Wednesday, November 27, 2019

दुश्मनों से नही इन कारणो से होते है सैनिक ज्यादा परेशान...?

हाल ही में रक्षा मंत्रालय की ओर से राज्यसभा  में रखी गई एक रिपोर्ट खासी चौंकाने वाली है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सेना के जवान दुश्मन की गोली नहीं ज़मीनी और कानूनी विवादों से ज्यादा परेशान हैं। कुछ ऐसी ही परेशानियां जवानों को तनावग्रस्त बना रही हैं,लेकिन जवानों की इस परेशानी को दूर करने के लिए सेना ने कई कदम उठाए हैं। महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य हुसैन दलवई ने एक सवाल उठाते हुए पूछा था,क्या थल सेना और वायु सेना द्वारा काउंसलिंग के लिए मानसिक सहायता हेल्पलाइन की स्थापना की गई है और किस तरह की समस्याएं जवानों में देखी जा रही हैं। 
इस सवाल के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मानसिक सहायता हेल्पलाइन की स्थापना की गई है। जो भी जवान काउंसलिंग कराना चाहता है तो उसकी सहायता की जाती है। रक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में हुसैन दलवई के सवालों का जवाब देते हुए जवानों की उन समस्याओं का खुलासा किया जो काउंसलिंग के दौरान सामने आई हैं।  वो समस्याएं कुछ इस तरह से हैं, ज़मीनी विवाद, कानूनी मामले, नींद पूरी न होना, यौन समस्याएं, वैवाहिक विवाद, छुट्टी की परेशानी, पर्सनल समस्या, कार्य स्थल पर तथाकथित उत्पीड़न आदि उजागर हुई हैं। 
जवानों में इस तरह की परेशानी सामने आते ही सेना ने साल 2017-18 में 88 और 2018-19 में 153 मनोवैज्ञानिक काउंसलर की सेवा लेना शुरु कर दिया। इसके साथ ही यूनिटों में भी साल 2017-18 में 90 और 2018-19 में 132 मनोवैज्ञानिक काउंसलर की तैनाती कर दी। वहीं वायु सेना ने अपने स्टेशनों पर 116 सिविल के प्रोफेशनल मनोवैज्ञानिक काउंसलर की सेवाएं लेना शुरु कर दिया। दूसरी ओर अपने ही 126 वायु सैनिकों को 3 महीने का प्रशिक्षण देकर उनहें अलग-अलग जगह तैनाती दी गई।


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