अगस्त के महीने में सरकार को नए डायरेक्ट टैक्स कोड पर रिपोर्ट सौंपी गई थी। हालांकि, उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया था। खबरों के मुताबिक, टास्कफोर्स ने जनरल टैक्सपेयर्स के लिए छूट की सीमा (2.5 लाख रुपये) पर बरकरार रखा था। सीनियर सिटिजंस के लिए 3 लाख तक छूट और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 5 लाख रुपये पर बरकरार रखी गई। सबसे बड़ी बात टैक्स स्लैब में बदलाव लाए जाने की बात है। 10% टैक्स वाले स्लैब की सीमा सीधे 10 लाख तक की आय तक होगी, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स को फायदा होगा।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट
टैक्सेस(CBDT)
के मुताबिक, 2017-18 में
रिटर्न फाइल करने वाले 5.52 करोड़ इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स
में से 27 फीसदी 5 से 10 लाख रुपये की आयवर्ग से थे। अगर टास्कफोर्स की सिफारिशें लागू
हो जाती हैं तो 20% वाले टैक्स स्लैब में से 1.47 करोड़ करदाता सीधे 10% वाले
स्लैब में आ जाएंगे। यानी उन पर कम टैक्स बनेगा।# कैसा
हो सकता है नया टैक्स स्लैब:- मौजूदा समय में कुल टैक्स पर 4% सेस लगता है और 5 लाख
रुपये तक की आय पर टैक्स फुल रिबेट मिलता है। खबरों के मुताबिक, DTC ने सरचार्ज को खत्म करने और रिबेट को बरकरार रखने की सिफारिश की
है।
# बड़े स्लैब्स पर ज्यादा असर:- DTC की सिफारिशों से कम आय वाले टैक्सपेयर्स पर कोई खास असर नहीं
पड़ेगा। 5-6 लाख की आय वाले लोगों की टैक्स देनदारी में कोई खास फर्क नहीं
आएगा, बल्कि वे कुछ डिडक्शन्स के जरिए टैक्स के दायरे से बाहर भी आ
सकते हैं। अगर किसी की शुद्ध कर योग्य आय 7 लाख
रुपये है, तो उसको भी कोई खास फायदा नहीं होगा। उसकी टैक्स देनदारी 44,200 रुपये से घटकर 40,000 रुपये
हो जाएगी, यानी सिर्फ 9.5% की बचत। बहरहाल, ज्यादा आय वाले लोगों को ज्यादा फायदा होगा। 10 लाख रुपये की नेट टैक्सेबल इनकम पर 34% का फायदा होगा, यानी
टैक्स देनदारी 1.06 लाख रुपये से घटकर 70,000 रुपये पर आ जाएगी। 10% टैक्स
वाले स्लैब की सीमा सीधे 10 लाख तक की आय तक हो सकती है।
CBDT के आंकड़ों के मुताबिक, अगर टैक्स स्लैब्स में बदलाव किया जाता है तो करीब 40 लाख टैक्सपेयर्स 30% के
स्लैब से 20% वाले स्लैब में आ जाएंगे। 22 लाख
रुपये की आय वाले हर साल 1.7 लाख रुपये की बचत कर सकेंगे, उनकी टैक्स देनदारी में 36% की कमी
आएगी। यानी 4.75 लाख रुपये की जगह उनपर 3 लाख
रुपये का टैक्स बनेगा। टास्कफोर्स ने 2 करोड़
रुपये से ऊपर की आय वालों के लिए 35% के नए
स्लैब की शुरुआत की है। अगर 25 पर्सेंट सरचार्ज और 4% सेस को जोड़ दिया जाए तो 2 करोड़
से 5 करोड़ रुपये के बीच आय वालों के लिए इफेक्टिव टैक्स रेट 39% होगा। यही वजह है कि इस स्लैब में आने वालों को उतना फायदा
नहीं होगा जितना अन्य स्लैब वालों को। हालांकि, 20% वाले
टैक्स स्लैब के 10 लाख से 20 लाख
रुपये होने से उन्होंने थोड़ा फायदा जरूर मिलेगा।
क्या खत्म हो जाएगा सरचार्ज:- सुपर रिच के लिए भी अच्छी खबर हो सकती है। टास्कफोर्स ने
सिफारिश की है कि टेंपररी तौर पर टैक्स सरचार्ज वसूला जाना चाहिए। 2013 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरचार्ज की शुरुआत की
थी। उस वक्त इसे एक बार के लिए लाया गया था। उन्होंने कहा था कि यह टेंपररी है, लेकिन आने वाले सभी बजटों में इसे पर्मानेंट फीचर की तरह जारी
रखा गया।
जब कॉर्पोरेट टैक्स की दरों में
कटौती कर उसे 25% तक लाया गया था, तब कहा
जा रहा था कि कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए दिवाली से पहले ही दिवाली आ गई। अब आम
नागरिक टैक्स के मोर्चे पर सरकार से इसी तरह की राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
खुशखबरी यह है कि टैक्स स्लैब में बदलाव हो सकता है, जिससे
लाखों टैक्सपेयर्स को फायदा होगा।
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