हम अक्सर पानी पीने के बाद यह शिकायत करते हैं कि
‘नॉर्मल पानी से प्यास नहीं मिटती, जरा ठंडा पानी पीना होगा और इसी बहाने के साथ हम गर्मियों में दबा कर ठंडा
पानी पीते हैं। ठंडे पानी से मन और शरीर को मिलने वाली ठंडक हमें इस बात का अहसास
ही नहीं होने देती कि यह हमारी सेहत के लिए कितना खतरनाक है। यह तो हम सभी जानते
और सुन चुके हैं कि ज्यादा ठंडा पानी पीने से गला ख़राब हो जाता है अगर आप यह सोचते
हैं कि यह महज बड़ों के बहाने हैं, तो आप गलत हैं। ठंडा पानी
पीने से श्वसन तंत्र में म्युकोसा नाम की सुरक्षात्मक परत संकुलित हो जाती है,
जिससे गला ख़राब हो सकता है।
ठंडा पानी पीकर भले ही आपके मन को सुकून
मिलता हो, लेकिन ये आपके दिल के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं। ठंडा
पानी दिल की गति को कम कर देता है। ठंडा पानी वेगस तंत्रिका को प्रभावित करता है,
जिससे की दिल की गति कम हो जाती है। आप ठंडा पानी पीते हैं और आपको
पेट की समस्याएं रहती हैं, तो इसकी वजह है आपकी ठंडा पानी
पीने की आदत। ठंडा पानी पाचन प्रक्रिया में बाधा ड़ालता है। ठंडा पानी पीने से
नसें सिकुड़ जाती हैं और पाचन क्रिया धीमी हो जाती है।
इसी के चलते पेट की समस्याएं
पैदा होती हैं तो अगर आपकेा आपको भी पेट से जुड़ी परेशानियां होती हैं, तो आज से ही ठंडा पानी पीना बंद करें। ठंडा पानी पीने वाले लोगों को अक्सर
कब्ज की शिकायत रहती है। जैसा कि हम जानते हैं कि ज्यादा ठंड से चीजें जम जाती हैं,
ठीक वैसे ही हमारे शरीर में अधिक ठंडा पानी चीजों को सख्ता बना देता
है। इससे कब्ज और बवासीर जैसी परेशानियां जन्म ले सकती हैं। ठंडा पानी आपके खाने
के पोषक तत्वों को खत्म कर देता है अगर आप पोषक आहार लेने के बाद ठंडा पानी पी
लेते हैं, तो समझ जाईए कि आपने कुछ पोषक आहार नहीं खाया।
आदमी
के शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है और जब हम कोई ठंडी चीज़ पीते हैं,
तो उसे शरीर के तापमान के बराबर लाने में शरीर को ऊर्जा खर्च करनी
पड़ती है। अगर आप ठंडा पानी नहीं पीते तो यही ऊर्जा भोजन के पाचन और पोषक तत्वों के
अवशोषण में काम आती है।
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