2006 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने गरीब रथ ट्रेन की शुरुआत गरीबों को ध्यान में रख कर की थी। मक़सद गरीबों को कम पैसे में एसी ट्रेन की सुविधा देना था। रेल मंत्रालय जल्द ही गरीब रथ ट्रेन को बंद करने पर गंभीर हो चुका है। इस कड़ी में हफ्तेभर के भीतर दो गरीब रथ ट्रेनों के कम्पोजीशन भी बदले जा चुके हैं। पूरी तरह से थर्ड एसी इस ट्रेन में स्लीपर कोच भी जोड़े गए और भाड़ा भी रेलवे ने बढ़ा दिया। कम पैसे में एसी ट्रेन में सफर करने का सपना साकार करने वाली पटरी पर दौड़ती गरीब रथ ट्रेन को मंत्रालय बेपटरी करने की तैयारी में है। शुरुआत काठगोदाम से जम्मू और कानपुर सेंट्रल गरीब रथ से हो चुकी है। उसके रेक बदल गए और पूरी तरह से थर्ड एसी ट्रेन में स्लीपर का बॉगी भी जोड़ दिया गया।
इन दोनों गरीब रथ में महज़ 4 डिब्बे थर्ड एसी के रह गए और 7 डिब्बे
स्लीपर के इसमें जोड़ दिया गए। जहां काठगोदाम से जम्मू का भाड़ा पहले 755 रुपये था उसको बढ़ाकर 1070 रुपये
कर दिया गया। वहीं काठगोदाम से कानपुर सेंट्रल गरीब रथ का भाड़ा जो 475 रुपये होता था उसको बढ़ाकर 675 रुपये
कर दिया गया। फिलहाल इन ट्रेनों की तादाद 26 है। रेल
राज्यमंत्री सुरेश अगड़ी से गरीब रथ ट्रेन को बंद करने को लेकर सवाल पूछा गया तो
जवाब गोल गोल मिला कहा जब जिसको जो सुविधा चाहिए दे रहे हैं। सबको ऐसी चाहिए सबको ऐसी दे रहे हैं। भारत बदल रहा
है। भाड़े को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है।
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