Tuesday, April 30, 2019

जाने नींबू–मिर्ची लगाना अंधविश्वास या कोई वैज्ञानीक रहस्य...?


अगर आप सोचते हैं कि ये नींबू-मिर्च वाला जुगाड़ हमेशा से टोटके के रूप में इस्तेमाल होता रहा है। इस टोटके के पीछे की पौराणिक और वैज्ञानिक तर्क जो इसे भारत में इसे इतना लोकप्रिय बनाते हैं। अक्सर आपने अपने आस-पास दुकानों, घरों या गाड़ियों में और अन्य कई स्थानों पर 7 हरी मिर्च के साथ 1 नींबू को टंगा हुआ देखा होगा। कई लोगों को ये अटपटा और बेतुका लगता है तो वहीं कई लोग मानते हैं कि ये ऐसा टोटका है जिससे बुरी शक्तियां हमारे आस-पास से दूर रहती हैं। इसे आम भाषा में नजरबट्टू के नाम से जाना जाता है। नजरबट्टू यानी बुरी नजर से बचाने वाला।  हालांकि कई लोगों का विश्वास है कि इसका महत्व महज एक टोटके से बढ़कर काफी तर्कसंगत है। 
पुराने समय में लोगों के पास दूर जाने के लिए कोई सवारी नहीं हुआ करती थी और कच्ची और टूटी सड़कों पर सवारी लेकर निकलना बड़ी टेढ़ी खीर होता था। इसलिए उस समय लोग पैदल ही जंगलो और खेतों के रास्ते दूर-दूर तक यात्रा किया करते थे। सफ़र में वे हमेशा अपने साथ नींबू और मिर्च रखा करते थे। इसके पीछे थी एक वजह दरअसल, इन दोनों का अपना महत्व था। लम्बे सफ़र में चलते रहने के कारण जाहिर सी बात है लोगों को प्यास लगती थी, तो वे पानी में नींबू को निचोड़ कर उसका घोल बनाकर पी लेते थे। इससे उनकी प्यास भी मिटती थी और डिहाईड्रेशन यानी निर्जलीकरण के ख़तरे से भी बच जाते थे। दूसरी ओर मिर्च का इस्तेमाल सांप का डंक जहरीला था या नहीं इसकी पहचान करने के लिए किया जाता था। 
दरअसल जंगलों और खेतों से पैदल निकलने के कारण कई बार लोगों के सांप और अन्य जहरीले जीवों के डंक का सामना करना पड़ता था। जैसे ही उन्हें कोई सांप काटता था वह मिर्च खा लेते। अगर मिर्च का तीखापन उनकी जीभ पर महसूस हुआ मतलब सांप जहरीला नहीं था और अगर उन्हें जीभ पर कुछ भी आभास नहीं हुआ तो सांप जहरीला था। आगे बढ़ते समय के साथ लोगों के मन में यह गलत धारण स्थापित हो गई कि यह तरकीब सफ़र में बुरी नज़र से बचाने का काम करता है।
हिन्दु धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी लक्ष्मी को धन-धान्य और संपन्नता की देवी माना जाता है। कथाओं के अनुसार देवी लक्ष्मी की एक जुड़वा बहन भी हैं जिनका नाम अलक्ष्मी है। अलक्ष्मी को दुर्भाग्य और अनिष्ठ की देवी माना जाता है। श्रृद्धालु आम तौर पर देवी लक्ष्मी को अपने घर बुलाने और उनपर कृपा दृष्टि बनाए रखने के लिए मीठे पकवानों और फलों का भोग लगाते हैं, उसी प्रकार ऐसा माना जाता है कि अलक्ष्मी को खट्टी और तीखी चीजे पसंद हैं। इसी कारण लोग नींबू और मिर्च को एक साथ बांध कर दरवाजे पर टांगते हैं ताकि अलक्ष्मी घर के अंदर कभी प्रवेश ना करें। 
नींबू-मिर्च को दरवाजे पर टांगने के पीछे एक तर्क यह भी दिया जाता है कि पुराने समय में जब पक्के नहीं कच्चे घर हुआ करते थे, तब लोग नींबू-मिर्च को प्राकृतिक कीटाणुनाशक की तरह इस्तेमाल करते थे। इन दोनों की मिली हुई महक से कीटाणु या तो मर जाते थे या घरों में प्रवेश नहीं करते थे। इसलिए भी इन्हें एक साथ घर के दरवाजे पर टांगा जाता था। कोई नहीं जानता कि ये टोटका कैसे हमारी आस्था का हिस्सा बना लेकिन ज्यादातर लोग इस पर पूरा भरोसा जताते हैं।

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