दरभंगा के सिंहवाड़ा प्रखंड में सोमवार को
पत्रकार वार्ता के दौरान जन सुराज के मुखिया प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी को
वोट मिलने के चार कारण हैं, पहला- हिंदुत्व जो उनकी एक विचारधारा है, इससे जुड़ा हुआ एक
बहुत बड़ा वर्ग बीजेपी को इसलिए वोट करता है, क्योंकि उन्हें
बीजेपी के हिंदुत्व वाली विचाराधार पर यकीन है। दूसरा, जो न्यू राष्ट्रवाद
की बात शुरू हो गई है, जो गांव-देहात में आप सुनते हैं कि भारत विश्वगुरु बना गया है, पूरे विश्व में भारत
की शान मोदी ने बढ़ा दी है। ये जो सारी बाते हैं, पुलवामा के बारे में
आपने सुना होगा, इस राष्ट्रवाद की भावना की वजह से भी बीजेपी को वोट मिलता है। तीसरा, एक बहुत बड़ा वर्ग केंद्र की योजनाओं के लाभार्थियों का है, चाहे वो किसान
स्वनिधि योजना हो, आवास योजना हो, जिसकी धनराशि सीधे केंद्र सरकार लाभार्थियों को भेज रही है। चौथा, जो बीजेपी का अपना
संगठन है, उसकी जो संगठनात्मक और आर्थिक ताकत है उससे भी बहुत फर्क पड़ता है। मान
लीजिए कि आप आरजेडी से चुनाव लड़ रहे हैं, तो आप तीन-चार करोड़ रुपये देकर चुनाव लड़ते हैं, क्योंकि ऐसी
पार्टियां आपको टिकट देंगी और पैसा लेंगी। अगर आप बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं, तो पार्टी आपको
चुनाव लड़ने के लिए पैसा दे रही है और कहती है कि जाइए अच्छे से जनसंपर्क करिए और
चुनाव लड़िए।
ऐसे में इन चार विषयों में से कम से कम तीन के लिए आप बेहतर प्रयास
नहीं करेंगे, जैसे कि जो बीजेपी का हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और जो
लाभार्थियों के बीजेपी कर रही है उससे बेहतर मॉडल आपके पास होना चाहिए।
प्रशांत
किशोर से जब पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने स्पष्टता से अपनी राय रखी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा जिसको उनके विरोधी दल हराना चाहते हैं, उन्हें सबसे पहले ये
समझना होगा कि उनकी ताकत क्या है?
बीजेपी को वोट लोग क्यों देते हैं? जब तक आप उसकी ताकत
को समझकर उससे बेहतर प्रयास नहीं करेंगे, तब लोग आपको वोट क्यों देंगे? बीजेपी को जो वोट
मिलता है, वो मोदी के ग्राफ के ऊपर-नीचे होने से नहीं मिलता है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी के संगठन की जितनी ताकत है उसके
मुकाबले में अन्य पार्टियों का संगठन बेहतर होना चाहिए। जब तक इन चार में से तीन
पर कम से कम आप बेहतर प्रयास नहीं करेंगे, तब तक आपको दस में
से सात या आठ चुनावों में हार का सामना करना होगा। एक दो जगह जहां जीत हासिल हो
भी जाती है, उसका कोई बहुत असर नहीं है। भाई! लोगों को लग रहा है कि कांग्रेस
कर्नाटक और तेलंगाना जीत गई, तो उनको मैं बता दूं कि ये वोट कांग्रेस को नहीं मिला है, ये वोट वहां की तत्कालीन
सरकारों के खिलाफ है। लोग केसीआर के खिलाफ वोट करना चाहते थे, वहां दल के रूप में
कांग्रेस ही है, तो कांग्रेस को ही वोट दिया। ये इनकंबेंसी का वोट है। अगर जहां आपकी
सरकार है और लोग आपको चुनें तो फिर वो बात है।
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