आरोग्य, संपत्ति, यश और संतान प्राप्ति भी होती है। वहीं इस मंत्र का जप करने से 8 तरह के दोषों का भी नाश होता है। इस महामंत्र से कुंडली के मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, रोग, दुःस्वप्न, गर्भनाश, संतानबाधा जैसे कई दोषों का नाश होता है। पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन पर देवाताओं और असुरों की लड़ाई के समय शुक्राचार्य ने अपनी यज्ञशाला मे इसी महामृत्युंजय मंत्र के अनुष्ठान का उपयोग देवताओं द्वारा मारे गए राक्षसों को जीवित करने के लिए किया था। इसलिए इसे मृत संजीवनी के नाम से भी जाना जाता है।

महिलाओं को पीरियड्स के दौरान क्या करना क्या नही करना चाहिए...? सद्गुरु ने बताया मार्ग...


ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु भारत के मशहूर योगी और सूफी संत और लेखक हैं। उनका पूरा नाम जग्गी वासुदेव हैं। सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने महिलाओं के पीरियड्स के दौरान धार्मिक कार्य, रसोई या पूजा स्थलों में प्रवेश करने से रोकने की प्रथा पर बचाव किया है। सद्गुरु ने महिलाओं के पीरियड्स के दौरान मंदिर में प्रवेश और धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल नहीं होने का कारण बताया है। उन्होंने कहा कि मैं नहीं जानता कि  आपने ध्यान दिया है या नहीं। एक समय हर शिव मंदिर के आंगन में एक इमली का पेड़ हुआ करता था। इन पेड़ों को मंदिर के बाहर इसलिए लगाया जाता था क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि नेगेटिव एनर्जी देवताओं के आस-पास रहने का अवसर खो दें। इसलिए उन्होंने एक ऐसी जगह बना दी, जहां भूत-प्रेत देवताओं के स्थान यानी मंदिर के आस-पास रह सके।                                              
ऐसे में अगर एक महिला पीरियड्स में है और वह मंदिर या किसी धार्मिक स्थल में प्रवेश करती है तो उसके भूत-प्रेत या नेगेटिव एनर्जी से आकर्षित होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। सद्गुरु ने पीरियड्स के दौरान महिलाओं के बाहर न निकलने का कारण बताया। उन्होंने कहा कि आज जैसी परिस्थितियां है वैसी पहले नहीं थीं। पहले दुनिया जंगली जानवरों से भरी हुई थी। वन्य जीवन के लिए कोई खास क्षेत्र नहीं थे। हर जगह वन्यजीव विचरण करते थे। उस समय आप वन्य जीवन के साथ ही रहते थे। सदगुरु ने बताया कि जब महिलाएं पीरियड्स में होती हैं तो उनके शरीर से खून की गंध आती है। उस समय अगर आप बाहर जाएं, तो आपका जीवन खतरे में हो सकता है। मांसाहारी जानवर खून की गंध से आप पर हमला कर सकते हैं।
सदगुरु ने कहा कि सबसे अच्छा ये है कि महिलाएं पीरियड्स के दौरान बाहर न निकलें और कमरे में ही रहें। अगर वे बाहर आती हैं तो अपना जीवन खतरे में डाल रही हैं। क्योंकि जंगली जानवर 1 मील दूर से ही खून की गंध को पहचान लेता है। इस वजह से पीरियड्स के दौरान महिलाओं को भीतर होना चाहिए, न कि बाहर।

कम पैसे में एसी ट्रेन में सफर [गरीब रथ ट्रेन] का भविष्य संकट में....


