नागपुर:- व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ शिक्षा भी
राष्ट्र के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण कारक है और इस कारक पर व्यापक एवं
विस्तृत जानकारी उपलब्ध होना आवश्यक है। शिक्षा क्षेत्र में छात्रों का अनुपात, प्रत्येक परिवार का शिक्षा पर व्यय, छात्रों की शिक्षा छोड़ने की दर आदि
की जानकारी सरकारी स्तर पर उपलब्ध होनी चाहिए। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के
नागपुर संभागीय कार्यालय के उप महानिदेशक श्रीनिवास उप्पला ने बताया कि तदनुसार, यह जानकारी केंद्रीय सांख्यिकी
कार्यालय द्वारा आयोजित सामाजिक सर्वेक्षण के 80वें दौर से एकत्र की जाएगी। एनएसएस सामाजिक सर्वेक्षण के 80वें दौर पर एक दिवसीय क्षेत्रीय
प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन आज मंगलवार 15 अप्रैल को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (फील्ड
ऑपरेशन्स डिवीजन), क्षेत्रीय
कार्यालय, सीजीओ
में किया गया। वे नागपुर के सेमिनरी हिल्स स्थित कॉम्प्लेक्स में आयोजित कार्यक्रम
में बोल रहे थे। निदेशक
एवं क्षेत्रीय प्रमुख, क्षेत्रीय
कार्यालय नागपुर श्री रंगा श्रीनिवासुलु , श्री सी. क. इस
अवसर पर श्री.के.
मेश्राम , उप
निदेशक , घरेलू
सर्वेक्षण इकाई (एचएसयू) , नागपुर
और श्री. सुनील ए. सहायक निदेशक वैरागड़े उपस्थित थे। एनएसएस सर्वेक्षण के 80वें दौर का मुख्य फोकस शिक्षा पर
घरेलू व्यय पर होगा। उन्होंने कहा कि एनएसएस सर्वेक्षण के पहले दौर में दूरसंचार
क्षेत्र और वर्तमान में शिक्षा क्षेत्र में आंकड़े एकत्र करना शुरू हो चुका है तथा
अगला सर्वेक्षण घरेलू पर्यटन से संबंधित होगा। एनएसएस के 80वें दौर से सर्वेक्षण पूरा करने की
समय-सीमा कम कर दी जाएगी ताकि विभिन्न
मंत्रालयों को सूचना उपलब्ध कराने में देरी
न हो। श्रीनिवास उप्पला ने विश्वास व्यक्त किया कि एनएसएस सर्वेक्षण के इस 80वें दौर से सटीक और प्रासंगिक
जानकारी एकत्रित की जाएगी तथा उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों और कर्मचारियों को
शुभकामनाएं दीं।राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 1950 से राष्ट्र की सेवा कर रहा है।
द्वारा किए गए राष्ट्रव्यापी नमूना सर्वेक्षणों के माध्यम से विभिन्न
सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर एक मजबूत डेटाबेस बनाया गया है। इन आंकड़ों से केंद्र
और राज्य सरकारों को विकास पहल की योजना बनाने और नीतियों को आकार देने में मदद
मिली है। एन.एस.ओ. इस संगठन द्वारा एकत्रित आंकड़े राष्ट्र के विकास में प्रमुख
भूमिका निभाते हैं तथा समाज के कल्याण और उत्थान के लिए नीतियों की योजना, अनुसंधान, निर्माण और कार्यान्वयन के लिए
महत्वपूर्ण इनपुट प्रदान करते हैं।
इस सर्वेक्षण दौर के माध्यम से, घरेलू उपभोग व्यय, रोजगार और बेरोजगारी, संगठित और असंगठित क्षेत्र, विकलांगता और बीमारी, घरेलू पर्यटन व्यय, ऋण और निवेश, भूमि और पशुधन, पेयजल, स्वच्छता, स्वास्थ्य और रहने की स्थिति और
समय के उपयोग सहित विभिन्न सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर सर्वेक्षण किए जाते हैं। व्यापक
मॉड्यूलर सर्वेक्षण - शिक्षा (सीएमएस-ई: अप्रैल से जून, 2025) को चल रहे एनएसएस सामाजिक
सर्वेक्षण - 80वें
दौर के हिस्से के रूप में शामिल किया जाएगा। सर्वेक्षण का उद्देश्य शिक्षा से
संबंधित संकेतकों पर जानकारी एकत्र करना है, जिसमें मुख्य रूप से शिक्षा पर घरेलू व्यय पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सर्वेक्षण में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के गांवों को छोड़कर भारत के सभी
केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया जाएगा।एन.एस.ओ. एनडीआरएफ के कुशल और
प्रशिक्षित अधिकारी और कर्मचारी ई-सिग्मा सॉफ्टवेयर से सुसज्जित उपकरणों (टैबलेट)
का उपयोग करके डेटा एकत्र करेंगे। ये अधिकारी वैज्ञानिक रूप से तैयार नमूनाकरण
तकनीकों के आधार पर चयनित गांवों और शहरी ब्लॉकों का दौरा करेंगे। इसमें सभी
परिवारों की गणना की जाती है तथा विशिष्ट परिवारों का चयन किया जाता है, ताकि परिवार के मुखिया या परिवार
के किसी जिम्मेदार एवं जानकार व्यक्ति से साक्षात्कार करके सभी घरेलू सदस्यों के
बारे में विस्तृत जानकारी एकत्रित की जा सके। यह प्रशिक्षण शिविर सांख्यिकी
अधिकारियों और कर्मचारियों को डेटा संग्रहण में प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित
किया गया है। एन.एस.ओ. इस प्रशिक्षण शिविर में क्षेत्रीय परिचालन विभाग के लगभग 80 फील्ड अधिकारी/कर्मचारी भाग लेंगे।
इस दौरान बताया गया कि घरेलू सर्वेक्षण इकाई एनएसओ के प्रतिनिधि भी इसमें भाग
लेंगे।
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