स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था। स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। स्वामी विवेकानंद ने न सिर्फ भारत के उत्थान के लिए काम किया बल्कि लोगों को जीवन जीने की कला भी सिखाई। स्वामी विवेकानंद का जीवन बड़ा ही संघर्षमयी था। मात्र 25 साल की उम्र में अपने गुरु से प्रेरित होकर उन्होंने सांसारिक मोह-माया त्याग दी और संन्यासी बन गए। स्वामी विवेकानंद जीवन भर संन्यासी रहे और अपनी आखरी सांस तक वह समाज की भलाई के लिए काम करते रहे। स्वामी विवेकानंद की कही बातें दुनिया भर के लोगों को प्रेरणा देती हैं।
आज स्वामी
विवेकानंद की पुण्यतिथि के मौके पर हम आपको उनकी कही 10 ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपना कर आप अपने जीवन में परिवर्तन ला
सकते हैं। खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है। ब्रह्मांड
की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमी हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं
और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है। जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। किसी की
निंदा न करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो जरूर बढाएं।
अगर नहीं बढ़ा सकते तो अपने हाथ जोड़िए, अपने भाइयों
को आशीर्वाद दीजिये और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिए। जब लोग तुम्हे गाली दें
तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, तुम्हारे झूठे
दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।
ज्ञान स्वयं में वर्तमान
है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है। जब तक
आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते। हम जितना
ज्यादा बाहर जाएं और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय
उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमे बसेंगे। तुम्हें अंदर से बाहर की तरफ विकसित
होना है। कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें
आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के आलावा कोई और गुरू नहीं है। दिल और
दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद 39 वर्ष की उम्र में 4 जुलाई
1902 को उनका निधन हो गया था।
No comments:
Post a Comment