नई लाइसेंस व्यवस्था भारत की विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के
लिए लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर (टैबलेट कंप्यूटर
सहित), माइक्रो कंप्यूटर, बड़े या मेनफ्रेम कंप्यूटर और कुछ डेटा
प्रोसेसिंग मशीनों पर लागू है. डीजीएफटी ने कहा कि एक इंपोर्टर्स अभी से इंपोर्ट
लाइसेंस प्राप्त करने के लिए सिस्टम पर आवेदन कर सकता है। इसमें वैल्यू, प्राइस या किसी देश पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। नए सिस्टम की तैयारी में
राजस्व विभाग भी शामिल है और पूरी आवेदन प्रक्रिया में लगभग 10 मिनट का समय लगेगा और सरल लाइसेंस स्वचालित तरीके से जारी किया जाएगा। दरअसल केंद्र सरकार ने लैपटॉप और कंप्यूटर जैसे आईटी
हार्डवेयर प्रोडक्ट के इंपोर्ट के लिए लाइसेंसिंग नियमों
में बदलाव किया है। अब ऐसे प्रोडक्ट्स के इंपोर्टर्स के लिए एक ऑनलाइन ऑथराइजेशन
सिस्टम स्थापित की गई है।
विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी
ने कहा,नई लाइसेंसिंग या ऑथराइजेशन सिस्टम का उद्देश्य मुख्य रूप से इन
प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट की निगरानी करना है ताकि यह सुनिश्चित
किया जा सके कि वे विश्वसनीय स्रोतों से आ रहे हैं। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से
लागू होगी। उन्होंने कहा कि इंपोर्ट पर अंकुश को लेकर स्टेकहोल्डर्स की
चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पॉलिसी में कुछ बदलाव किए गए हैं और इंपोर्टर्स के
लिए एंड-टू-एंड ऑनलाइन सिस्टम शुरू की गई है। सारंगी
ने कहा कि यह सिस्टम सिस्टम के लिए बिना कहीं जाए और बिना कॉन्टेक्ट डिटेल्स भरने
की सुविधा प्रदान करेगी।
यह घोषणा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ने चार
अगस्त को घोषणा की थी कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और चीन जैसे देशों से
इंपोर्ट में कटौती करने के उद्देश्य से इंपोर्टर्स को एक नवंबर से इन वस्तुओं के
इंपोर्ट के लिए लाइसेंस की जरूरत होगी। सारंगी ने कहा,अस्वीकृत इकाई सूची में शामिल कंपनियों को लाइसेंस नहीं
मिलेगा। ऐसी सूची में वे कंपनियां शामिल हैं जिन्होंने अग्रिम प्राधिकरण और
निर्यात संवर्धन पूंजीगत सामान (ईपीसीजी) जैसी योजनाओं का लाभ उठाकर निर्यात
दायित्वों को पूरा नहीं किया है या चूक की है या उनके खिलाफ डीआरआई (राजस्व आसूचना निदेशालय) के मामले चल रहे हैं।
पुराना
सामान या नवीनीकृत वस्तुओं का आयात करने की इच्छुक कंपनियों को भी इस लाइसेंस के
लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि उनके लिए मानक संचालन प्रक्रिया
(एसओपी) अलग है। सारंगी ने कहा,हालांकि एक ऑनलाइन सिस्टम लागू की गई है, लेकिन ये आईटी हार्डवेयर प्रोडक्ट अब
भी अंकुश की श्रेणी के अंतर्गत हैं और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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