देश में इन दिनों फेक न्यूज यानी फर्जी और
झूठी खबरें लोगों की जिंदगी और कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है।
फेक न्यूज के जरिए समाज में मतभेद पैदा करने के लिए असामाजिक तत्व आजकल सबसे
ज्यादा सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। आपसी दुश्मनी या गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप
होने के बाद प्रेमी फोटो या वीडियो सोशल साइट्स पर
अपलोड कर अपनी भड़ास निकालते हैं, लेकिन इस बदले की कार्रवाई में कई की जान भी चली
जाती है। अश्लील फोटो अपलोड करते हैं तो आप पर आईटी कानून के तहत कार्रवाई करने का
प्रावधान है।
दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर रहे और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी
एसबीएस त्यागी कहते हैं,अगर आप किसी को गंदे कमेंट और अश्लील फोटो
अपलोड करते हैं तो आप पर आईटी कानून के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है। आईटी
एक्ट (सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम इलेक्ट्रानिक संचार माध्यमों) के बीच होने वाले
मैसेज, फोटो और आंकड़ों के आदान-प्रदान पर लागू
होता है। इस एक्ट के धारा 66 ए के तहत झूठे और आपत्तिजनक कमेंट करने पर सजा का
प्रावधान है। कंप्यूटर या अन्य संचार माध्यमों से ऐसे संदेश भेजना सख्त मना है। अगर
आपके अनुमति के वगैर कोई संदेश या फोटो भेजा जाता है, जिससे किसी को परेशानी, असुविधा, खतरा, अपमान, सांप्रदायिकता
और अपराधिक उकसावा की बात आती है तो इस पर कम से कम तीन साल की सजा और जुर्माना के
प्रावधान हैं।
सोशल साइट पर सेक्सुअल सामग्री का आदान-प्रदान या चाइल्ड
पोर्नोग्राफी देखने या उसे किसी और को भेजना कानूनी तौर पर गलत है सोशल साइट पर
सेक्सुअल सामग्री का आदान-प्रदान या चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने या उसे किसी और को
भेजना कानूनी तौर पर गलत है। वर्तमान में आईटी एक्ट के तहत सजा के प्रावधान:- ऑन लाइन प्रताड़ित और पोर्नोग्राफी देखने
पर 5 साल से 7 साल तक की सजा और जुर्माना के प्रावधान। अश्लील फोटो अपलोड और कमेंट करने पर 3 साल से 7 साल तक सजा और
जुर्माना के प्रावधान। सोशल साइट्स
पर कमेंट करने पर 5 साल तक के सजा और जुर्माना के प्रावधान। फर्जी एकाउंट बनाने या दूसरे के एकाउंट के साथ छेड़छाड़ करने पर
3 साल की सजा और जुर्माना के प्रावधान।
साइबर एक्सपर्ट का भी मानना है कि सोशल
साइट पर सेक्सुअल सामग्री का आदान-प्रदान या चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने या उसे
किसी और को भेजना कानूनी तौर पर गलत है। अगर इस पर शिकायत होती है तो पांच साल की
सजा और जुर्माना हो सकता है। अब पुलिस आईटी एक्ट के साथ आईपीसी के तहत भी मामला
दर्ज कर सकती है।
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