सऊदी अरब की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी अरामको
पर हाल में ड्रोन से हमला किया गया। पंजाब में भारत- पाकिस्तान
सीमा पार से यूएवी के माध्यम से हथियार गिराए जाने से सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां
सतर्क हो गई हैं। ये एजेंसियां कुछ ड्रोन भेदी तकनीक पर गौर कर रही हैं जिसमें
स्काई फेंस, ड्रोन गन, एटीएचईएनए, ड्रोन कैचर और स्काईवॉल 100 शामिल हैं ताकि संदिग्ध घातक रिमोट
संचालित प्लैटफॉर्म को पकड़कर निष्क्रिय किया जा सके। आईपीएस अधिकारी और राजस्थान
पुलिस में अतिरिक्त महानिदेशक पंकज कुमार सिंह की इंडियन पुलिस जर्नल में हाल में
प्रकाशित पत्र ड्रोन्स: अ न्यू फ्रंटियर फॉर पुलिस में इन नई तकनीक के बारे में बताया गया है। पत्र में बताया गया
है कि ड्रोन गन रेडियो, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और
ड्रोन तथा पायलट के
बीच मोबाइल सिग्नल पकड़ने और ड्रोन द्वारा नुकसान पहुंचाने से पहले उसे नष्ट करने
में सक्षम है।
ड्रोन की बढ़ती संख्या भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बनी
हुई है। हाल ही में पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियार गिराए गए थे।
इसके बाद से ही ड्रोन के जरिए आसमानी हमले को लेकर भारत भी सतर्क हो गया है। देश
में छह लाख से अधिक बिना नियमन वाले मानवरहित एयर वीइकल (UAV) हैं। सुरक्षा एजेंसियां आधुनिक ड्रोन भेदी हथियारों जैसे स्काई
फेंस
और ड्रोन गन पर काम कर रही हैं,ताकि
हवाई हमलों से निपटा जा सके। आतंकी भी अब हमले के लिए ड्रोन टेक्नॉलजी का इस्तेमाल
करने में पीछे नहीं हैं। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय
एजेंसियों ने इस बारे में एक आधिकारिक रूपरेखा तैयार की है। इसमें बताया गया है कि
बिना नियमन वाले ड्रोन, यूएवी और रिमोट कंट्रोल सिस्टम
महत्वपूर्ण ठिकानों, संवेदनशील स्थानों और विशिष्ट
कार्यक्रमों के लिए संभावित खतरा हैं और उनसे निपटने के लिए उचित समाधान की जरूरत
है।
इन एजेंसियों द्वारा की गई स्टडी में कहा गया है कि छह लाख से अधिक विभिन्न
आकार और क्षमताओं के बिना नियमन वाले ड्रोन वर्तमान में देश में मौजूद हैं और
विध्वंसकारी ताकतें अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिए उनमें से किसी का भी
इस्तेमाल कर सकती हैं। पत्र में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में डिजाइन किए गए इस हथियार का प्रभावी रेंज दो
किलोमीटर है। इसमें बताया गया है कि किसी घातक ड्रोन को रोकने का एक और समाधान
स्काई फेंस प्रणाली है, जो उसके उड़ान पथ को रोककर
लक्ष्य तक पहुंचने से रोकता है। अधिकारियों ने बताया कि इन ड्रोन भेदी हथियारों का
प्रोटोटाइप हाल में हरियाणा के भोंडसी में बीएसएफ शिविर के पास खुले खेत में
दिखाया गया।
ड्रोन भेदी प्रौद्योगिकी पर पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो की तरफ से
आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के तहत इनका प्रदर्शन किया गया। बेंगलुरू की कंपनी
बीईएमएल और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और अन्य ने इस क्षेत्र में उपलब्ध
नवीनतम प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया।
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