आजाद मैदान में शिव सेना की दशहरा रैली में विशाल सभा को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र
के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे पर करारा प्रहार
करते हुए कहा कि उन्होंने सत्ता के लिए बाल ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा को दफन कर
दिया तथा कांग्रेस और समाजवादी दलों से हाथ मिला लिया। शिंदे ने
ठाकरे का नाम लिए बिना कहा कि उन्होंने अपनी वैचारिक विरासत के साथ बेईमानी करके
बाल ठाकरे की पीठ में छुरा घोंपा है। शिंदे ने कहा कि उन्हें आश्चर्य नहीं
होगा अगर वे (शिवसेना-यूबीटी) असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ गठबंधन कर लें और वे अपने
स्वार्थी उद्देश्यों और कुर्सी (सत्ता) के लिए हमास, हिजबुल
मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों
को गले लगा लें।
विपक्षी दलों
के इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए शिंदे ने कहा कि लोग 2024 के चुनावों में दस
सिर वाले इंडिया गठबंधन रावण
को दफना देंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
अगले साल लगातार तीसरी बार सत्ता में आएंगे और हम उनका हाथ मजबूत करने के लिए
महाराष्ट्र से 45 सांसद भेजेंगे।
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीट है। शिंदे ने कहा कि यह मोदी ही थे जिन्होंने अनुच्छेद 370 हटाकर और राम मंदिर
निर्माण के जरिए बाल ठाकरे के सपनों को पूरा किया। उन्होंने यह भी दोहराया कि राज्य सरकार
मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है जो कानूनी जांच में खरा उतरेगा। साथ
ही, उन्होंने युवाओं से आत्महत्या जैसे कदम नहीं उठाने की अपील की।
शिंदे ने
कहा,आपने सत्ता के लिए कांग्रेस और समाजवादियों के साथ जाकर बाला साहेब ठाकरे
की हिंदुत्व विचारधारा को दफन कर दिया। बाला साहेब ने शिवतीर्थ (शिवाजी पार्क
मैदान) से गर्व से कहो हम हिंदू हैं का नारा दिया था, लेकिन उस स्थान से गर्व से कहो हम कांग्रेसी और समाजवादी हैं जैसे नारे दिए जा रहे हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना
गुट ने दादर के शिवाजी पार्क मैदान पर पारंपरिक वार्षिक दशहरा रैली का आयोजन किया।
शिंदे ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे 2004 से ही मुख्यमंत्री बनने की
महत्वाकांक्षा पाले हुए थे, लेकिन बात नहीं बनी। शिंदे ने दावा
किया, उनकी (उद्धव की) इच्छा 2004 से ही मुख्यमंत्री बनने की थी लेकिन जुगाड़ काम नहीं आया।
उन्होंने दिखावा
किया कि उनकी इस पद में कभी दिलचस्पी नहीं रही है। सार्वजनिक रूप से कहा गया कि
उन्होंने शरद पवार की सलाह पर (2019 विधानसभा चुनाव के बाद) जिम्मेदारी
स्वीकार की।
No comments:
Post a Comment