देश की सबसे बड़ी कॉफी चेन कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) [सीसीडी] की 1996 में शुरुआत
हुई। 23 साल पहले सीसीडी की शुरुआत जुलाई 1996 में बेंगलूरू की ब्रिगेड रोड से हुई। शुरुआत में
कॉफी शॉप को इंटरनेट कैफे के साथ खोला गया। उन दिनों युवाओं को इंटरनेट के साथ
कॉफी का मजा खूब भाया। युवाओं को अपने शहर में कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) [सीसीडी] कैफे खूब पसंद आए। यहां यूथ के लिए
हैंगआउट स्पॉट बन गया, जहां वे कॉफी के सिप के साथ दोस्तों से
बातचीत करते और लुत्फ उठाते। धीरे-धीरे यह कॉन्सेप्ट इतना फेमस हआ कि कैफे कॉफी डे
(Cafe Coffee Day) [सीसीडी] ने
अपने मूल व्यवसय कॉफी के साथ अपने बिजनेस को आगे बढ़ाया।
शुरुआत के कुछ सालों में
सीसीडी ने चुनिंदा कॉफी कैफे खोले और अब यह देश की सबसे बड़ी कॉफी चेन बन गई है। आज
देश ही नहीं विदेश में भी सीसीडी कैफे हैं। देश के 247 शहरों में
सीसीडी के 1,758 कैफे हैं। कैफे कॉफी डे
(Cafe Coffee Day) [सीसीडी] के
संस्थापक वीजी सिद्धार्थ के परिवार के पास कॉफी के बागान थे। उनके बागानों में
महंगी कॉफी उगाई जाती थी। यहां से ही उन्हें सीसीडी का आइडिया आया। 90 के दशक में जो कॉफी दक्षिण भारत और पांच सितारा
होटल्स में चलन में थी।
उसे उन्होंने
आम लोगों तक पहुंचाने का मन बनाया। परिवार में कॉफी के प्रति गहरी समझ के कारण ही
उन्होंने सीसीडी की शुरुआत की। सिद्धार्थ के पिता ने शुरुआत में उन्हें बिजनेस के
लिए 5 लाख रुपये दिए। साथ ही उन्होंने बेटे
सिद्धार्थ से यह भी कहा यदि वह इसमें कामयाब नहीं हो पाए तो उन्हें अपने फैमिली
बिजनेस में वापस लौटना होगा,लेकिन
सिद्धार्थ के जुनून और बिजनेस में गहरी समझ के कारण आज सीसीडी 4000 करोड़ से भी ज्यादा नेटवर्क वाली कंपनी बन गई है। कौन हैं वीजी सिद्धार्थ....? कर्नाटक के चिकमंगलुरू से ताल्लुक रखने वाले
वीजी सिद्धार्थ ने पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा की पुत्री से विवाह किया है।
पोस्ट
ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने मुंबई के जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड से
कॅरियर शुरू किया था। बाद में वह बेंगलुरू शिफ्ट हो गए सीवान सेक्युरिटीज नाम से
कंपनी शुरू की। 2000 में कंपनी का नया नाम ग्लोबल टेक्नोलॉजी
वेंचर्स रखा गया। इसके अलावा उन्होंने 1996 में कैफे
कॉफी डे (Cafe Coffee Day) चेन भी शुरू
की। उनको चिकमंगलुरू की कॉफी को दुनिया में लोकप्रिय बनाने का श्रेय जाता है।
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