Tuesday, April 30, 2019

अपने जमाने की एवरग्रीन ब्यूटी रेखा बोल्ड सीन देने नही थी पीछे...


बॉलीवुड की एवरग्रीन ब्यूटी रेखा का जन्म 10 अक्टूबर, 1954  में हुआ था। प्रतिभाशाली रेखा को हिन्दी फिल्मों की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है। प्रतिभाशाली रेखा को हिन्दी फिल्मों की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है। रेखा ने अपने 40 साल के फिल्मी सफर के दौरान बॉलीवुड को एक से एक नायाब फिल्म थी। आज हम आपको रेखा की उन फिल्मों से रुबरु करवाते हैं जिनमें उन्होंने बोल्ड सीन देने में कभी खुद को पीछे नहीं रखा। 
उत्सव:- निर्देशक गिरीश कर्नाड की साल 1984 में आई फिल्म उत्सवमें रेखा लीड रोल में थीं। इस फिल्म में वह वसंतसेना नाम की एक ऐसी महिला के रोल में नजर आईं जो एक गरीब आदमी से रिश्ता बनाती है। खास बात ये है कि इस फिल्म में शेखर सुमन और रेखा के बोल्ड सीन हैं। हांलाकि फिल्म पर्दे पर नहीं चली लेकिन रेखा के बोल्ड सीन से फैंस जरूर रुबरु हुए थे। घर:- साल 1978 में आई निर्देशक मनिक चैटर्जी की फिल्म घर रेखा के करियर की बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जाती है। इस फिल्म में रेखा के साथ पर्दे पर नजर आए थे अभिनेता विनोद मेहरा। इस फिल्म में रेखा और विनोद मेहरा के कई बोल्ड सीन दिखाए गये।
खून भरी मांग:- राकेश रोशन की 1988 में फिल्म खून भरी मांग भी इसी लिस्ट में शामिल है। फिल्म में राकेश रोशन ने कैमियो भी किया था। इस फिल्म में रेखा की शानदार एक्टिंग के लिए बहुत से अवार्ड्स मिले। इस फिल्म में रेखा ने अपने किरदार में जान डालने की पूरी कोशिश की।
इसमें उनके और अभिनेता कबीर बेदी के कुछ बोल्ड सीन फिल्माए गये थे। खिलाड़ियों का खिलाड़ी:- अभिनेता अक्षय कुमार की पर्दे पर सफल फिल्म खिलाड़ियों का खिलाड़ी में भी ऐसा ही कुछ नजारा फैंस को देखने को मिला था। साल 1996 में आई निर्देशक उमेश मेहरा की फिल्म खिलाड़ियों का खिलाड़ी,अक्षय कुमार और रेखा के लिए सुपर हिट साबित हुई थी। इस फिल्म में अक्षय और रेखा के कुछ बोल्ड सीन थे, जिसके बाद इनके अफेयर की खबरें सामने आने लगी थीं। 
 आस्था:- बोल्ड सीन देने वाली फिल्मों की लिस्ट में साल 1997 में आई निर्देशक बासू भट्टाचार्य की फिल्म आस्था”  इन द प्रिजन ऑफ स्प्रिंगका नाम भी लिया जाता है। इस फिल्म में रेखा के अलावा ओम पुरी और नवीन निश्चल थे। फिल्म का पोस्टर देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि फिल्म में किस हद तक बोल्डनेस होगी। रेखा ने ओम पुरी और नवीन निश्चल के साथ इंटिमेट सीन दिये थे।

जाने नींबू–मिर्ची लगाना अंधविश्वास या कोई वैज्ञानीक रहस्य...?


