टेस्ला
और स्पेसएक्स के चीफ एलन मस्क ने ईवीएम के हैकिंग की आशंका जताते हुए इसे न
इस्तेमाल करने की सलाह दी है। मस्क की यह टिप्पणी दुनिया भर में ईवीएम की सुरक्षा
को लेकर बढ़ती बहस के बीच आई है, खासकर प्यूर्टो रिको के हालिया प्राथमिक
चुनावों में अनियमितताओं के आरोपों के बाद मस्क ने एक्स पर पोस्ट किया,हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म
कर देना चाहिए। इसे इंसानों या एआई की मदद से हैक करने का जोखिम बहुत अधिक है। प्यूर्टो
रिको में हाल ही में हुए विवादों के कारण ईवीएम सुरक्षा पर चर्चा तेज हो गई है। वहां
के प्राथमिक चुनाव में ईवीएम से जुड़ी कई अनियमितताएं सामने आई थीं। मस्क की यह
टिप्पणी पूर्व अमेरिकी
राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे और 2024
के अमेरिकी चुनावों
के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के जवाब में थी,
जिन्होंने लिखा था,असोसिएटेड प्रेस के अनुसार,
प्यूर्टो रिको के
प्राथमिक चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से संबंधित सैकड़ों मतदान
अनियमितताएं देखी गईं। किस्मत से यहां एक पेपर ट्रेल था,
इसलिए समस्या की
पहचान की गई और वोटों की गिनती को सही किया गया पर उन क्षेत्रों में क्या होता है
जहां कोई पेपर ट्रेल नहीं है? कैनेडी जूनियर ने चुनावों में
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के हस्तक्षेप को रोकने के लिए बैलेट पेपर की वापसी की
वकालत की, यह सुनिश्चित करते हुए कि हर वोट की गिनती
हो और चुनाव सुरक्षित रहें, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में ईवीएम को
लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं,
इन सबके बीच भारत एक उलट तस्वीर पेश करता है। यहां तीसरी पीढ़ी के ईवीएम का उपयोग होता है, जिसे एम 3 ईवीएम के रूप में जाना जाता है, जिसे छेड़छाड़ से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है. ये मशीनें 'सेफ मोड' में चली जाती हैं और किसी भी छेड़छाड़ के प्रयास का पता चलने पर निष्क्रिय हो जाती हैं। तीन प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) के प्रोफेसरों की एक डेडिकेटेड टीम ने भारतीय EVM के लेटेस्ट वर्जन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को ईवीएम पर एक प्रतिष्ठित तकनीकी विशेषज्ञ समिति (टीईसी) का समर्थन प्राप्त है, जो यह सुनिश्चित करती है कि उपकरण मजबूत और सुरक्षित हों।
No comments:
Post a Comment