बीते दिनों दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान के बीच मैच अंतिम ओवरों
में था, रोमांच पूरी तरह से बना
हुआ था। पाकिस्तान को जीत के लिए सिर्फ एक ही विकेट चाहिए था,तबरेज शम्सी के खिलाफ
पगबाधा की अपील हुई लेकिन अंपायर ने इसे नकार दिया। बाबर आजम ने रिव्यू (DRS) ले लिया, रिव्यू में अंपायर्स कॉल आया। अगर अंपायर ने तबरेज को
आउट दे दिया होता तो फिर वो आउट हो गए होते,
लेकिन शम्सी यहां बच गए और अंत में साउथ अफ्रीका ने
जीत हासिल कर ली। पाकिस्तान की हार के बाद हरभजन सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट
से पहली जो पोस्ट शेयर
की उसमें लिखा खराब अंपायरिंग और खराब नियमों के कारण पाकिस्तान को यह मैच गंवाना
पड़ा। ICC
को इस नियम को बदलना
चाहिए अगर गेंद स्टंप पर लग रही है तो वह (बैटर) आउट है, इससे कोई फर्क नहीं
पड़ता कि अंपायर ने आउट दिया या नॉट आउट अगर ऐसा नहीं है तो तकनीक का क्या फायदा??? हरभजन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर जो पोस्ट शेयर की उस
पर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी ग्रीम स्मिथ ने रिप्लाई करते हुए
लिखा भज्जी, अंपायर्स
कॉल पर मैं भी आपके जैसा ही महसूस करता हूं, लेकिन रैसी वैन डर डुसेन और दक्षिण अफ्रीका में
भी यही भावना हो सकती है? इस हरभजन सिंह ने भी रिप्लाई किया।
इस मामले पर हर्षा
भोगले ने भी
एक पोस्ट किया था जिस पर भज्जी ने रिप्लाई करते हुए लिखा सिंपल है हर्षा! अगर गेंद
स्टंप से टकरा रही है तो आउट। यह कल को भारतीय
टीम के साथ भी हो सकता है। आईसीसी को या तो टेक या अंपायर कॉल पर टिके रहने की
जरूरत है,अगर अंपायर कॉल लास्ट कॉल (आखिरी फैसला) है तो खेल में टेक (तकनीक) की
कोई जरूरत नहीं है। आपके पास एक सुझाव देने वाला और दूसरा नॉट आउट कहने वाला नहीं
हो सकता! यह बकवास है। गौरतलब है की दक्षिण अफ्रीका को एक विकेट से जीत मिली, वहीं पाकिस्तान ने इस टूर्नामेंट में लगातार
चौथी बार हार का स्वाद चखा।
इन सबके बीच अंपायर का फैसला विवादों के
घेरे में आ गया। पाकिस्तान के लिए अहम माने जा रहे इस मुकाबले में अंपायर्स कॉल तकनीक पर मैच के दौरान
कमेंट्री के साथ-साथ मैदान के बाहर भी इसकी गूंज सुनाई दी। टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर हरभजन
सिंह ने
खराब अंपायरिंग का आरोप लगाते हुए इस तकनीक पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने
सोशल मीडिया हैंडल से इस पर एक के बाद एक कई पोस्ट शेयर की है।
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