Wednesday, April 24, 2019

आपकी डायबिटीज को घरेलू चीजें करेंगी कंट्रोल …?


डायबिटीज आज एक आम रोग बन गई है। अगर आप डायबिटीज हैं, तो आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना की जरूरत है। ऐसे में आपको बहुत सी सलाह भी मि‍लती होंगी जैसे शुगर से बचें बहुत ज्यादा आलू न खाएं, वजन कम करें, चीनी की जगह अन्य चीजों का इस्तेमाल करें या ऐसी ही और सलाहें हर डायबि‍टीक को सुनने को मि‍लती होंगी। तो अब सोचने वाली बता यह होती है कि कौन सी सलाह मानी जाए और कौन सी नहीं अगर आप यह जानना चाहते हैं कि डायबिटीज या मुधमेह क्या है। तो हम आपको बता दें कि डायबिटीज में पेनक्रियाज इंसुलि‍न बनाना या तो बहुत कम कर देता है या फिर बंद ही कर देता है। आपका आहार डायबिटीज को मैनेज करने में काफी मददगार साबित हो सकता है। डायबिटीज या मधुमेह दुनियाभर में तेजी से फैल रही है। हर मिनट के साथ ही डायबिटीज के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। एक अध्ययन की बात करें तो साल 2030 तक 98 मिलियन यानी 9.8 करोड़ भारतीय डायबिटीज से पीडित होंगे। मधुमेह यानी डायबिटीज से पीड़ित लोगों को दिल की बीमारियों (Type 2 Diabetes and Heart Disease) से मौत का खतरा बढ़ जाता है। टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में लगभग 58 प्रतिशत मौतें हृदय संबंधी परेशानियों के कारण होती हैं। कई आहार, फल, सब्जियां हैं जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करती हैं। 

ऐसे कई मसाले हम आहार में शामिल कर सकते हैं जो मधुमेह में लाभकारी साबित हो सकते हैं। फल आपको नेचुरली डायबिटीज मैनेज करने में मदद करते हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करेंगे। डायबिटीज के लिए घरेलू नुस्खों में शामिल करें कुट्ट:- कुट्टू का आटा आपने अक्सर व्रत या ऐसे ही खास मौकों पर खाया होगा। कुट्टू के आटे से आम तौर  पर पूडियां या पकोड़े बनाए जाते हैं। असल में कुट्टू का आटा अनाज नहीं, बल्कि फल से बनता है और अनाज का बेहतर विकल्प होने के साथ पौष्टिक तत्वों भरपूर भी होता है। इतना ही नहीं कुट्टू का आटा सेहत के लिए भी बहुत  फायदेमंद है। कुट्टू का आटा प्रोटीन से भरपूर होता है। यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जिन्हें गेहूं से एलर्जी हो। कुट्टू का आटा सेहत के लिए बहुत  फायदेमंद है। यही वजह है कि व्रत के दौरान इसे खास महत्व दिया जाता है।  यह कई बीमारियों से भी लड़ने की ताकत रखता है। इतना ही नहीं वजन कम करने के आपके इरादे में भी कुट्टू का आटा मददगार साबित हो सकता है।   फाइबर से भरपूर और ग्लिसेमिक इंडेक्स कम होने से यह डायबिटीज वालों के लिए बेहतर विकल्प है। 
कुट्टू के आटे का ग्लिसेमिक इंडेक्स 47 होता है। यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (United States Department of Agriculture (USDA) के अनुसार डायबिटीक को अपने आहार का तकरीबन 50 फीसदी हिस्सा होलग्रेन यानी अनाज के रूप में लेना चाहिए। क्योंकि होलग्रेन या अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं, तो वे ब्लड में अचानक से होने वाले ग्लूकोज एब्जोब्शन को धीमा करते हैं। इन्हें लेने से अचानक ब्लड शुगर लेवल स्पाइकिंग को रोका जा सकता है। कहने का मतलब है कि इनसे ब्लड शुगर लेवल अचानक से नहीं बढ़ता। इसके साथ ही साथ यह लो ग्लाइसेमिक आहार होते हैं जो कि ब्लड शुगर लेवल में उछाल नहीं आने देते और टाइप-2 डायबिटीज (Type-2 diabetes) के खतरे को कम करते हैं। तो अब आप सोच रहे होंगे कि कौन-कौन से होलग्रेन यानी अनाज आपके लिए अच्छे हैं, तो चलिए शुरुआत करते है सबसे बेहतर वाले से। यह है रागी, जिसे इंग्लिश में फिंगर माइलेट्स (Finger millets) कहा जाता है। मूली कम ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स के लिए जानी जाती है। यानी कि इसे खाने से ब्‍लड शुगर पर असर नहीं होता है। रोजाना सुबह खाने में मूली का सेवन करने से डायबिटीज से जल्द छुटकारा मिल सकता है। मूली खाने से ब्‍लड शुगर पर असर नहीं होता है। 
भिंडी असल में ओकरा एक ऐसी सब्जी है, जिसका भारत में खूब इस्तेमाल किया जाता है। इसे कई मसालों के साथ पकाया जाता है और चपातियों के साथ खाया जाता है। कौन जानता था कि यह हमें मधुमेह के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है! यह सब्जी बहुत ही लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली होती है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक रेंकिंग है जो खाने के आपके ब्लड शुगर पर होने वाले असर के अनुसार मापा जाता है। लो जीएल फूड ब्लड शुगर को स्टेबल रखते हैं और जो शुगर रिलीज करता है उसे आराम से पचाने में मदद करता है। क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे कि 100 ग्राम भिण्डी में सिर्फ 7.45 ग्राम कार्बस होते हैं। यही वजह है कि भिंडी को डायबिटीज के लिए सुरक्षित माना जाता है। भिंडी में काफी मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन क्रिया दुरूस्त करने में मददगार है। इतना ही नहीं यह आंतो में जमी गंदगी बाहर करता है। भिंडी का पानी डायबिटीज में काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। भिंडी का पानी या 'ओकरा वाटर' पीने से आप डायबिटीज जैसी समस्या पर कंट्रोल कर सकते हैं।
करेला हरी सब्जियां खाने से शरीर को काफी सेहतमंद बनाया जा सकता है। हरी सब्जियों की मदद से शरीर में कई पोषक तत्वों की पूर्ति आसानी से की जा सकती है। करेला भी उन्हीं हरी सब्जियों में से एक है जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।
करेले में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं। जिनकी मदद से कई बीमारियों से निजात पाई जा सकती है। करेले के सेवन से इम्यून सिस्टम को भी मजबूती प्रदान की जा सकती है। डायबिटीज में करेले का जूस आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। सुबह एक गिलास करेले के जूस के सेवन से ब्लड शुगर लेवल को संतुलित और नियमित करने में काफी सहायता मिलती है। ये आपका ब्लड शुगर लेवल नियमित करने में काफी मददगार होता है। करेले का जूस आपके शरीर में इन्सूलिन को सक्रिय करता है जिससे ब्लड में मौजूद शुगर फैट में नहीं बदल पाता और बॉडी उसका सही इस्तेमाल कर पाती है। शुगर के फैट में न बदलने के कारण वजन कम करने में भी मदद भी मिलती है। सुबह एक गिलास करेले के जूस के सेवन से ब्लड शुगर लेवल को संतुलित और नियमित करने में काफी सहायता मिलती है।

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