मीडिया से बात करते हुए बाबा बागेश्वर ने कहा कि ये क्रिसमस
सनातनी संस्कृति के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों को
सांता क्लॉस के पास ना भेजकर आसपास के मंदिरों में हनुमानजी की पूजा के लिए भेजना
चाहिए। आज मातृ-पितृ पूजन और तुलसी पूजन दिवस भी है। मातृ-पितृ पूजन करवाया जाए और
तुलसी पूजन कराया जाए। उन्होंने आगे कहा कि सांता क्लॉस आएगा
गिफ्ट लाएगा। ये क्या हम पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं? भारतीय और सनातनियों को इस बारे में विचार करना चाहिए और
पाश्चात्य संस्कृति का बहिष्कार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को अपने
बच्चों को हनुमानजी, मीराबाई
और स्वामी विवेकानंद के आदर्शों की ओर प्रेरित करना चाहिए, ना कि पाश्चात्य संस्कृति की तरफ। उन्होने लोगों से अपील की
है कि क्रिसमस डे का सेलिब्रेशन पाश्चात्य संस्कृति का प्रतीक है और सनातन को
मानने वाले लोगों को इस पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण नहीं करना चाहिए। धीरेंद्र
शास्त्री ने लोगों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को सांता क्लॉस की जगह हनुमानजी
की पूजा के लिए प्रेरित करें।
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