Tuesday, April 23, 2019

बैंक के कर्ज पर आप बचा सकते हैं टैक्स, पर्सनल लोन भी आता है दायरे में.....?


 फाइनैंशल इमरजेंसी जिंदगी में कभी भी आ सकती है। हालांकि इस दौर में बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनैंशल कंपनियों की ओर से लोन में आसानी के चलते ऐसे किसी संकट से निपटना अब कठिन नहीं रह गया है। इस तरह के लोन फाइनैंशल इमरजेंसी से बाहर निकलने के अलावा टैक्स बचाने में भी मदद करते हैं। इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 के अनुसार आपको तरह-तरह के लोन के रीपेमेंट पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिल सकता है। आइए टैक्स बचाने में मदद करने वाले कुछ लोन्स पर एक नजर डाल लेते हैं।# होम लोन:- होम लोन सबसे ज्यादा प्रचलित लोन्स में से एक है, जिस पर अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट मिलता है।
चूंकि होम लोन को चुकाने का समय काफी लंबा हो सकता है, इसलिए इस पर टैक्स डिडक्शन का भरपूर लाभ उठाया जा सकता है और होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट और इंटरेस्ट दोनों के रीपेमेंट पर टैक्स बचाने की सुविधा मिलती है। एक सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी के लिए आपके होम लोन के इंटरेस्ट के रीपेमेंट के लिए, आईटी ऐक्ट के सेक्शन 24B के तहत आपकी टोटल इनकम में से डिडक्शन के रूप में ज्यादा से ज्यादा 2 लाख रुपये तक क्लेम किया जा सकता है।
# प्रिंसिपल अमाउंट पर 1.5 लाख तक की छूट:- इसी तरह आपके होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के रूप में आपके द्वारा चुकाई गई रकम पर आईटी ऐक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक डिडक्शन की सुविधा मिलती है। यदि आप पहली बार घर खरीद रहे हैं तो आपको सेक्शन 80EE के तहत 50,000 रुपये तक अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन की सुविधा मिल सकती है,लेकिन लोन की रकम 35 लाख रुपये से कम होनी चाहिए और घर की कुल कीमत 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
# एजुकेशनल लोन पर भी राहत:- यदि आपने अपने या अपने बच्चों के लिए एक एजुकेशनल लोन लिया है तो आप उसका इस्तेमाल करके अपनी टैक्स देनदारी को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। आईटी ऐक्ट के सेक्शन 80E के अनुसार, एक एजुकेशनल लोन के लिए चुकाए गए इंटरेस्ट अमाउंट पर टैक्स डिडक्शन की सुविधा मिलती है। इसमें कोई ऊपरी सीमा नहीं है और इसमें पूरा डिडक्शन प्राप्त किया जा सकता है,लेकिन यह टैक्स बेनिफिट, लोन रीपेमेंट की तारीख से सिर्फ आठ साल तक ही मिलता है। 
यहां इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि एजुकेशनल लोन पर मिलने वाला टैक्स डिडक्शन सिर्फ तभी मिलता है, जब वह लोन किसी रजिस्टर्ड पीएसयू या प्राइवेट बैंक या रजिस्टर्ड एनबीएफसी से लिया गया हो।# पर्सनल लोन पर भी बचा सकते हैं टैक्स:- कई लोगों को पता नहीं है कि आपके पर्सनल लोन के इस्तेमाल के आधार पर आपको उस पर भी टैक्स बेनिफिट मिल सकता है। आम तौर पर एक पर्सनल लोन लेते समय एक उधारकर्ता के लिए उस लोन का मकसद बताना जरूरी नहीं होता है क्योंकि वह असुरक्षित किस्म का लोन होता है,लेकिन किसी ख़ास मकसद के लिए पर्सनल लोन का इस्तेमाल करने पर आपको टैक्स बेनिफिट मिल सकता है। 
यदि पर्सनल लोन का इस्तेमाल बिज़नस के लिए किया गया है तो उस पर दिए गए इंटरेस्ट को अपने टैक्स के बोझ को कम करने के लिए खर्च के रूप में क्लेम किया जा सकता है।# पर्सनल लोन से किए ये काम तो मिलेगी छूट:- यदि आप इसका इस्तेमाल घर खरीदने, बनाने, या उसके रेनोवेशन के लिए कर रहे हैं तो आप अपने पर्सनल लोन पर दिए गए इंटरेस्ट पर डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं। सेक्शन 24b एक होम लोन या एक पर्सनल लोन में कोई फर्क नहीं करता है और इंटरेस्ट पर ज्यादा से ज्यादा 2 लाख रुपये का डिडक्शन मिल सकता है।

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