ईशा फाउंडेशन के फाउंडर और अध्यात्मिक गुरु जग्गी वासूदेव सद्गुरु ने अपने एक वीडियो में उन्होंने पेरेंट्स को समझाते
हुए यह कहा है कि यदि आप अपने बच्चों को सुधारने की कोशिश में लगे हैं, तो बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। सद्गुरु कहते हैं कि ज्यादातर
पेरेंट्स हर समय अपने बच्चों को सुधारे की कोशिश में लगे रहते हैं, लेकिन यह चीज गलत है। क्योंकि आपके और आपके बच्चे के बीच में
कौन ज्यादा खुशहाल है? आपका बच्चा, तो सोचिए काउंसलिंग की जरूरत आपको है या उसे। सद्गुरु बताते
हैं कि जिंदगी का
मकसद खुश रहना है, तो ऐसे में
आपका बच्चा इस बारे में आपसे ज्यादा जागरूक है। हां, यह जरूर है कि आप उसे इस दुनिया में जीने के कुछ ट्रिक्स सिखा
सकते हैं, लेकिन उससे
जिंदगी के अलग-अलग आयामों दूर करना यह गलत है। क्योंकि आखिर में हम सब खुश रहना
चाहते हैं। बच्चों के बेहतर ग्रोथ के लिए पेरेंट्स को केवल एक अच्छा माहौल और सही
तरह से पालन-पोषण को सुनिश्चित
करने की जरूरत होती है। इससे ज्यादा एक बच्चे के विकास के लिए कुछ जरूरी नहीं होता
है।
बचपन मासूमियत से भरा होता है, शायद इसलिए बच्चे बड़ों की तुलना में ज्यादा खुश रहते हैं। बिना किसी की परवाह किए वह सिर्फ अपने मन की करते हैं,लेकिन इस फ्रीडम को बड़े होने के बाद समझ पाना बहुत मुश्किल हो जाता है, जिससे उसकी नादानियों को पेरेंट्स गलती समझकर सुधारने में लग जाते हैं। उसे एक ऐसा इंसान बनाने की कोशिश करने लगते हैं जिसके लिए खुश रहना मुश्किल हो जाए।
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