क्रिसमस मुख्य रूप से ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों का त्योहार है,लेकिन आज इसे पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यही वजह है कि क्रिसमस के दिन
क्रिसमस ट्री की डिमांड काफी बढ़ जाती है। footprint.org की रिपोर्ट के
अनुसार, हर साल क्रिसमस के समय पूरी दुनिया में लगभग 120
मिलियन यानी 12
करोड़ पेड़ काटे
जाते हैं। अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका
में क्रिसमस के दौरान हर साल 35 से 40
मिलियन क्रिसमस ट्री
बेचे जाते हैं। वहीं ब्रिटेन में लगभग 8 मिलियन पेड़ों की
खपत होती है। यानी अमेरिका सहित सभी
यूरोपीय
देशों की बात करें तो वहां हर साल क्रिसमस के दौरान लगभग 50
मिलियन पेड़ काटे
जाते हैं। रूस और दूसरे एशियाई देशों में भी इस दौरान लगभग 40
मिलियन से ज्यादा
क्रिसमस ट्री की खपत होती है। अकेले ऑस्ट्रेलिया में 5 से 6
मिलियन पेड़ों की
कटाई क्रिसमस के दौरान की जाती है। क्रिसमस के लिए जो लोग असली पेड़ खरीद या काट
नहीं सकते, वो बाज़ार से प्लास्टिका क्रिसमस ट्री खरीद कर
लाते हैं। चीन इसे हर साल भारी मात्रा में अमेरिका और यूरोपीय देशों को एक्सपोर्ट
करता है।
freightwaves की रिपोर्ट के
अनुसार, अमेरिका इस क्रिसमस ट्री का सबसे बड़ा इंपोर्टर
है यानी अमेरिका इसे सबसे ज्यादा अपने देश में आयात करता है। Statista
की रिपोर्ट के
मुताबिक, चीन ने 2022
में पूरी दुनिया में
क्रिसमस ट्री और उससे जुड़े डेकोरेशन के लगभग 10 बिलियन डॉलर के
सामान को एक्सपोर्ट किया था। इसमें अकेले अमेरिका कि हिस्सेदारी 3.17
बिलियन डॉलर की थी।
इस धरती पर अगर पेड़ ना हों तो यहां रहने वाला हर जीव कार्बन डाइऑक्साइड की वजह से
दम तोड़ दे। ये पेड़ ही हैं जो इस जहर रूपी कार्बनडाय को अपने भीतर लेते
हैं और फिर जीवों को जीने के लिए ऑक्सीजन देते हैं,लेकिन इसके बाद भी
इन्हें पूरी दुनिया में लगातार काटा जा रहा है।
खासतौर से क्रिसमस के लिए हर साल
लगभग 12 करोड़ पेड़ काट दिए जाते हैं। द तत्व की एक
रिपोर्ट दावा करती है कि इतने पेड़ों के कटने से लगभग 2 से 3
बिलियन किलोग्राम
कार्बन फुटप्रिंट होता है।
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