शाकाहारी होना या मांसाहारी होना यह हर किसी के व्यक्तिमत पर निर्भर होता है। इसमे हर
किसी के अपने तर्क हो सकते है। क्या खाना सही है या क्या गलत इसे आपके अपने स्वाथय
और आपके निजी
इच्छा पर निर्भर करता है। चलिए इसे ऐसे समझने की कोशीश करते है। आप अपने ऑफिस में दोस्तों के साथ मिलकर खाना खा
रहे होते हैं, अचानक से एक दिन कोई नॉनवेज खाना लेकर आ
जाता है और उनमें से एक जो नॉनवेज नहीं खाता है, वह खुद को
किनारा कर लेता है।
इसके बाद बहस होने लगती है कि क्या नॉनवेज खाना गलत है या सही
है? नॉनवेज नहीं खाने को लेकर हर किसी की अपनी
अलग-अलग राय है। कुछ लोग धार्मिक मान्यताओं की वजह से नहीं खाते हैं तो कुछ लोग
इसलिए नहीं खाते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह ज्यादा हेल्दी
होता है और पर्यावरण पर इसका सकारात्मक असर होता है। बहस से हटकर आज इस आर्टिकल में आपको बताने जा रहे हैं कि अगर दुनिया का हर
शख्स वेज खाने लगे (नॉनवेज छोड़ दे) तो क्या होगा। क्या हमारा पर्यावरण ऐसा ही
रहेगा जैसा कि वर्तमान में है? इसे समझने के
लिए एक स्टडी के तथ्यों को समझने की कोशिश करते हैं।
एक स्टडी के मुताबिक, अमेरिका में लोग तेजी से नॉनवेज छोड़ रहे हैं और
वेजिटेरियन बन रहे हैं। 2015 से 2018 के बीच
वेजिटेरियन की संख्या में 600 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2018 में अमेरिका में वेजिटेरियन की संख्या 2 करोड़ पार कर गया। रिपोर्ट में आगे कहा गया है
कि, अमेरिका में हर घंटे मीट के खातिर 5 लाख जानवरों को मारा जाता है।
रिपोर्ट में आगे
कहा गया है कि ग्रीनहाउस उत्सर्जन में एनिमल प्रोडक्ट का योगदान 18 फीसदी से 51 फीसदी तक है।
अगर हर कोई वेजिटेरियन हो जाएगा तो, जानवरों के
खाना खाने के लिए खाली जगहों पर चारागाह बनाए जाएंगे। पेड़ों को उगाने के काम में
तेजी आएगी। इससे पर्यावरण में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा में कमी होगी और ग्लोबल
वॉर्मिंग जैसी गंभीर समस्या से मुक्ति मिल सकती है।
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