Wednesday, April 24, 2019

पढ़े बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निष्पक्ष और पूरी तरह से गैर राजनीतिक इंटरव्यू की दिलचस्प बाते....


बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निष्पक्ष और पूरी तरह से गैर राजनीतिक  इंटरव्यू के दौरान पीएम की निजी जिंदगी से जुड़े तमाम सवाल किए। इस दौरान अक्षय ने पीएम से उनकी स्कूली जीवन से लेकर राजनीतिक सफर से जुड़े प्रश्न पूछे। पीएम ने इस दौरान परिवार, खान-पान और हंसी-मजाक से जुड़े तमाम किस्से भी साझा किए। इस दौरान एक सवाल के जवाब में पीएम ने कहा मेरे अंदर भी गुस्सा होता होगा लेकिन मैं उसे व्यक्त करने से रोक लेता हूं। इसी इंटरव्यू के दौरान अक्षय कुमार ने पीएम से उनके बैंक अकाउंट से जुड़ा सवाल पूछा तो इस बारे में उन्होंने यह जानकारी दी। प्रश्न : आपका बैंक बैलेंस कितना है? प्रधानमंत्री मोदी ने बैंक बैलेंस के सवाल पर बताया कि विधायक बनने से पहले मेरा बैंक खाता नहीं खुला था। 
विधायक बनने के बाद ही मेरा बैंक अकाउंट खुला था। इसके बाद मैं गुजरात का सीएम बना तो अकाउंट में वेतन आना शुरू हो गया,लेकिन इन पैसों की मुझे कोई जरूरत नहीं थी। मैंने वेतन से इकट्ठा हुए इस पैसे में से 21 लाख रुपये सचिवालय के ड्राइवर, सेक्रेटरी के बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के लिए दे दिए। उन्होंने बताया सरकार की तरफ से एक प्लॉट मिलता है, कुछ कम दाम में मिलता है। फिर मैंने वो पार्टी को दे दिया। हालांकि कुछ नियम है जिस पर सुप्रीम कोर्ट में मामला है। जैसे ही वह क्लीयर होगा, प्लॉट मैं पार्टी के नाम कर दूंगा। इससे पहले उन्होंने बताया कि बचपन में स्कूल में देना बैंक वाले अधिकारी आए थे। उन्होंने उस दौरान स्कूली बच्चों को गुल्लक दी और कहा कि इसमें पैसे एकत्रित करके हर महीने जमा कराना,लेकिन मेरी गुल्लक में पैसे नहीं थे तो खाते में भी पैसे जमा नहीं हुए। इसके बाद मैं गांव छोड़कर चला गया।  30-32 साल बाद बैंक अधिकारियों को पता चला कि मैं अब राजनीति में हूं। तब वो मेरे पास आए और अकाउंट बंद कराने के लिए मेरे से हस्ताक्षर कराए। 
इंटरव्यू के दौरान अक्षय कुमार ने पीएम से सबसे पहला सवाल किया कि मेरे ड्राइवर की बेटी ने सवाल पूछा था कि क्‍या हमारे पीएम आम खाते है। अगर खाते हैं तो क्‍या काटकर खाते हैं या आम तौर पर जैसे गुठली के साथ बिना काटे खाया जाता है, वैसे खाते हैं? इसके जवाब में पीएम ने कहा कि, हां मैं आम खाता भी हूं और मुझे पसंद भी है। गुजरात में तो आम रास की परंपरा भी है।   जब मैं छोटा था तो आम खरीदना हमारे बस की बात नहीं थी। दरसअल, हमारे किसान बड़े उदार होते हैं। हम जब खेतों में जाते थे तो हमारे किसान आम खाने से नहीं रोकते थे। हां आम चोरी करने पर डांटते जरूर थे। मुझे पेड़ पर लगे पके हुए आम खाना ज्‍यादा पसंद था'। पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया- अब उन्‍हें आम खाने से पहले क्‍यों दस बार सोचना पड़ता है?

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