Monday, June 10, 2019

5G इंटरनेट और 5G स्मार्टफोन से आने वाले दिनो में आएगी क्रांती...


 केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पद ग्रहण करने के बाद कहा कि हमारा पहला लक्ष्य 100 दिन के भीतर देश में 5जी का ट्रायल शुरू करना है। उन्होंने कहा कि सरकार इस साल 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी करने को प्रतिबद्ध है। साथ ही कई रेडियो फ्रीक्वेंसी की भी नीलामी की जाएगी। ट्राई ने भी 5जी समेत करीब 8,644 मेगाहर्ट्ज टेलीकॉम फ्रीक्वेंसी की नीलामी की सिफारिश भेजी है।  इससे करीब 5 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। इसके अलावा देश भर में 5 लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट बनाने की योजना पर भी तेजी से काम किया जाएगा। खबर यह भी थी कि बीएसएनएल ने अमेरिका की नेटवर्किंग सेवा देने वाली कंपनी 'सिएना' के साथ करार किया है। ये करार कंपनी की 5जी सेवाओं की फील्ड ट्रायल के लिए किया गया है। 
अगले कुछ हफ्तों तक अलग-अलग नेटवर्क इलाकों वाली जगहों पर 5जी सेवाओं को प्रभावी बनाने के लिए दोनों कंपनियां मिलकर काम करेंगी। कई देशों में इसकी टेस्टिंग भी की जा रही है।  चीन ने इसके कमर्शियल इस्तेमाल को लेकर हरी झंडी दे दी है। इसके बाद भारत में भी इस तकनीक को लाने को लेकर कवायद शुरू हो गई है। इस टेक्नॉलजी का आना विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में एक नए युग के आरंभ जैसा होगा। हाल ही में कुछ महीने पहले सैमसंग ने अपना पहला 5जी स्मार्टफोन साउथ कोरिया में लॉन्च किया था, वहीं सैमसंग के अलावा चिपसेट निर्माता कंपनी क्वॉलकॉम और हुवावे जैसी कंपनियां भी 5जी को लेकर काम कर रही हैं। क्या है 5जी नेटवर्क:- 5जी मोबाइल फोन वायरलेस सेवा की पांचवी पीढ़ी है। 
पिछली जेनरेशन की तुलना में इसकी स्पीड काफी अच्छी होगी। 5जी टेक्नोलॉजी के बाद इंटरनेट के उपयोगकर्ताओं को डेटा की हाई डेन्सिटी मिलने लगेगी, बेहतर कवरेज मिलेगा और मोबाइल उपकरणों की बैटरी भी कम खर्च होगी। मई 2013 से ही इस टेक्नोलॉजी पर काम शुरू हो गया था। 5जी जिस तरह से तैयार किया जा रहा है उसके मुताबिक यह मौजूदा एलटीई नेटवर्क पर काम कर सकेगा। एक अनुमान के अनुसार साल 2025 तक दुनिया की एक-तिहाई आबादी को 5जी नेटवर्क का कवरेज मिलेगा। 5जी की सहायता से सेल्फ ड्राइविंग कार को भारत में लॉन्च करने में मदद मिलेगी। क्योंकि ऐसी कारों के लिए ज्यादा से ज्यादा डेटा बहुत कम समय में ट्रांसफर होना चाहिए। हालांकि, इसके लिए सरकार को पहले इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना होगा पर इस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। 5जी आ जाने के बाद टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में भी काफी प्रोग्रेस होगी। इससे न सिर्फ ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक हेल्थकेयर को पहुंचाया जा सकेगा बल्कि रोबोटिक सर्जरी भी की जा सकेगी। टेक्नॉलजी की एक खासियत यह होती है कि इससे गलतियां होने की संभावना काफी कम होती हैं और एक्युरेसी रेट काफी अच्छा होता है। 
5जी की वजह से एग्रीकल्चर की फील्ड में भी भारत को काफी फायदा मिल सकता है।  इसके माध्यम से उपकरणों से पता लगाया जा सकता है कि खेत की मिट्टी की क्या स्थिति है जिससे सही मात्रा में फर्टिलाइज़र, पानी और पेस्टीसाइड्स प्रयोग करके पैदावार को बढ़ाया जा सकेगा। पानी की कमी जिस तरह से आज कल समस्या बनती जा रही है उसे देखते हुए सिंचाई के लिए ज़रूरी पानी ही खेतों तक पहुंचाया जाएगा जिस पानी की बर्बादी को भी रोका जा सकेगा। होम ऑटोमेशन और ऊर्जा मैनेजमेंट- होम ऑटोमेशन के ज़रिए एनर्जी की काफी बचत की जा सकेगी। जैसे- मान लीजिए कि आपको वॉशिंग मशीन से कपड़े धोने हैं तो आप इसमें टाइम सेट कर सकते हैं कि मशीन शाम को चार बजे से चलकर पांच बजे तक बंद हो जाए। इसी तरह से घर के दूसरे उपकरणों पंखा, एसी, फ्रिज के लिए भी टाइमर सेट किया जा सकता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो जहां-जहां सेंसर्स यूज़ हो सकते हैं वहां-वहां हर जगह इसका प्रयोग किया जा करके लाभ लिया जा सकता है।

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