नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री
श्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत पैगाम में तीर्थ-अप महाकुंभ का उद्घाटन
किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदर्शनी का अनुशीलन भी आयोजित किया। सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री
ने महाकुंभ के महत्व पर प्रकाश डाला और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के रोडमैप पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ दशकों में भारत के छाप छोड़े का उलेख और नवाचार और
स्टाम्प-अप संस्कृति के उभरते रुझानों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि
स्टांप-अप जगत के लोगों की उपस्थिति आज के अवसर का महत्व है। देश में स्टार-अप की
सफलता पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मूल तत्व की ओर से ध्यान आकर्षित किया गया
है जो उन्हें सफल बनाता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में इस महाकुंभ में पर्यावरणीय ऊर्जा और जीवंतता
का निर्माण हो रहा है । प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वे खेल और प्रदर्शनी स्टॉलों का दौरा कर
रहे थे , तो इसी तरह की भावना का अनुभव हुआ। इन चित्रों पर लोगों को अपने
नवप्रवर्तनों पर बहुत गर्व है। यथार्थ ने कहा कि स्टांप-अप महाकुंभ में आने वाला कोई
भी भारतीय भविष्य के यूनिकॉर्न और डेकाकॉर्न का साक्षी बनेगा। प्रधानमंत्री ने सही समुदाय के कारण देश में इकोसिस्टम के
विकास पर
संतोष से बातचीत की। समाज में सिद्धांत की अवधारणा के प्रति आरंभिक अनिच्छा और
मॉडल का अनुकरण करते हुए उन्होंने कहा कि समय के
साथ-साथ सिद्धांत इंडिया के तहत नवोन्मेषी विचार को मंच मिला। उन्होंने
इनक्यूबेटरों के साथ-साथ इन्वेस्टमेंट और फेलोशिप में इकोसिस्टम के विकास को
पोर्टफोलियो में शामिल करते हुए कहा कि इससे टियर 2 और टियर 3 शहरों के
छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मूर्ति
एक सामाजिक संस्कृति बन गई है और सामाजिक संस्कृति को कोई रोक नहीं सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्रांति क्रांति का नेतृत्व छोटे शहरों
द्वारा किया जा रहा है और यह क्रांति कृषि , वस्त्र , चिकित्सा , परिवहन , अंतरिक्ष , योग और
आयुर्वेद सहित कई जिलों में क्रांति हो रही है। अंतरिक्ष प्रक्षेपण के बारे में
विस्तार से जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के 50 से अधिक
क्षेत्रों में काम कर रहे हैं , जिसमें अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण भी शामिल है। प्रधानमंत्री ने जिद्दी सोच पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि
स्टैटिस्टिक्स ने यह वास्तविकता बदल दी है कि एस्टेवसाय शुरू करने के लिए बहुत
अधिक अवेश्यन की संभावना होती है। उन्होंने देश के युवाओं के लिए नौकरी देने वाले
के बजाय नौकरी देने वाले की छुट्टी कर दी। उन्होंने कहा कि भारत में 1.25 लाख कलाकार
काम कर रहे हैं। यहां तीसरा सबसे बड़ा पैथोलॉजी
इकोसिस्टम है , जिसमें सीधे तौर
पर 12 लाख युवा जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने रामायण से अपने पेट्रोलियम शीघ्रता
से भुगतान करने के प्रति संयम को कहा। जीईएम पोर्टल ने 20,000 करोड़
रुपये से भी अधिक की पेशकश की है। वे नए इलाके में युवाओं की दुकान के लिए निकले।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतिगत मंचों पर शुरू किए गए स्टांप-अप आज नए बाजार को छू
रहे हैं। डिजिटल इंडिया द्वारा स्टॉर्ट-अप को दिए गए प्रोत्साहन के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक बड़ा प्रेरणा स्रोत है। सलाह दी गई
कि कॉलेज इसे एक अध्ययन के रूप में देखें। उन्होंने कहा कि यूपीआई फिन-टेक
स्टाम्प-अप के समर्थन का एक स्तंभ बन गया है जो देश में डिजिटल सेवाओं के विस्तार
के लिए नवीन विचारधारा और सेवाओं के विकास का नेतृत्व करता है। उन्होंने 20वें शिखर