अगर आप सोचते हैं कि ये नींबू-मिर्च वाला जुगाड़ हमेशा से टोटके के रूप में इस्तेमाल होता रहा है। इस टोटके के पीछे की पौराणिक और वैज्ञानिक तर्क जो इसे भारत में इसे इतना लोकप्रिय बनाते हैं। अक्सर आपने अपने आस-पास दुकानों, घरों या गाड़ियों में और अन्य कई स्थानों पर 7 हरी मिर्च के साथ 1 नींबू को टंगा हुआ देखा होगा। कई लोगों को ये अटपटा और बेतुका लगता है तो वहीं कई लोग मानते हैं कि ये ऐसा टोटका है जिससे बुरी शक्तियां हमारे आस-पास से दूर रहती हैं। इसे आम भाषा में नजरबट्टू के नाम से जाना जाता है। नजरबट्टू यानी बुरी नजर से बचाने वाला।  हालांकि कई लोगों का विश्वास है कि इसका महत्व महज एक टोटके से बढ़कर काफी तर्कसंगत है। 
पुराने समय में लोगों के पास दूर जाने के लिए कोई सवारी नहीं हुआ करती थी और कच्ची और टूटी सड़कों पर सवारी लेकर निकलना बड़ी टेढ़ी खीर होता था। इसलिए उस समय लोग पैदल ही जंगलो और खेतों के रास्ते दूर-दूर तक यात्रा किया करते थे। सफ़र में वे हमेशा अपने साथ नींबू और मिर्च रखा करते थे। इसके पीछे थी एक वजह दरअसल, इन दोनों का अपना महत्व था। लम्बे सफ़र में चलते रहने के कारण जाहिर सी बात है लोगों को प्यास लगती थी, तो वे पानी में नींबू को निचोड़ कर उसका घोल बनाकर पी लेते थे। इससे उनकी प्यास भी मिटती थी और डिहाईड्रेशन यानी निर्जलीकरण के ख़तरे से भी बच जाते थे। दूसरी ओर मिर्च का इस्तेमाल सांप का डंक जहरीला था या नहीं इसकी पहचान करने के लिए किया जाता था। 
दरअसल जंगलों और खेतों से पैदल निकलने के कारण कई बार लोगों के सांप और अन्य जहरीले जीवों के डंक का सामना करना पड़ता था। जैसे ही उन्हें कोई सांप काटता था वह मिर्च खा लेते। अगर मिर्च का तीखापन उनकी जीभ पर महसूस हुआ मतलब सांप जहरीला नहीं था और अगर उन्हें जीभ पर कुछ भी आभास नहीं हुआ तो सांप जहरीला था। आगे बढ़ते समय के साथ लोगों के मन में यह गलत धारण स्थापित हो गई कि यह तरकीब सफ़र में बुरी नज़र से बचाने का काम करता है।
हिन्दु धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी लक्ष्मी को धन-धान्य और संपन्नता की देवी माना जाता है। कथाओं के अनुसार देवी लक्ष्मी की एक जुड़वा बहन भी हैं जिनका नाम अलक्ष्मी है। अलक्ष्मी को दुर्भाग्य और अनिष्ठ की देवी माना जाता है। श्रृद्धालु आम तौर पर देवी लक्ष्मी को अपने घर बुलाने और उनपर कृपा दृष्टि बनाए रखने के लिए मीठे पकवानों और फलों का भोग लगाते हैं, उसी प्रकार ऐसा माना जाता है कि अलक्ष्मी को खट्टी और तीखी चीजे पसंद हैं। इसी कारण लोग नींबू और मिर्च को एक साथ बांध कर दरवाजे पर टांगते हैं ताकि अलक्ष्मी घर के अंदर कभी प्रवेश ना करें। 
नींबू-मिर्च को दरवाजे पर टांगने के पीछे एक तर्क यह भी दिया जाता है कि पुराने समय में जब पक्के नहीं कच्चे घर हुआ करते थे, तब लोग नींबू-मिर्च को प्राकृतिक कीटाणुनाशक की तरह इस्तेमाल करते थे। इन दोनों की मिली हुई महक से कीटाणु या तो मर जाते थे या घरों में प्रवेश नहीं करते थे। इसलिए भी इन्हें एक साथ घर के दरवाजे पर टांगा जाता था। कोई नहीं जानता कि ये टोटका कैसे हमारी आस्था का हिस्सा बना लेकिन ज्यादातर लोग इस पर पूरा भरोसा जताते हैं।

गर्मी में लू लगने से मृत्यु क्यों होती है ?


अक्सर हम सभी काम के सिलसिले में धूप में घूमते हैं। फिर कुछ लोगों की ही धूप में जाने के कारण अचानक मृत्यु क्यों हो जाती है ? हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है। पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत जरुरी और आवश्यक है। पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है, जिससे शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालना टालता है। (बंद कर देता है) जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, तब शरीर का तापमान 37° डिग्री से ऊपर पहुँचने लगता है। 
शरीर का तापमान जब 42° सेल्सियस तक पहुँच जाता है तब रक्त गरम होने लगता है और रक्त में उपस्थित प्रोटीन पकने लगता है।स्नायु कड़क होने लगते हैं इस दौरान सांस लेने के लिए जरुरी स्नायु भी काम करना बंद कर देते हैं। शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है, ब्लडप्रेशर low हो जाता है, महत्वपूर्ण अंग (विशेषतः ब्रेन) तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है।  व्यक्ति कोमा में चला जाता है और उसके शरीर के एक-एक अंग कुछ ही क्षणों में काम करना बंद कर देते हैं, और उसकी मृत्यु हो जाती है। गर्मी के दिनों में ऐसे अनर्थ टालने के लिए लगातार थोड़ा-2 पानी पीते रहना चाहिए और हमारे शरीर का तापमान 37° मेन्टेन किस तरह रह पायेगा इस ओर ध्यान देना चाहिए। 
ते तापमान के चलते कृपया 12 से 3 बजे के बीच घर, कमरे या ऑफिस के अंदर रहने का प्रयास करें। तापमान 40 डिग्री के आस पास विचलन की अवस्था मे रहेगा। यह परिवर्तन शरीर मे निर्जलीकरण और सूर्यातप की स्थिति उत्पन्न कर देगा। (ये प्रभाव भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर सूर्य चमकने के कारण पैदा होता है) कृपया स्वयं को और अपने जानने वालों को पानी की कमी से ग्रसित न होने दें। किसी भी अवस्था में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पियें। किडनी की बीमारी वाले प्रति दिन कम से कम 6 से 8 लीटर पानी जरूर लें। जहां तक सम्भव हो ब्लड प्रेशर पर नजर रखें। किसी को भी हीट स्ट्रोक हो सकता है। ठंडे पानी से नहाएं। 
इन दिनों मांस का प्रयोग छोड़ दें या कम से कम करें। फल और सब्जियों को भोजन मे ज्यादा स्थान दें। हीट वेव कोई मजाक नही है। एक बिना प्रयोग की हुई मोमबत्ती को कमरे से बाहर या खुले मे रखें, यदि मोमबत्ती पिघल जाती है तो ये गंभीर स्थिति है। शयन कक्ष और अन्य कमरों मे 2 आधे पानी से भरे ऊपर से खुले पात्रों को रख कर कमरे की नमी बरकरार रखी जा सकती है। अपने होठों और आँखों को नम रखने का प्रयत्न करें।