2006 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने गरीब रथ ट्रेन की शुरुआत गरीबों को ध्यान में रख कर की थी। मक़सद गरीबों को कम पैसे में एसी ट्रेन की सुविधा देना था। रेल मंत्रालय जल्द ही गरीब रथ ट्रेन को बंद करने पर गंभीर हो चुका है। इस कड़ी में हफ्तेभर के भीतर दो गरीब रथ ट्रेनों के कम्पोजीशन भी बदले जा चुके हैं। पूरी तरह से थर्ड एसी इस ट्रेन में स्लीपर कोच भी जोड़े गए और भाड़ा भी रेलवे ने बढ़ा दिया। कम पैसे में एसी ट्रेन में सफर करने का सपना साकार करने वाली पटरी पर दौड़ती गरीब रथ ट्रेन को मंत्रालय बेपटरी करने की तैयारी में है।  शुरुआत काठगोदाम से जम्मू और कानपुर सेंट्रल गरीब रथ से हो चुकी है। उसके रेक बदल गए और पूरी तरह से थर्ड एसी ट्रेन में स्लीपर का बॉगी भी जोड़ दिया गया। 
इन दोनों गरीब रथ में महज़ 4 डिब्बे थर्ड एसी के रह गए और 7 डिब्‍बे स्लीपर के इसमें जोड़ दिया गए। जहां काठगोदाम से जम्मू का भाड़ा पहले 755 रुपये था उसको बढ़ाकर 1070 रुपये कर दिया गया। वहीं काठगोदाम से कानपुर सेंट्रल गरीब रथ का भाड़ा जो 475 रुपये होता था उसको बढ़ाकर 675 रुपये कर दिया गया। फिलहाल इन ट्रेनों की तादाद 26 है। रेल राज्यमंत्री सुरेश अगड़ी से गरीब रथ ट्रेन को बंद करने को लेकर सवाल पूछा गया तो जवाब गोल गोल मिला कहा जब जिसको जो सुविधा चाहिए दे रहे हैं। सबको सी चाहिए सबको सी दे रहे हैं। भारत बदल रहा है। भाड़े को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है।


Tuesday, July 16, 2019

एचआईवी से ज़्यादा तेज़ी से फैल रही है सिफिलिस बीमारी क्या...?


