करियर 360 के
फाउंडर महेश्वर पेरी ने विवेक पर कई घोटाले करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा
किया है कि विवेक का 10 दिन का
एमबीए कोर्स पूरी तरह से गैरकानूनी है। पेरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा
है कि इस व्यक्ति ने एक मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में शुरुआत की। वह आसानी से पैसा
बनाने के लिए धर्म और राष्ट्रवाद का इस्तेमाल करते हैं। पेरी ने आगे लिखा कि विवेक
का पर्दाफाश संदीप सेमिनार ने भी किया। पेरी का कहना है कि मेरी नजर उनपर तब गई जब
उन्होंने भारत के जॉब की तलाश कर रहे 25 हजार से
ज्यादा छात्रों के लिए 10 दिन का
एमबीए कोर्स लॉन्च किया। पेरी ने आगे फिर इस पूरे मामले में रिसर्च
करनी शुरु की। पेरी ने विवेक बिंद्रा के कोर्सेज के बारे में भी कई दावे किए। उन्होंने
कहा कि विवेक ने इंटरनेशनल बिजनेस कंसल्टेंट (आईबीसी) नामक एक कार्यक्रम शुरू किया। यह कोर्स वादा करता है कि आप हर
महीने 1 लाख
रुपये से 20 लाख
रुपये तक कमा सकते हैं। आप एक बिजनेसमैन बनने के लिए 50,000 की फीस का भुगतान करते हैं,लेकिन आखिर में एक सेल्समैन बन
जाते हैं जो कमीशन कमाने के लिए बिंद्रा का कोर्स बेचता है।
पेरी ने आगे कहा कि इस
कार्यक्रम की वजह से छात्रों ने समय, पैसा और
आशा खो दी, लेकिन
बिंद्रा नकदी गिन रहे हैं। कोर्स की फीस के अलावा, विवेक बिंद्रा नॉन-रिफंडेबल फ्रेंचाइजी फीस भी लेते हैं। उन्होंने
बताया कि वित्त वर्ष 2022 और 2023 में विवेक ने 308 करोड़ की
कमाई की। महेश्वर पेरी तब सुर्खियों में आए जब दो दशक पहले उन्होंने आईआईपीएम और
अरिंदम चौधरी के कथित धोखाधड़ी की पोल खोली। पेरी ने आईआईपीएम बिजनेस स्कूल की
रैंकिंग डेटा में और प्लेसमेंट रिकॉर्ड में गड़बड़ी का खुलासा किया था। साल 2008 में उन्होंने आउटलुक में एक कॉलम लिखा था। इसमें उन्होंने
बताया कि कैसे शिक्षा का व्यवसाय छात्रों के लिए हानिकारक होता जा रहा है।
इसमें
उन्होंने आईआईपीएम का भी जिक्र किया था। इस आर्टिकल के पब्लिश होने के बाद
आईआईपीएम के साथ 6 साल लंबी
कानूनी लड़ाई चली। जिसके बाद आखिरकार साल 2015 में आईआईपीएम को अपने सभी कैंपस को बंद करने के लिए मजबूर
होना पड़ा। बता दें कि 1991 में 21 साल की उम्र में चार्टर्ड अकाउंटेंसी परीक्षा पास करने वाले
पेरी देश के सबसे कम उम्र के छात्रों में से एक थे।
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