Monday, April 29, 2019

अमेरिका और चीन के बीच छिड़ी ट्रेड वॉर का भारत को मिल सकता है फायदा 200 अमेरिकी कंपनियां भारत आने के लिए तैयार....


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका और चीन के बीच छिड़ी ट्रेड वॉर से परेशान कंपनियों के लिए चीन से बेहतर भारत में यूनिट लगाना है। आने वाले समय में अगर अमेरिकी कंपनियां भारत में निवेश करती है तो इसका सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जितनी ज्यादा कंपनियां होंगी उतनी ज्यादा नौकरियां होगी। भारतीय रुपये में मजबूती आएगी।  ऐसे में विदेशों से सामान खरीदना सस्ता हो जाएगा। लिहाजा देश में महंगाई कम हो जाएगी। आने वाली नई सरकार को अधिक से अधिक निवेश देश में आकर्षित करने के लिए रिफॉर्म और ट्रांसपेरेंसी पर जोर देना होगा। 
इन कंपनियों के भारत में आने से हजारों नौकरियों के मौके तैयार होंगे। USISPF (यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम) के प्रेसीडेंट मुकेश आघी के मुताबिक, भारत में निवेश के लिए कंपनियां उनसे सलाह ले रही हैं। उनका कहना है कि आम चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार को आर्थिक सुधारों की रफ्तार तेज करनी होगी। एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल के अनुसार ये कंपनियां भारत में यूनिट लगाएंगी तो पहले वो डॉलर बेचकर रुपया खरीदेंगे।  लिहाजा भारतीय रुपये में मजबूती है। रुपये के मजबूत होने से विदेशों से कच्चे तेल समेत अन्य प्रोड्क्ट खरीदने के लिए कम डॉलर खर्च करने होंगे। ऐसे में देश की आर्थिक ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही शेयर बाजार में तेजी आने से म्युचूअल फंड में ज्यादा रिटर्न मिलेंगे।  देश के विदेशी पूंजी भंडार को बढ़ावा मिलेगा। यूनिट लगाने से इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रोड्क्ट की डिमांड बढ़ेगी। 
विदेशी कंपनियां भारत में यूनिट लगाएंगी। नए दफ्तर भी खुलेंगे।  इसकी वजह से अधिक नौकरियां पैदा होंगी, जो देश में रोजगार को बढ़ावा देंगी। क्यों चीन को छोड़कर भारत आना चाहती हैं कंपनियां- एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल के अनुसार चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की टेंशन बढ़ गई है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने खड़ी ये चुनौती बेहत जटिल है। विदेशी कंपनियां लगातार सरकार पर दबाव बना रही है। चीन पर कंपनियों तकनीक के हस्तांतरण यानी टेक्नॉलॉजी ट्रांसफर के प्रावधान से छूट देने के लिए कानून बनाने की बात कह रही हैं,लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। 
मुकेश आघी के अनुसार भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए उन्होंने एक हाई-लेवल मैन्युफैक्चरिंग काउंसिल का गठन किया है। यह काउंसिल चुनाव पूरा होने तक एक डॉक्यूमेंट तैयार करेगी जिसमें भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की योजना तैयार है। आघी ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच अगर मुक्त व्यापार समझौता (FTA) होता है तो इससे भारत का निर्यात बढ़ेगा। इससे चीन से आने वाले सस्ते सामान की समस्या खत्म होगी. चीन के सामान पर प्रतिबंध लगाने के बाद अमेरिका और भारत की कंपनियों को एक-दूसरे देश में बड़ा बाजार मिलेगा।

Sunday, April 28, 2019

रेल यात्रा के दौरान अगर आप होते है चोरी के शिकार तो करे यंहा शिकायत....