यौन संबंधों से फैलने वाली संक्रामक बीमारी सिफिलिस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ये भी खुलासा हुआ है कि एचआईवी से ज़्यादा तेज़ी से ये बीमारी फैल रही है। रोग निवारण एवं नियंत्रण के लिए बने नए यूरोपियन सेंटर के अध्ययन में इस बीमारी को लेकर और भी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आइसलैंड के आंकड़े तो ये कह रहे हैं कि सिफिलिस के मरीज़ों की संख्या में 850 फीसदी तक वृद्धि हुई है। इसी समय के दौरान केवल दो देश एस्टोनिया और रोमानिया रहे, जहां मरीज़ों की संख्या घटकर आधी या उससे भी कम रह गई है। सिफिलिस को लेकर आई ईसीडीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष इस बीमारी के ज़्यादा शिकार हैं। आंकड़ों के हिसाब से 2017 में प्रति लाख पुरुषों में से 12.1 सिफिलिस के मरीज़ हैं, वहीं प्रति लाख में से 6.1 महिलाएं, हालांकि इन आंकड़ों में एक राहत की बात है कि 2005 से बच्चों में पैदाइशी तौर पर इस रोग के पाए जाने की संख्या में कमी आई है। यूरोप के अलावा अमेरिका और जापान जैसी जगहों पर महिलाओं को सिफिलिस होने के मामले बढ़ते दिख रहे हैं। क्या है ये बीमारी और क्या है इलाज? सिफिलिस एसटीआई यानी यौन संचरित संक्रमण है, जो ट्रेपानिमा पैलिडम नाम के बैक्टीरिया के कारण फैलता है और इसके लक्षण अलग अलग स्टेजों पर अलग अलग होते हैं।
संक्रमित रोगी अगर शुरूआती स्टेज पर है तो बगैर दर्द वाला अल्सर प्रमुख लक्षण है, जो ज़्यादातर गुप्तांगों या होंठों जैसे दूसरे अंगों पर भी हो सकता है। कुछ मामलों में ऐसे अल्सरों में दर्द की शिकायतें भी देखी जा चुकी हैं। आगे की स्टेज में, पूरे शरीर पर खराशों या लकीरों के निशान दिखते हैं। हथेलियों और तलवों पर ज़ख्म हो जाना आम लक्षण होते हैं। कुछ मरीज़ों में हाथ और पैर में ऐसे ज़ख्म नहीं देखे गए बल्कि खोपड़ी, धड़ और लिम्ब्स पर रैशेज़ पाए गए। अंतिम या खतरनाक स्टेज पर मरीज़ के अंगों पर रोग का हमला होता है। विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि यह संक्रमण इसलिए खतरनाक है क्योंकि इसके लक्षण कई मामलों में दिखते नहीं हैं,लेकिन असुरक्षित यौन संबंधों से यह बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है। इस बीमारी का इलाज आसान भी है और ज़्यादा महंगा भी नहीं है, लेकिन दिक्कत ये है कि कई बार लक्षण न दिखने पर इस बीमारी का पता देर तक चलता ही नहीं है,लेकिन ध्यान न दिए जाने पर ये बीमारी कठिन स्टेज पर पहुंच जाती है और इसके चलते एचआईवी का खतरा भी बढ़ जाता है। दूसरी ओर ये बीमारी गर्भ में पल रहे शिशु को प्रभावित करती है और उसे जन्मजात सिफिलिस हो सकता है। 
विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता बढ़ाना ही इस संक्रमण से बचाव का सबसे सही रास्ता है। यौन संबंध, गुप्त रोग, यौन संक्रमण बीमारी, खतरनाक यौन संक्रमण, एड्स का इलाज ईसीडीसी की रिपोर्ट में सिफिलिस का बड़ा कारण समलैंगिक संबंधों को माना गया है। कारण है सोशल मीडिया? असुरक्षित यौन संबंधों के कारण फैलने वाले इस संक्रमण पर ईसीडीसी की रिपोर्ट में बड़ा कारण समलैंगिक संबंधों को माना गया है। इसके अलावा टुडे की रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि सोशल मीडिया पर डेटिंग वेबसाइटों के कारण लोग कैज़ुअल सेक्स या कई पार्टनरों के साथ यौन संबंध बनाने की तरफ बढ़े हैं। ये एक बड़ा कारण है, जिससे इस रोग के मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है। इनके अलावा और भी कारण हैं जैसे एड्स से बचाव के लिए कुछ दवाएं चलन में आ चुकी हैं। इन दवाओं का सेवन करने के बाद सेक्स करने पर एड्स नहीं होता।  ऐसे दावों के चलते लोग इन दवाओं का सेवन करने के बाद असुरक्षित तरीके से यानी बगैर कंडोम इस्तेमाल किए यौन संबंध बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं, जिसके कारण सिफिलिस जैसे संक्रमण की आशंकाएं बढ़ रही हैं। 
एक समाचार पोर्टल टुडे ऑनलाइन के मुताबिक गए ज़माने की सिफिलिस बीमारी को दुनिया में भुलाया जा चुका था, लेकिन ये फिर दुनिया भर में वापसी कर चुकी है। सिंगापुर के स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि केवल सिंगापुर जैसे छोटे देश में ही पिछले पांच सालों में हर साल डेढ़ हज़ार नए मरीज़ बढ़ रहे हैं। वहीं, यूरोपियन सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार 2010 में ये बीमारी अपने न्यूनतम प्रभाव में थी, जबकि इसके बाद के सालों में ये तेज़ी से बढ़ी है और यूरोप में तो स्थिति भयानक हो रही है। क्या कहते हैं आंकड़े? यूरोपियन सेंटर यानी ईसीडीसी के मुताबिक साल 2017 में ही सिफिलिस के 33 हज़ार से ज़्यादा नए मरीज़ सामने आए। पूरे यूरोप में ये बीमारी तेज़ी से फैली है और अब तक 2 लाख 60 हज़ार से ज़्यादा प्रमाणित केस सामने आ चुके हैं। 2010 में जहां हर एक लाख लोगों में से औसतन 4.2 लोगों को ये बीमारी होना पाया गया था, 2017 में ये औसत 7.1 देखा गया। यूरोप के 15 देशों में 15 फीसदी मरीज़ों की बढ़ोत्तरी हुई।  पांच देशों आइसलैंड, आयरलैंड, यूके, जर्मनी और माल्टा में 100 फीसदी या उससे भी ज़्यादा मरीज़ बढ़े।


नदी सफाई अभियानाचे कार्य प्रगतीपथावर

नागपूर: -   नागपूर महानगरपालिका आयुक्त तथा प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी यांच्या मार्गदर्शनात आणि अतिरिक्त आयुक्त श्रीमती आंचल गोयल यांच्या नेतृत...