Tuesday, June 25, 2019

सत्संग का असर...


एक सेठ जी किसी के कहने पर सतसंग गये, सतसंग गेट पर सेवादार ने कहा आईये, हाल के अन्दर सेवादार ने कहा बैठिये, सत्संग समाप्त हुआ तो सेवादार ने कहा जाईये। रास्ते मे उनके मैनेजर ने पूछा कि सत्संग मे आनन्द आया तो बोले कि कैसा आनन्द, मैने तो सिर्फ 3 शब्द सुने आईये, बैठिये, जाईये क्योकि वहॉ मैं सो गया था। पहली बार सत्संग जाने का असर ये हुआ कि 3 शब्द रात मे सोते समय भी मुँह से निकले, एक चोर उनके कमरे मे चोरी करने घुसा, सेठ बोले आईये, चोर डर गया, फिर सेठ बोले बैठिये, चोर डर के मारे बैठ गया, फिर सेठ बोले जाईये, जान बचाकर चोर भाग गया। सुबह चोर माफी मॉगने आया तो सेठ ने कहा कि हमे कुछ पता नही, ये 3 शब्द सत्संग मे सुने जो सोते समय मुह से निकले जिसके कारण मेरा सामान बच गया अगर जाग कर पूरे सत्संग का आनन्द लेता तो बहुत कुछ मिल सकता है और सेठ प्रतिदिन सत्संग जाने लगा। 
सत्संग जाने पर कुछ न कुछ जरूर मिलता है, हम क्या लाते हैं हमारे ऊपर निर्भर है। मित्र गोबिन्द सिंग वावा [रायपुर,छतीसगढ़ ]

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