आप रेलयात्रा के दौरान कई बार चोरिया होने की बात को सुनते है। अपनी सुरक्षा के सारे इंतजाम करने के बाद भी शातिर चोरो के शिकार हो ही जाते है, ऐसे में सबसे जरूरी की आप संयम बनाए रखे और सबसे पहले इस बात की पुष्टि कर ले की क्या वाकई आप शिकार हुए है। चोरी होने पर सबसे पहले करें ये काम- आपको बता दें कि अगर सामान चोरी हो जाए तो यात्री को ट्रेन के कंडक्टरों, कोच अटेंडेंट, गार्ड्स या गर्वनमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एस्कॉर्ट से संपर्क करना चाहिए। वे आपको एफआईआर का फॉर्म देंगे,जो कि पीड़ित यात्री को भरकर उन्हें वापस देना होगा। शिकायत वाला फॉर्म उसके बाद पुलिस थाने भेजा जाएगा। ऐसे में एफआईआर के लिए परेशान होने या बीच में यात्रा रोकने की जरूरत नहीं है। 
यही नहीं,पीड़ित यात्री प्रमुख स्टेशनों पर रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) के कर्मचारियों से भी इस बाबत मदद मांग सकते हैं। वे उन्हें मामले से जुड़ी शिकायत दे सकते हैं। चोरी के आंकड़ों पर एक नज़र डाले तो:- रेल मंत्रालय की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 साल में सबसे अधिक 36,584 मामले 2018 में दर्ज हुए हैं। 2017 में चोरी के 33,044 मामले दर्ज किए गए, वर्ष 2016 में 22,106 और 2015 में 19,215 मामले दर्ज किए गए। वहीं, साल 2014 में ट्रेनों में चोरी के 14,301, वर्ष 2013 में 12,261, वर्ष 2012 में 9,292, 2011 में 9,653, 2010 में 7,549 और 2009 में 7,010 मामले दर्ज हुए। वर्ष 2009 से 2018 के दौरान ट्रेनों में चोरी के मामलों में 5 गुना वृद्धि हुई है। कुल मिलाकर 2009 से 2018 के दौरान ट्रेनों में चोरी के कुल 1,71,015 मामले दर्ज किये गए।

क्या होता है यात्रा बीमा....क्या इनके फायदो के बारे में है आपको जानकारी.....?


