देश में स्मार्टफोन धारकों की संख्या 2017 के 46.80 करोड़ से
बढ़कर वर्ष 2022 तक 85.90 करोड़ डॉलर पर पहुंच जाने का अनुमान है। गूगल की ईयर इन
सर्च-इंडिया-इनसाइट्स फॉर ब्रैंड्स की रिपोर्ट
में कहा गया कि ऑनलाइन वीडियो के लिए एक-तिहाई सर्च मनोरंजन से संबंधित होती है।
इसके अलावा पिछले दो साल के दौरान अन्य श्रेणियों जीवनशैली, शिक्षा और कारोबार में भी डेढ़ से तीन गुना की
वृद्धि हुई है। Google की एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में
2020 तक ऑनलाइन वीडियो देखने वाले ग्राहकों की संख्या 50 करोड़ पर पहुंच जाएगी। ऑनलाइन
वीडियो आज भारतीय यूजर्स के लिए सूचना जुटाने और खरीद संबंधी निर्णय लेने का एक
अहम माध्यम बन चुका है।
ऑनलाइन वीडियो सामग्रियां प्रसारित करने वाली कंपनियों का
घरेलू बाजार वर्ष 2022 तक 5,363 करोड़
रुपये का हो सकता है। एसोचैम और पीडब्ल्यूसी के एक सर्वे में यह कहा गया। इस तरह
की नई सेवा को ओवर दी टॉप (ओटीटी) सेवा कहा जाता है। इस क्षेत्र की कंपनियों में
नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, यूट्यब आदि प्रमुख हैं। वीडियो ऑन डिमांड-एंटरटेनमेंट
रीइमेजिन्ड नाम के अध्ययन में कहा गया कि घरेलू ओटीटी बाजार वर्ष 2022 तक 5,363 करोड़ रुपये के साथ शीर्ष 10 वैश्विक बाजारों
में शामिल हो जाएगा। अध्ययन के अनुसार वर्ष 2017 से 2022 के बीच घरेलू ओटीटी बाजार
सालाना 22.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगा जबकि वैश्विक बाजार के लिये यह औसत
10.1 प्रतिशत है।
रिपोर्ट कहती है कि ऑनलाइन वीडियो आज ग्राहकों द्वारा सूचनाएं
जुटाने और खरीद संबंधी निर्णय लेने के तरीके को नया आकार दे रहे हैं। कार खरीद
संबंधी फैसले लेने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। करीब 80 प्रतिशत कार के खरीदार इसका इस्तेमाल कार खरीदने
के लिए शोध पर कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि गूगल प्लेटफार्म पर वॉयस सर्च
में सालाना आधार पर 270 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। रिपोर्ट में
कहा गया है कि भारत में 10 नए इंटरनेट यूजर्स में से 9 भारतीय भाषाओं वाले प्रयोगकर्ता हैं।
अध्ययन के
अनुसार, इस कारोबारी मॉडल को आगे बढ़ाने वाले पांच
मुख्य कारकों में निर्बाध कनेक्टिविटी, वीडियो
सामग्रियों के उपभोग में मोबाइल डिवाइस की बढ़ती हिस्सेदारी, पारंपरिक राजस्व माध्यमों से इतर पलायन, सामग्री बनाने वालों की जगह प्लेटफॉर्म की तरफ
मूल्य का स्थानांतरण और उपभोक्ता केंद्रित सामग्री की उपलब्धता शामिल है।
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