आप रेलयात्रा के दौरान कई बार चोरिया होने की बात को सुनते है।
अपनी सुरक्षा के सारे इंतजाम करने के बाद भी शातिर चोरो के शिकार हो ही जाते है, ऐसे में सबसे जरूरी की आप संयम बनाए रखे और सबसे
पहले इस बात की पुष्टि कर ले की क्या वाकई आप शिकार हुए है। चोरी होने पर सबसे
पहले करें ये काम- आपको बता दें कि अगर सामान चोरी हो जाए तो यात्री को ट्रेन के
कंडक्टरों, कोच अटेंडेंट, गार्ड्स या गर्वनमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) के
एस्कॉर्ट से संपर्क करना चाहिए। वे आपको एफआईआर का फॉर्म देंगे,जो कि पीड़ित यात्री को भरकर उन्हें वापस देना
होगा। शिकायत वाला फॉर्म उसके बाद पुलिस थाने भेजा जाएगा। ऐसे में एफआईआर के लिए
परेशान होने या बीच में यात्रा रोकने की जरूरत नहीं है।
यही नहीं,पीड़ित यात्री प्रमुख स्टेशनों पर रेलवे पुलिस
फोर्स (आरपीएफ) के कर्मचारियों से भी इस बाबत मदद मांग सकते हैं। वे उन्हें मामले
से जुड़ी शिकायत दे सकते हैं। चोरी के आंकड़ों पर एक नज़र डाले तो:- रेल मंत्रालय
की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 साल
में सबसे अधिक 36,584 मामले 2018 में दर्ज हुए हैं। 2017 में चोरी के 33,044 मामले
दर्ज किए गए, वर्ष 2016 में 22,106 और 2015 में 19,215
मामले दर्ज किए गए। वहीं, साल 2014 में ट्रेनों में चोरी के 14,301, वर्ष 2013 में 12,261, वर्ष 2012 में 9,292, 2011 में 9,653, 2010 में
7,549 और 2009 में 7,010 मामले दर्ज हुए। वर्ष 2009 से 2018 के दौरान ट्रेनों में
चोरी के मामलों में 5 गुना वृद्धि हुई है। कुल मिलाकर 2009 से 2018 के दौरान
ट्रेनों में चोरी के कुल 1,71,015 मामले दर्ज किये गए।
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