  विदेश घूमने की योजना बनाने वालों के लिए यात्रा बीमा जरूरी है क्योंकि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की इमरजेंसी आने पर इसके कई फायदे होते हैं। मसलन, मेडिकल इमरजेंसी होना, परिवार में कोई घटना होना, आतंकी घटना होना या किसी अन्य कारण से यात्रा रद्द करने की नौबत आना। ऐसी परिस्थितियों में यात्रा बीमा का फायदा होता है, क्योंकि बीमा कराने पर उसमें नुकसान की भरपाई हो जाती है। पॉलिसी बाजार के चीफ बिजनेस आफिसर तरुण माथुर बताते हैं कि अगर हवाई अड्डे पर बैगेज बेल्ट में किसी को चेक्ड इन बैगेज देखने को ना मिले तो उनको परेशानी हो सकती है, लेकिन यात्रा बीमा करवाने पर इस नुकसान की भरपाई हो सकती है। उन्होंने कहा,यात्रा बीमा होने पर बीमा कंपनी आपका सामान खोने या उसे नुकसान होने, उसकी मरम्मत या खोए सामान के बदले नया सामान या फिर उसका वास्तविक नकद मूल्य इनमें से जो भी कम हो उसकी भरपाई करती है।
उन्होंने कहा,इस बात की हमेशा  संभावना रहती है कि आपने जिस ट्रिप की योजना बनाई है, वो किसी फैमिली  इमरजेंसी, बीमारी या फिर किसी भी ऐसे कारण से रद्द हो सकती है, जो आपके  नियंत्रण से बाहर रहे। ऐसी सभी परिस्थितियों में यात्रा बीमा आपका मददगार   बन सकती है, क्योंकि यह उस नुकसान की भरपाई करती है, जो किसी इमरजेंसी  के कारण रद्द होने वाली आपकी यात्रा के चलते आपको उठाना पड़ सकता है। 
फ्लाइट या होटल बुकिंग रद्द होने के कारण हुए नुकसान को भी बीमा कंपनी  कवर करती है। माथुर ने कहा कि किसी अन्य देश की यात्रा करते वक्त यह  संभावना भी हमेशा होती है कि अलग मौसम या किसी अन्य कारण से स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या पैदा हो। उन्होंने कहा,ऐसी स्थिति में आपको वहां मौजूद सबसे अच्छी चिकित्सा सुविधाएं तभी मिल सकेंगी जब आपके पास पर्याप्त बीमा कवर होगी। कई सारी यात्रा बीमा पॉलिसियां अस्पताल में भर्ती होने के लिए रोजाना का कैश अलाउंस या इमरजेंसी इवैक्युएशन में भी मदद करती हैं। उन्होंने कहा, जब आप विदेश में छुट्टियां बिताते समय अगर आपके घर में चोरी या लूटपाट हो जाए। ऐसी कोई घटना होने से आपको मानसिक तनाव के साथ ही बड़ा आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। इससे बचने के लिए एक ऐसा यात्रा बीमा खरीदना जरूरी होगा जो आपके विदेश में होने पर चोरी एवं लूटपाट से आपके घर की सुरक्षा करे। 
इस फीचर के अंतर्गत आपकी संपत्ति में लूटपाट या सेंधमारी की किसी भी घटना से होने वाले नुकसान को पॉलिसी में कवर की जाती है। विदेश यात्रा के दौरान एक शहर से दूसरे शहर जाते समय ऐसा भी हो सकता है कि किसी कारणवश कनेक्टिंग फ्लाइट छूट जाए। ऐसे में होने वाले नुकसान की भरपाई करने वाली एक यात्रा बीमा पॉलिसी है जिसमें बीमा कंपनी यात्री के सभी खर्च उठाती। उन्होंने कहा, अधिकतर बीमा पॉलिसियों में आंतकवादी हमले की स्थिति को कवर नहीं की जाती है, लेकिन कुछ ही ऐसे प्लान हैं जिसमें ऐसे हमलों को भी कवर की जाती है। माथुर ने कहा, अगर आपकी पॉलिसी में यह स्पष्ट रूप से कहा गया हो कि आतंकवादी हमलों से जुड़े कोई भी खर्च कवर नहीं होंगे तो किसी भी हालत में बीमा कंपनी आपको ऐसी घटना में सुरक्षा प्रदान नहीं करेगी, फिर चाहे अस्पताल में भर्ती होना पड़े या फ्लाइट में देरी हो जाए। 
उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियां आतंकवादी हमलों के लिए कवरेज प्रदान करती हैं जैसे कि रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस का ट्रैवल सिक्योर प्लान दुर्घटना मृत्यु या घायल होने पर सुरक्षा देता है और पॉलिसीधारक की मौत होने पर उसके अंतिम अवशेषों को भारत पहुंचाने की व्यवस्था भी करता है या फिर उस देश में अंतिम संस्कार का खर्च भी वहन करता है जहां पॉलिसीधारक यात्रा कर रहा था। उन्होंने कहा,विदेश यात्रा की तैयारी करते समय अपने और अपने परिवार के लिए एक एक समग्र यात्रा बीमा अवश्य खरीदें ताकि श्रीलंका में हुए आतंकी हमले जैसी किसी भी अनहोनी की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा मिले। 

Saturday, April 27, 2019

महिलाओं की मेंटल हेल्थ बनाए रखने में ये 10 फूड करेंगे मदद.....


महिलाए और ग्रहणिया अपने काम में इतनी व्यस्त हो जाती है की उन्हे अपने स्वास्थ्य की कोई चिंता नही होती लेकिन उन्हे चुस्त व तंदरुस्त बनाए रखने के लिए हम आपको कुछ घरेलू चीजों की जानकारी देंगे जिसे अपनाकर आप शारीरिक रूप से मजबूत हो सकती है। 1 हरी सब्जियां:- खास तौर से पत्तेदार सब्जियां और सलाद डाइट में जरूर शामिल करें। ये आयरन, फॉलिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट का सबसे अच्छा सोर्स होती हैं। 2 हल्दी:- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए यह आपकी मदद करेगी। यह एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर है जो आपको सुरक्षित रखेगी। 
3 ओमेगा-3:- इसके लिए आपको अपनी डाइट में अलसी, कद्दू के बीज और ओमेगा 3 से भरपूर अन्य चीजों को शामिल करना होगा जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करेंगे। 4 नट्स:- मेंटल हेल्थ के लिए यह बेहद जरूरी है। इसमें मौजूद ट्राइपोफान आपकी मानसिक सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। 5 तुलसी:- एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर तुलसी इम्युनिटी बढ़ाने के साथ ही आपकी मानसिक सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होगी। 
6 चुकंदर:- हीमोग्लोबिन को मेंटेन करने के लिए यह सबसे जरूरी है। यह आयरन की कमी भी पूरी करेगा और पीरियड्स की समस्याएं भी दूर होंगी। 7 विटामिन सी:- स्वस्थ तन और मन के लिए विटामिन सी भी बेहद जरूरी है। यह आपकी खूबसूरती को बरकरार रखने में भी सहायक है। 8 अंजीर:- इसमें आपको कैल्शियम और जिंक की आपूर्ति होगी ओर हड्डियों के विकास में भी यह मदद करेगा। 
9 डार्क चॉकलेट या बेरीज़:- इससे आपको भरपूर एंटी ऑक्सीडेंट्स मिलेंगे, तनाव कम होगा और मूड स्विंग होने से भी आप बचेंगे। 10 दूध:- यह तो अति अनिवार्य है आपके लिए। विटामिन डी, प्रोटीन और कैल्शियम के अलावा भी आपको कई तरह के पोषक तत्व इससे मिल जाएंगे।

