संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने दावा किया कि
अगर भारतीय जनता पार्टी नीत
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार
अपनी किसान विरोधी नीतियों में परिवर्तन नहीं करती है तो उसे हरियाणा और
महाराष्ट्र जैसे राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों में किसानों की नाराजगी का
सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सितंबर में हरियाणा में राष्ट्रीय स्तर की
किसान रैली आयोजित की जाएगी जिसमें 20 से
अधिक राज्यों के एक लाख से अधिक किसान भाग लेंगे और राजग सरकार पर किसानों के लिए
एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) गारंटी कानून बनाने के लिए दबाव डालेंगे। संगठन के
नेताओं ने कहा कि फरवरी में केंद्र सरकार के साथ हुई
चार दौर की वार्ता में
उन्होंने दक्षिणी भारतीय किसानों से जुड़े मुद्दे जोरदार तरीके से उठाए थे। मीडिया
से बातचीत के दौरान किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि एमएसपी गारंटी कानून
की मांग को लेकर संगठन का विरोध प्रदर्शन 13 फरवरी से चार स्थानों पर चल रहा है और तब से हजारों किसान
सड़कों पर डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने कहा,केंद्र सरकार जब तक हमारी मांगें पूरा नहीं करती तब तक
विरोध जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि हाल में हुए चुनावों में ग्रामीण
क्षेत्रों में किसान समुदाय में व्याप्त आक्रोश के कारण बीजेपी को 71 लोकसभा सीटें गंवानी पड़ी।
बीजेपी के नेतृत्व वाली राजग
सरकार अपनी किसान विरोधी नीतियों में बदलाव नहीं करती है, तो पार्टी को हरियाणा और महाराष्ट्र सहित सभी आगामी
विधानसभा चुनावों में किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। कर्नाटक के किसान
संगठन नेता के. शांताकुमार ने कहा कि आठ जुलाई को एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान
मजदूर मोर्चा बीजेपी के 240 सांसदों
को छोड़कर अन्य सभी सांसदों को अपनी 12 मांगों
के संबंध में ज्ञापन देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जुलाई में दोनों संगठन एक
विशाल किसान सम्मेलन भी आयोजित करेंगे।
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