Tuesday, April 9, 2019

इस तकनीक की सहायता से कंपनियां कर रही कर्मचारियों की जासूसी....

आज के दौर मे बती स्पर्धा के चलते जंहा कर्मचारियो पर दबाव रहता है वही कुछ कंपनिया अपने कर्मचारियो पर निगरानी के लिए ऐसी तकनीक का इस्तेमाल कर रही है जिससे कर्मचारियो को खासे तनाव से गुजरना पड़ता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक अब सिर्फ रोबोटिक तक ही सीमित नहीं है। अब इस तकनीक का इस्तेमाल बॉस अपने कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए भी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूके की 6 कंपनियां एआई टूल की मदद से अपने कर्मचारियों पर नजर रख रही हैं। इस तकनीक के इस्तेमाल से बॉस को यह पता लगाने में आसानी होती है कि ऑफिस में कौन कितना काम कर रहा है। 
हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह कर्मचारियों की जासूसी करने से वह दबाव में काम करते हैं जो उनकी कार्य क्षमता पर विपरीत असर डालता है। आईसेक में इस तरह की अल्गोरिदम का इस्तेमाल किया गया है, जो लोगों को मैनेज करता है साथ ही उनकी विशेषताओं के आधार पर उनकी रैकिंग भी करता है। यह मालिकों को यह भी बताता है कि कौन अन्य लोगों को प्रभावित करता है और कौनसा कर्मचारी चेंज मेकर की तरह काम करता है। यूके में लगभग 1.30 लाख कर्मचारियों पर कामकाज के दौरान आर्टिफिशियल तकनीक पर आधारित वर्क प्लेस एनालिटिकल सिस्टम आईसेक  द्वारा कर्मचारियों की जासूसी की जा रही है। 
कुछ ट्रेड यूनियन सिस्टम के कर्मचारियों ने इस की सिस्टम की आलोचना करते हुए कहा कि यह तकनीक वर्कर्स पर दबाव बढ़ा सकती है,उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और उन्हें ब्रेक न लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। द गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस तकनीक के बारे में ट्रेड यूनियम कांग्रेस के जनरल सेकेट्री फ्रांसिस ओ गार्डी का कहना है कि कर्मचारी अपने काम करने के लिए भरोसेमंद होना चाहते हैं,लेकिन इस तरह की ताक-झांक करने वाली तकनीक से उनके अंदर डर और अविश्वास पैदा होता है, यह उनके मनोबल को कमजोर करती है, जिससे वो काम को अच्छी तरह नहीं कर पाते। 
उन्होंने आगे कहा कि कंपनियों को चाहिए कि वह कर्मचारियों से इस बारे में खुलकर बातचीत करे और उन्हें इस तकनीक के बारे में पहले से बताए साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि उनकी गोपनीयता का खास ख्याल रखा जाएगा। हालांकि कुछ लोगों ने इसे ठीक भी ठहराया क्योंकि उनका मानना है कि इस तकनीक के आने से कोई किसी के कार्य का श्रेय नहीं ले पाएगा। वर्तमान में इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों में पांच कानून फर्म और एक लंदन एस्टेट एजेंसी शामिल हैं। इस तकनीक (आईसेक) को स्टेटस टुडे कंपनी ने डिजाइन किया है जिसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंकुर मोदी है और उन्होंने यह तर्क दिया है कि एआई अच्छी तरह से विश्लेषण प्रदान करता है और भेदभाव को समाप्त कर सकता है।

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