संतो की अमृत वाणी....

# मनुष्य जन्म दूसरों को सुखी करने के लिए है दूसरों की सेवा करो। # सभी पापों का मूल वाणी (बोल ) है। कभी भी किसी से ऊँची आवाज में बात न करो।   कर्कशवाणी में से कलह का जन्म होता है,कर्कशवाणी जहर के समान है,जो भी बोलो सोच-समज कर धीरे से बोलो। # जिसका बंगला (हवेली) बड़ा हो उसके वहां परमात्मा जल्दी नहीं जाते पर जिसका मन बड़ा हो उसके वहां परमात्मा जल्दी पधारते है। # शास्त्रों में लिखा हुआ है की संपति, संतति और संसारसुख पूर्वजन्म के कर्मो से ही निश्चित होता है। # कोई आपकी निंदा करे या आपसे द्वेष करे तो उसका प्रतिकार मत करो और उसको पेट में छुपाये मत रखो। उस बात को याद मत रखो। सहन कर लो और भूल जाओ। अंतर मन में प्रभु (हरि) को रखना है तो उसमे जहर मत रखो।
# प्रभु अतिशय सरल है। जीव (मनुष्य) बार-बार पाप करता है पर परमात्मा उसको भूल जाते है। किसी का उपकार मत भूलो और किसी का अपकार याद मत रखो। # आपके मन (ह्रदय) को माखन की तरह कोमल बनाओ। जरा भी कपट मत करो। कर्कशवाणी मत बोलो, सभी को मान दो। किसी जीव का जरा सा भी अपमान मत करो। किसी को भी कम मत समझो कोई भी प्राणी या मनुष्य को कम-हल्का मत आंको। # दुःख सहन करके भगवान की भक्ति करे उसको तप कहते है।# कपट करने से ह्रदय टेढ़ा हो जाता है। मनुष्य के जैसा कोई लुच्चा (गठिया) नहीं है और भगवान के जैसा कोई भोला नहीं है। # मानव-जीवन में धन श्रेष्ठ नहीं है, धर्म श्रेष्ठ है। धन का लोभ अच्छा नहीं है।# कोई मानव राजी हो या नहीं इससे आपको कोई फरक नहीं पड़ना चाहिए। 
वह राजी या खुश होके आपको क्या देनेवाला था ? या फिर नाराज होके आपका क्या बिगाड़ने वाला था ? हंमेशा ऐसा सोचो की मेरा संबंध सिर्फ इश्वर से है, कोई मेरी कदर करे उसकी अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए।# ज्ञान से त्याग की भावना बढती है और भक्ति करने से समर्पण की भावना बढ़ती है।  व्यवहार बहुत कठिन है। परमार्थ बहुत सरल है। व्यवहार में कोई भूल होती हो  तो लोग आपको माफ़ नहीं करते है, सजा करते है। भक्ति में भूल हो जाये तो भगवान क्षमा कर देते है। परमात्मा बहुत बड़े दिलवाला है। # भक्तिमार्ग में भगवान का विस्मरण करना वह पाप के समान है। # आप किसी के साथ दगा मत करो पर व्यवहार में सावधान रहना ताकि आपके साथ भी कोई दगा न कर सके।# आज मेरे प्रभु प्रसन्न हो ऐसा कोई सत्कर्म मैंने किया के नहीं ? अन्दर से ना का जवाब आये तो समज लो की आज के दिन में जिया ही नहीं हूँ , सिर्फ मरा हूँ। मन को निराशा में मत रखो। 
मन को कोई काम न मिले तो वह बहुत विचार करने लगता है। मन को कोई आधार मिलना चाहिए। मन परमात्मा का ध्यान नहीं करेगा तो फिर जगत का ध्यान करेगा। धन का सदुपयोग करो।  आपको भगवान ने ज्यादा दिया है तो ऐसा समझो की भगवान के अन्य बालकों को देने के लिए प्रभु ने मुझे ज्यादा दिया है। आपका खुद का श्राद्ध अपने ही हाथों से करके जगत को जय श्री कृष्ण अर्पण करना।  जीवन को परोपकार और परमात्मा के कार्य में जोड़ देना वहीँ सच्चा श्राद्ध कहलाता है। पुत्र के द्वारा नहीं सदगति तो सिर्फ सत्कर्म से ही मिलती है। # ज्ञान मार्ग में भेद द्रष्टि ही पाप है। जहाँ पर भेदभाव आया वहाँ भय उत्पन्न होता है,म़ोह उत्पन्न होता है।# संसार का सुख वह (नसीब) प्रारब्ध का फल है। सत्संग वह परमात्मा की कृपा  का फल है।