सम्मेलन के दौरान भारत पैगाम में उद्योग और वैश्विक नेताओं की लंबी कतारों को याद
करते हुए एक बूथ स्थापित किया , जिसमें यूपीआई की समझ दी गई और प्रतिभा दौड़ की भावना की गई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह वित्तीय समावेशन और ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर घाटे की कमी
है। प्रौद्योगिकी का विस्तार शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों तक हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में 45 प्रतिशत से अधिक स्टार-अप महिलाओं के नेतृत्व वाले हैं , वे शिक्षा कृषि या
स्वास्थ्य हो।
प्रधानमंत्री ने न केवल भारत के विकास
के लिए बल्कि मानवता की संस्कृति के नवनिर्माण को महत्व दिया।
उन्होंने कहा- 20 के तहत
वैश्विक फिल्मों के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए भारत की पहल का उल्लेख किया गया
है जो कि फिल्मों को इंजन के रूप में विकसित करने का काम करता है। उन्होंने
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (स्माल) के क्षेत्र में भी भारत का पलड़ा भारी होने की बात
कही। प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत के साथ युवा अन्वेषकों और वैश्विक
प्रतिभागियों दोनों के आगमन के लिए सृजित हो रहे कई अवसरों पर दौरा किया और
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन , भारत उद्यम मिशन और सेमीकंडक्टर मिशन का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री
ने कुछ समय पहले अमेरिकी सीनेट में अपनी बैठक के दौरान वास्तुशिल्प पर चर्चा को
याद किया और कहा कि भारत इस क्षेत्र में अग्रणी बना रहेगा। अख्तर ने कहा कि मेरा
मानना है कि विश्व के कई देशों के लिए भारतीय समाधानों के लिए वैशिष्ट्य की सलाह
ली जाती है। प्रधानमंत्री ने हैकथॉन आदि के माध्यम से भारतीय युवाओं से सीखने
की वैश्विक इच्छा को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि भारतीय रेनॉल्ड्स में परीक्षण
किए गए समाधानों को वैश्विक इंटरफ़ेस मिला है। उन्होंने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन और
सैनराइज सेक्टर क्षेत्र में फ्यूचर की रिसर्च और योजना के लिए एक करोड़ रुपये के
फंड का भी उल्लेख किया है। प्रधानमंत्री ने कहा
कि वे लोगों की मदद करते हैं और जो पियथ समाज ने उनसे सहायता ली है वे उन्हें
सहायता के माध्यम से लौटाते हैं। इलेक्ट्रानिक्स से कहा गया है कि वे
मेट्रिकार्टअप रेज़्यूमे में शामिल हैं। उन्होंने अपने इनक्यूबेशन संग्रहालयों , स्कॉलरशिप
और एडवेंचर्स का दौरा करने और छात्रों के साथ अपनी कोचिंग साझा करने के लिए कहा।
डिजिटल हैकथॉन के माध्यम से सरकारी समस्या विवरण के समाधान में युवाओं को शामिल
करने के लिए अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि हैकथॉन कल्चरल सरकार में कई
अच्छे सॉल्यूशन अपनाए गए और सॉल्यूशन तलाशने की कोशिश की गई। उन्होंने म्यूजियम और
सूक्षम , लघु एवं इलेक्ट्रानिकम एंटरप्राइज (एमएसएमई) में इसका पालन करने के
लिए कहा। उन्होंने महाकुंभ में शामिल लोगों से कहा कि वे क्रियाकलापों की सूची
सामने रखें। प्रधानमंत्री ने भारत को 11 वें स्थान से लेकर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने
में युवाओं के योगदान को बताया। भारत की तीसरी सबसे बड़ी उद्योग निर्माण की
कलाकृतियों को पूरा करने में अंतिम भूमिका निभाने वाली की भूमिका भी प्रकाश में
डाली गई। सिद्धि का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों के साथ बातचीत करके उन्हें नई ऊर्जा
प्रदान की जाती है। उन्होंने युवाओं के भविष्य के बारे में राय दी। इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल , केंद्रीय
राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल और श्री सोम प्रकाश सहित अन्य उपस्थित थे।
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