केंद्र की मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में
जनधन योजना के तहत करोड़ों खाते खुलवाए और उन लोगों तक भी बैंकिंग सुविधा पहुंचाई
जिनके पास बैंक की सुविधा नहीं थी। जहां कई लोगों के पास एक ही खाता होता है वहीं
कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास एक से ज्यादा खाते होते हैं। एक से ज्यादा खाते
खोलने में कोई दिक्कत नहीं है और इस बात की इजाजत सभी को है कि हम सब अपनी जरूरत
के हिसाब से किसी भी राज्य में और किसी भी बैंक में खाता खोल सकते हैं,लेकिन यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आपने एक से ज्यादा
खाता खोल रखे हैं तो आपके सामने क्या-क्या परिस्थिति आ सकती हैं। अगर आपने कई खाते
खोल रखे हैं और कोई बैंक खाता ऐसा है जिसका आप इस्तेमाल नहीं करते हैं तो इसे बंद
करना ही ठीक है।
ऐसा इसलिए कि अब बैंक खाते में जो मिनिमम बैलेंस की रकम है वो
बेहद बढ़ चुकी है और हरेक खाते में आपको अच्छी-खासी रकम न्यूनतम बैलेंस के रूप में
रखनी होती है। जब अकाउंट बंद कराएं तो ये ध्यान रखें कि इससे जुड़े बीमे, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड आदि को भी उसी समय
बंद करा दें जिससे आपको आगे चलकर परेशानी न हो। सैलरी अकाउंट हरेक एंप्लाई के लिए
जरूरी होता है जिसमें उसकी सैलरी आती है। हालांकि अगर आपके पास ऐसा खाता है जो
पहले सैलरी अकाउंट था और अब उसमें तीन महीने से सैलरी नहीं आ रही है तो वो सेविंग
खाते में बदल जाता है।
बता दें कि सेविंग खाते के लिए और सैलरी खाते के लिए नियम
अलग होते हैं और अगर आप उसमें मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं तो इसपर पेनल्टी या
चार्ज लगता है जो खाते से अपनेआप कट जाता है। अब इनकम टैक्स भरते समय आपको अपने
हरेक खाते की जानकारी देनी होती है और इसमें साल भर मिले हुए ब्याज का लेखाजोखा
देना होता है। इसके अलावा बैंकों का स्टेटमेंट
भी कई बार लगाना होता है। अगर आप होम लोन लेने जाते हैं और उस समय लोन के लिए
सिबिल स्कोर भी देखा जाता है और अगर कोई ऐसा खाता है जिसे आपने निष्क्रिय छोड़ रखा
है तो उसकी भी जानकारी आपको देनी ही होगी।
अगर उसमें बैलेंस मेनटेन नहीं कर रखा है
तो उससे भी आपको लोने लेने के क्राइटेरिया पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा लोन
लेते समय एक से अधिक खाते होने पर आपको सभी बैंकों का स्टेटमेंट लगाना होता है जो
कि काफी बड़ा काम हो जाता है। आपको खुद बैंक जाकर अकाउंट क्लोजर फॉर्म भरना होगा
और इसी के साथ डी-लिंकिंग फॉर्म भी भरना पड़ सकता है. आपको खाता बंद करने की वजह
बतानी होगी और इसी फॉर्म में दूसरे खाते की जानकारी देनी होगी जिसमें आप बंद होने
वाले खाते का पैसा ट्रांसफर करवाना चाहते हैं. अगर खाता ज्वाइंट है तो अकाउंट
क्लोजर फॉर्म पर दोनों खाताधारकों के सिग्नेचर होने जरूरी हैं. आपके पास अगर चेक
बुक बची है तो उसे जमा करना होगा और डेबिट कार्ड भी जमा करना होगा। खाता खालने के 14 दिन के भीतर अगर खाता बंद कराते हैं तो बैंक कोई चार्ज नहीं
लेगा लेकिन एक साल से पहले खाता बंद कराने पर अकाउंट क्लोजिंग चार्ज देना पड़ता है।
आमतौर पर एक साल के बाद खाता बंद करने पर बैंक आपको कोई चार्ज नहीं वसूलता है। हालांकि
ये अलग-अलग बैंकों के नियमों पर निर्भर करता है। अगर आपके खाते में 20,000 रुपये से ज्यादा भी हैं तो भी आपको बैंक से खाता बंद करते समय
कैश के रूप में 20 हजार रुपये ही मिल सकते हैं। इससे ऊपर की राशि
आपको उस खाते में ट्रांसफर होकर मिलेगी जिसका उल्लेख आपने अकाउंट क्लोजिंग फॉर्म
में किया है। ध्यान रखने वाली बात अगर आप खाता बंद कर रहे हैं तो उसमें ज्यादा
पैसा न रखें और उसे खाता बंद करने से पहले ही अपने दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लें,लेकिन मिनिमम बैलेंस की शर्त को न भूलें वर्ना बैंक खाता बंद करते
समय आपसे पेनल्टी वसूल कर लेगा। इसके साथ ही अकाउंट क्लोजिंग का जिक्र करने वाला
आखिरी स्टेटमेंट भी अपने पास जरूर रखे।
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