Friday, April 26, 2019

जाने डेंड्रफ-रूसी के कारण और इलाज....

कई बार हम सर में होनी वाली खुजली को नजर अंदाज कर देते है जिससे बड़े रोग निर्माण हो सकते है। खुजली का एक कारण रोज बालो को,सिर को न धोना भी हो सकता है किन्तु कई बार कारण कुछ और भी होते है। जिसे रूसी या डेंड्रफ भी कहा जाता है जिससे बाल टूटने और झड़ने लगते है। आइए एक नजर डालते है डेंड्रफ के कारण:- सिर में रूसी के कई कारण हैं, कारण पता चलने पर ही सही इलाज संभव है। रूसी होने का एक कारण इंफेक्शन या स्किन एलर्जी है। इससे बचने के लिए आप अपनी कंघी, तकिया, तौलिया अलग रखें। जब भी बाल धोएं तो ये तीनों चीजें किसी अच्छे एंटीसेप्टिक के घोल में आधा घंटा डुबोकर रखें, फिर धूप में सुखाकर ही दोबारा इस्तेमाल करें ! 
किसी अच्छे त्वचा रोग विशेषज्ञ की सलाह से उचित दवा लें।# रूसी होने का एक कारण रूखे बाल हैं। तैलीय बाल भी ऐसी ही समस्या पैदा करते हैं। तैलीय रूसी सिर में जमी रहती है और खुजली करने पर नाखून में जमा हुआ तैलीय मैल निकलता है। रूसी का एक कारण वातावरण की स्थितियां भी हैं। बालों को धूल, धूप, धुएं से बचाएं। जहां तक संभव हो सके, धूप में जाते समय बालों को ढककर रखें। दुपहिया वाहन आदि पर जाते समय बालों को बांधकर रखें। तनाव से भी रूसी हो जाती है। योग और ध्यान की मदद से तनाव दूर करें।# डेंड्रफ कैसे हटाये ? आइये जाने रूसी को जड़ से खत्म करने के उपाय। डेंड्रफ हटाने के घरेलू नुस्खे और उपाय:-सिर में रुसी का इलाज- ग्वारपाठा का लसलसा रस निकालकर बालों की जड़ों में मालिश करते हुए लगाएँ।
एक घंटे बाद साफ पानी से सिर धो लें। यदि रूसी ज्यादा हैं तो हर तीसरे दिन लगाएँ, अन्यथा सप्ताह में एक दिन लगाने से भी रूसी का नाश हो जाता है।# डेड्रफ का रामबाण इलाज:- एक चम्मच मेहंदी पाउडर, एक चम्मच नीबू का रस लेकर अच्छी प्रकार से मिला लें। इस पेस्ट को बालों की जड़ों में लगाएं। आधा घंटे बाद बालों को ठंडे पानी से धो लें। नीबू में विटामिन सी, फास्फोरस, पोटेशियम, साइट्रिक एसिड तथा मेहंदी में टेनिन, गालिक एसिड, म्यूजिलेस लॉसोन आदि तत्व पाए जाते हैं । यह उपाय बालों की जड़ों में मृत कोशिकाओं को जमने नहीं देता है। बालों में जमी डेंड्रफ को भी साफ कर देता है। सप्ताह में एक बार यह प्रयोग करने से डेंड्रफ दूर होती है। 3 सौ ग्राम चुकन्दर के पत्तों को पांच लीटर पानी में अच्छी तरह उबाल लें। ठंडा होने पर छानकर इस पानी से बालों को अच्छी तरह से धोएं। चुकन्दर के पत्तों में काफी मात्रा में कैल्सियम, फास्फोरस, आयरन, विटामिन ' ' , ' सी ' आदि तत्व पाए जाते हैं, जो बालों की जड़ों में जमी डेंड्रफ व मृत कोशिकाओं को समाप्त कर देते हैं तथा बालों को पोषण देकर मजबूती प्रदान करते हैं। 
चुकन्दर के पत्तों में पाए जाने वाले तत्व सिर की त्वचा पर डेंड्रफ उत्पन्न होने से भी रोकते हैं। यह प्रयोग सप्ताह में एक बार किया जा सकता है। 4  नीबू के छिलके का चूर्ण एक चम्मच, आंवले का चूर्ण एक चम्मच, दोनों को पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे बालों की जड़ों में अच्छी प्रकार से लगाएं। आधा घंटा बाद बालों को पानी से धो लें। नीबू के छिलके में कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम तथा आंवले में कैल्शियम, फास्फोरस, ऑयरन आदि तत्व काफी मात्रा में पाए जाते हैं। नींबू और आंवले में पाए जाने वाले तत्व बालों की जड़ों में उत्पन्न होने वाली डेंड्रफ को दूर करते हैं तथा बालों को पोषण भी देते हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से डेंड्रफ की समस्या दूर होती है। 