नागपुर:- केंद्र सरकार ने
जमीन-जायदाद खरीदी-बिक्री से जुड़े किसी भी गति विधी के लिए महारेरा
एक्ट के साथ बार कोड की भी अनिवार्यता लागू
की,लेकिन सरकार द्वारा 1 मई 2017 को
महारेरा एक्ट लागू करने के बाद भी कुछ छोटी-बड़ी रियल एस्टेट मार्केटिंग कंपनियां, ब्रोकरेज फर्म, निवेशक और उपभोक्ता भी सलाहकारों
के साथ धोखाधड़ी करते हैं। उन्हें असहाय देखकर वे उनका फायदा उठाते हैं और उन्हें
उनकी मेहनत का मेहनताना नहीं देते। इससे जुड़ी कई शिकायतें दर्ज भी नहीं की जातीं, अगर होती भी हैं तो उनसे लिखित
दस्तावेज मांगे जाते हैं। इन सभी को कानून के दायरे में लाया जाए तथा विशेष
परिस्थितियों में सुरक्षा व गारंटी दी जाए तथा
ग्राहक व सलाहकार दोनों को धोखा न
दिया जाए और यदि ऐसा होता है तो तत्काल पुलिस कार्रवाई की जाए तथा समय सीमा में(
४५ दिनोंमे ) इसका निपटारा भी किया जाए। कानून लागू होने के बाद भी हो रही अनियमितताओं को
प्रशासन व पुलिस विभाग द्वारा सकारात्मक नजरिये से देखे और अनियमितताओं का स्थायी
समाधान निकालें, हर
माह कम से कम एक बैठक कर बिल्डरो,
डेवलपर्स
, छोटी
बडी मार्केटिंग कंपनियां, ब्रोकरेज
फर्म, ग्राहक
एवं सलाहकार को बुलाए और
ऐसी
शिकायतों को जन अदालत की तरह समझें और अगर ऐसी कोई शिकायत आती है तो कानूनी
कार्रवाई की जाए और कमिश्नर के क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी पुलिस स्टेशनों को
ऐसा करने का निर्देश दिया जाए ऐसा इस यूनियन के पदाधिकारी मैं द्वारा द्वारा पुलिस
कमिश्नर को कहा गया, ऊन्होने
दोबारा एक बैठक लेने का आश्वासन दिया। संस्थापक अध्यक्ष राजवीर सिंह
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