अलीगढ़
में हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक कुमार पांडेय ने मुकदमे में कहा है
कि 10 जून को उन्होंने हरिद्वार के पतंजलि योग के नंबर पर संपर्क किया था,
जो गूगल से मिला था।
उनकी तरफ से मिले जवाब में कहा गया था कि हमारे डॉक्टर जल्द ही आपसे संपर्क करेंगे।
इसके बाद एक अन्य नंबर से डॉ. पंकज गुप्ता नाम के व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और
सारी जानकारी प्राप्त कर योग शिविर के बारे में जानकारी दी। साथ ही सात दिवसीय योग
शिविर के लिए निर्धारित रकम को तत्काल भुगतान करने के लिए कहा गया। उसी नंबर से एक
पत्र भेजा गया, जिस पर आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर व
मुहर थी। साथ ही बंधन बैंक बधदराबाद शाखा पतंजलि योगपीठ का खाता दिया गया था। अशोक
पाण्डेय ने अपने पीएनबी के खाते से उस खाते में 29
हजार 400
रुपये का ऑनलाइन
भुगतान कर दिया।
[हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक कुमार पांडेय ] |
गांधी पार्क थाना प्रभारी शिव प्रसाद सिंह ने बताया कि डॉ पंकज गुप्ता व एक अज्ञात के विरुद्ध ठगी व आईटी
एक्ट की धारा में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। भूलवश आचार्य बालकृष्ण का नाम
मुकदमे में जुड़ गया था। विवेचक द्वारा इसे हटवा दिया है। जांच की जा रही है.वहीं
दूसरी ओर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के द्वारा दर्ज कराए हुए मुकदमे को
लेकर हलचल मची हुई है। मुकदमे में आचार्य बालकृष्ण भट्ट का नाम सबसे ऊपर है लेकिन
तहरीर देने वाले ही व्यक्ति के द्वारा जब इस नाम का प्रयोग करने वाले लोगों के
खिलाफ कार्रवाई की मांग की है ना कि बालकृष्ण भट्ट पर यही कारण है पुलिस के द्वारा
जालसाजी करने वाले लोगों की तलाश शुरू कर दी है। मुकदमे में बताया गया कि,
पतंजलि योगपीठ के
महासचिव आचार्य बालकृष्ण का नाम प्रयोग करते हुए अन्य दो लोगों ने 29
हजार 400
रुपये की ठगी की।
योग शिविर के नाम पर ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान तीन लोगों ने इस घटना को अंजाम
दिया।
जिसमें आचार्य बाल कृष्ण के हस्ताक्षर व मुहर लगा पत्र भी हिंदू महासभा
के राष्ट्रीय प्रवक्ता को भेजा गया है। वहीं,
मुकदमे में आचार्य
बालकृष्ण को नामजद कर दिया गया था, जिसे विवेचक ने संशोधित करते हुए हटाने की
बात कही थी। जिस पर शिकायतकर्ता अशोक पांडेय ने मुकदमे से किसी का नाम हटाने की
सहमति नहीं दी है। उन्होंने मामले की शिकायत एसपी से की है। शिकायत में उन्होंने
कहा कि जब पतंजलि के नाम पर ठगी हो रही है तो पतंजलि को आगे आकर इस मामले में अपना
बयान रखना चाहिए। उनके द्वारा कहा गया कि कई अन्य लोगों के साथ भी इस तरह की
धोखाधड़ी की गई है। इस मामले का खुलासा होना अत्यंत आवश्यक है। आरोपियों के नाम जो
मुकदमे में लिखाए गए हैं उन्हें सामने लाकर पूरे मामले का खुलासा होना चाहिए।
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