5- दो चम्मच बेसन में एक चम्मच शहद मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं। आधे घण्टे बाल धोये नियमित करेंवेसन में काफी मात्रा में ऑयरन, मैग्नीशियम, जिंक आदि तत्व पाए जाते हैं। बेसन मृत कोशिकाओं और इंड्रफ को निकल देता है। शहद सिर की त्वचा पॅर प्रभाव डालकर रक्त संचार को बढ़ा देता है, जिससे बालों को सही पोषण मिलने लगता है। शहद का प्रभाव सिर की त्वचा पर इंइफ बनने व जाने से भी रोकता है। 
6- 100 ग्राम सेब ले। सेब के छिलके व बीजों को निकालकर अच्छी तरह कुचल लें। इसमें थोड़ा- सा गुनगुना पानी मिलाकर बालों की जड़ों में ठीक तरह से लगाएं। इसके बाद बालों को ठंडे पानी से धो लें। सेब में पाए जाने वाले तत्व तैलीय डेंड्रफ को दूर करने के लिए काफी लाभदायक होते हैं। सेब में पाए जाने वाले तत्व कैल्शियम, ऑयरन, फास्फोरस आदि बालों को पोषण भी देते हैं तथा बालों को मजबूती प्रदान करते हैं। इसमें पाया जाने वाला क्यूरसेटिन नामक तत्व एंटी ऑक्सीडेंट का काम करता है। यह प्रयोग सप्ताह में दो तीन बार करने से डेंड्रफ की समस्या पूरी तरह से दूर हो जाती है। 7 - सेब कद्दूकस करके रस निकालें। रुई के फाहे से उसे बालों की जड़ों में लगाएं, सूख जाने पर धो दें ।8 - प्याज का रस बालों की जड़ों में लगाएं, दो घंटे बाद बाल धो दें। इस विधि का नियमित इस्तेमाल करें।9- नारियल के तेल में कपूर मिलाकर बालों की जड़ों में मालिश करें। 
4 - 5 घंटे बाद बाल धो दें। 10- रूसी दूर करने के लिए नारियल के तेल में लहसुन डालकर गर्म करें, ठंडा होने पर इसे लगा लें। इससे रूसी खत्म हो जाती है। 11- रूखी रूसी और खुजली वाले बालों की त्वचा के लिए जैतून के तेल की मालिश करें फिर गर्म तौलिये से बालों को भाप दें। 4 - 5 घंटे बाद धो दें। 12 - बाल धोने का पानी अधिक गर्म नहीं होना चाहिए और न ही अधिक ठंडा। गर्मियों में ३ ताजा पानी और सर्दियों में गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें ।13- शैंपू करते समय बालों को अच्छी तरह से धोएं ताकि सिर में शैंपू का अवशेष नहीं रहे । 14 - बालों को गंदा न रखें। सर्दियों में सप्ताह में एक- दो बार और गर्मियों में दो- तीन बार शैंपू अवश्य करें। 
15- अगर आपके सिर में तैलीय रूसी है, तो आप इसे आजमा सकती हैं। एक चम्मच त्रिफला लेकर उसे एक गिलास पानी में डालकर कुछ देर उबालें। जब यह उबल जाए तब इसे ठंडा करके छान लें। इसमें एक चम्मच सिरका मिलाएं और फिर इसे लगाकर सिर की मालिश करें। सुबह किसी अच्छे शैंपू से बाल धोएं। 16- नियमित गौमूत्र की मालिस कर 1 घण्टे बाद धोने से। 17- मेथी का पेस्ट बनाकर बालो में लगाने व एक घण्टे बाद बाल धोने से। इन बातों पर ध्यान दें:- बालों की समस्या पर विशेष ध्यान दें। बालों की सफाई न होने के कारण बालों की जड़ों में जमी पपड़ी की वजह से बालों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन तथा उचित पोषण नहीं मिल पाता है, जिसकी वजह से बाल अनाकर्षक हो जाते हैं और बालों का उड़ना, बाल सफेद डेंड्रफ व अन्य समस्या उत्पन्न हो जाती हैं।

नदी सफाई अभियानाचे कार्य प्रगतीपथावर

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