नागपुर:- बढ़ते जल संकट के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से, "वाटर जीनियस - स्व जागरूकता से विश्व जागरूकता"
परीक्षा शनिवार 1 फरवरी को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से वैश्विक स्तर
पर आयोजित की गई थी। नटराज निकेतन संस्थान, समविद इंटरनेशनल
प्रा. लिमिटेड (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समूह), वाटरशॉपी
वर्ल्डवाइड एवं वन हेल्थ फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासों से आयोजित इस परीक्षा में 3 लाख से अधिक विद्यार्थियों एवं नागरिकों ने भाग लिया। इसमें
महाराष्ट्र, राजस्थान, मुंबई, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर
तथा तमिलनाडु के प्रतिभागी शामिल थे। इस परीक्षा की अवधारणा जल विशेषज्ञ श्री
मुकुंद विलास पात्रीकर द्वारा प्रस्तुत की गई थी, और यह पहल नटराज
निकेतन संस्था की अध्यक्ष श्रीमती मंगलाताई पात्रीकर के मार्गदर्शन में
सफलतापूर्वक संपन्न हुई। परीक्षा का उद्देश्य जल संरक्षण, जल सुरक्षा, जल प्रदूषण, जल कानून और जल स्वास्थ्य के संबंध में व्यापक जागरूकता
पैदा करना था। इस परीक्षण में 6 से 80 वर्ष आयु वर्ग के विद्यार्थियों और नागरिकों ने भाग लिया और
उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया दी। यह परीक्षा शैक्षणिक संस्थानों में ऑफलाइन आयोजित की
गई, जबकि अन्य संस्थानों के लिए ऑनलाइन आयोजित की गई। विशेषकर 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के प्रतिभागियों के लिए यह परीक्षा
"जल विशेषज्ञ" के रूप में करियर बनाने का एक अनूठा अवसर साबित हुई।
इस 100 अंकों की परीक्षा में जल संरक्षण, जल गुणवत्ता, जल प्रबंधन जैसे
महत्वपूर्ण विषय शामिल थे। मिसेज इंडिया यूएमबी 2024 और प्रसिद्ध फैशन
इन्फ्लुएंसर श्रीमती मधुलिका जगदाले इस परीक्षा की ब्रांड एंबेसडर थीं। इसके अलावा, युवा राजदूत गार्गी मुकुंद पात्रिकर (कक्षा 3) और गायत्री निखिल व्यास (एमबीबीएस प्रथम वर्ष) ने इस अभियान
को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अभियान का अगला चरण और भी व्यापक
होगा। दिसंबर 2025 तक "वाटर जीनियस - स्व जागरूकता से विश्व
जागरूकता" परीक्षा में 1 करोड़ लोगों को
नामांकित करके जल संकट समाधान के लिए वैश्विक विशेषज्ञ तैयार करने का लक्ष्य है।
जल विशेषज्ञ श्री मुकुंद विलास पात्रीकर द्वारा शुरू किया गया "वाटर
जीनियस" अभियान निश्चित रूप से एक सराहनीय पहल है। इस प्रयास से नागरिकों में
जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी तथा भावी पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा
सुनिश्चित होगी। इस अभियान की सफलता में एडवोकेट मधुरा व्यास, समविद इंटरनेशनल के निखिल व्यास, हर्षदा पात्रिकर, पायल जाचक, अदिति सर्वे, आकाश सूर्यवंशी, आकाश बोकड़े, शेखर रेड्डी, विनोद बारबाटे और वैशाली शिंदेकर ने महत्वपूर्ण योगदान
दिया।
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