भारत से चीन को लाल मिर्च के निर्यात में काफी
बढ़ोतरी हुई है और इस कारण घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ रही है। इस नए बाजार के
खुलने से किसान और कारोबारी दोनों काफी उत्साहित हैं। इस खबर से भारत में में
मिर्च की खेती करने वाले किसानों में काफी खुशी है क्योंकि मांग बढ़ने के चलते
उन्हें अब अपनी फसल की अच्छी कीमत मिल रही है। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के
मुताबिक लाल मिर्च का निर्यात करने वाली पेपरिका ओलियोस के डायरेक्टर एपी मुरुगन
ने बताया, 2018 के अंत में आई चीन की फसल खराब थी और इस वजह से उसने विशेष तौर
पर भारत से अधिक तीखी मिर्च की खरीदारी बढ़ाई है।
उन्होंने कहा, अच्छी क्वॉलिटी वाली मिर्च पहले ही कोल्ड स्टोरेज में जा चुकी
है। हमें अभी निचली क्वॉलिटी वाली मिर्च मिल रही है। जून तक बेहतर क्वॉलिटी वाली
मिर्च कोल्ड स्टोरेज से मार्केट में पहुंच सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन में
प्रीमियम क्वालिटी वाली लाल मिर्च की मांग अधिक है और ये मिर्च मुख्य रूप से आंध्र
प्रदेश और तेलंगाना से खरीदी जा रही है। चीन की ओर से खरीदी जाने वाली लाल मिर्च
में 60 फीसदी हिस्सेदारी इन दोनों राज्यों की है।
इस मिर्च का भाव इस
समय भारत में 95 रुपये से 120 रुपये
प्रति किलो है। माना जा रहा है कि आने
वाले दिनों में मांग में तेजी का रुख जारी रहेगा और इस वजह से कीमते और बढ़ेंगी। मसाला
बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार 2017-18 के दौरान
चीन को निर्यात करीब 3 गुना बढ़कर 9,373 टन हो गया। 2017-18 में
मिर्च का निर्यात 4.43 लाख टन था।
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