अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने शुक्रवार को
जानकारी दी,अखबार ने कहा कि संघीय व्यापार आयोग ने 3-2 वोटों के साथ इस
जुर्माने को मंजूरी दी है। उपभोक्ता
संरक्षण एजेंसी के दो डेमोक्रेटिक सदस्यों ने इसके लिए असंतोष जताया था। रिपोर्ट
के अनुसार गोपनीयता के उल्लंघन के मामले पर लगाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा
जुर्माना होगा। हालांकि अंतिम रूप देने से पहले अभी इसके लिए न्याय विभाग से
स्वीकृति मिलने की आवश्यकता है। दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया नेटवर्क फेसबुक
को अमेरिका और दुनिया भर के तमामा देशों में यूजर्स की निजता के उल्लंघन के मामले
में पूछताछ और जांच का सामना करना पड़ रहा है।
फेसबुक से यह भी पूछा गया है कि
क्या उसने पहले किए गए समझौते का उल्लंघन करते हुए बिजनेस पार्टनर्स के साथ अनुचित
तरीके से यूजर्स का डाटा शेयर तो नहीं किया था। इस साल के शुरूआत में में फेसबुक
ने भी उपयोगकर्ता डेटा व्यवहार पर
कानूनी निबटारे के लिए 3 बिलियन डॉलर से 5 बिलियन डॉलर का भुगतान करने की उम्मीद जताई थी। एफटीसी ने
पिछले साल घोषणा की थी कि उसने कैम्ब्रिज एनालिटिका द्वारा करोड़ों यूजर्स का निजी
डेटा चुराने का मामला सामने के बाद फेसबुक के साथ 2011 के गोपनीयता समझौते में अपनी जांच को फिर से शुरू कर दिया है। राजनीतिक
सलाहकार कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका ने 2016 में
डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव अभियान के लिए काम किया था। कुछ फेसबुक आलोचकों का तर्क है
कि कंपनी पर डेटा व्यवहार की निगरानी सहित सख्त प्रतिबंध लगाने चाहिए, या फेसबुक के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क
जुकरबर्ग को दंड के लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होना चाहिए।
वहीं उपभोक्ता
समूह पब्लिक नॉलेज के शार्लोट श्लेमन ने एक बयान में कहा,मुझे उम्मीद है कि फेसबुक की व्यावसायिक कार्यप्रणालियों पर
अतिरिक्त शर्तें लागू होंगी। इसी महीने की शुरुआत में फेसबुक पर जर्मन की अथॉरटीज
ने आरोप लगाया था कि जर्मनी में फेसबुक अपने सोशल मीडिया प्लेटफोर्म पर अवैध
सामग्री वाले कन्टैंट को दिखा रही है, जिससे
इंटरनैट ट्रांसपेरेंसी कानून का उल्लंघन हुआ है। इसके लिए अथॉरटीज ने फेसबुक पर 2.3 मिलियन डॉलर (लगभग 15 करोड़ 83 लाख रुपए) का जुर्माना लगाया है।
No comments:
Post a Comment