Wednesday, July 3, 2024

राज्यसभा के 264 वें सत्र के समापन पर सभापति के विदाई भाषण...

नई दिल्ली:- माननीय सदस्यगण, हम राज्य सभा के 264 वें सत्र के समापन पर आ गए हैं। सत्र की शुरुआत संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुई, जो एक महत्वपूर्ण परंपरा थी जिसने सरकार के एजेंडे को रेखांकित किया। हमने माननीय प्रधानमंत्री को छह दशकों के बाद लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद अपने मंत्रिपरिषद का परिचय देते हुए देखा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 76 सदस्यों ने 21 घंटे से अधिक समय तक सक्रिय भागीदारी की। सदन ने 19 नवनिर्वाचित सदस्यों के प्रथम भाषण भी सुने। माननीय प्रधानमंत्री ने बहस में भाग लेते हुए उत्साहपूर्ण भाषण दिया। यद्यपि सदन को जबरन स्थगित किये जाने के कारण 43 मिनट का नुकसान हुआ, जिसकी कमी को भोजनावकाश के दौरान चर्चा जारी रखने तथा 
निर्धारित समय से अधिक समय तक बैठने से पूरा कर लिया गया, तथापि, अधिक समय तक बैठने के कारण, अंततः कुल कार्यवाही की अवधि निर्धारित समय से तीन घंटे अधिक बढ़ गई और इस प्रकार हमने अपनी उत्पादकता में 100% से अधिक अंक प्राप्त किये। हालांकि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से सक्रिय भागीदारी थी, लेकिन मुझे कुछ मार्मिक टिप्पणियां करने के लिए बाध्य होना पड़ा, जो कार्यवाही को प्रभावित करने वाले व्यवधानों पर मेरे मन में भारी पड़ गईं। अनुभवी सदस्यों को गैर-जिम्मेदाराना तरीके से व्यवहार करते देखना विशेष रूप से निराशाजनक था। मैं दोहराना चाहता हूं कि व्यवधान न केवल सूचीबद्ध व्यवसाय के लेन-देन में बाधा डालते हैं, बल्कि इस प्रतिष्ठित संस्थान की प्रतिष्ठा को भी कम करते हैं। 
यह देखना अत्यंत दुखद था कि विपक्ष के नेता भी सदन के वेल में चले गए और यह संसदीय आचरण और मर्यादा का अपमान था। मैं इस सदन के सदस्यों से अपेक्षा करता हूं कि वे अपने आचरण का आदर्श प्रस्तुत करें ताकि यह सदन विचार-विमर्श, चर्चा, संवाद और बहस का मंदिर बन जाए। आज उनका वॉकआउट बहुत दर्दनाक था। यह एक ऐतिहासिक अवसर था। छह दशकों के बाद प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार का यह तीसरा कार्यकाल है। वे अपने संवैधानिक आदेश से दूर चले गए और इससे एक खतरनाक मिसाल कायम हुई, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है। मैं माननीय उपसभापति श्री हरिवंश जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने हर अवसर पर मुझे शक्ति प्रदान की तथा सदन की कार्यवाही में अपने बुद्धिमतापूर्ण परामर्श से मेरा मार्गदर्शन किया तथा सचिवालय में नवीन कदम उठाए।



सदन की कार्यवाही के संचालन में मेरी सहायता करने के लिए उपाध्यक्षों के पैनल के सदस्यों को भी धन्यवाद देना चाहिए। उनमें से 50 प्रतिशत इस सदन की महिला सदस्य हैं। मैं सदन के नेता, विपक्ष के नेता, विभिन्न दलों के नेताओं और सभी सदस्यों के प्रति उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूं। मैं सत्र के दौरान कार्यवाही का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए महासचिव तथा उनके समर्पित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीम के अथक प्रयासों की सराहना करता हूँ। धन्यवाद।

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