आमतौर पर हर व्यक्ति सामान्य तरीके से नहाता है,लेकिन
नहाने का सही तरीका क्या है, इसके बारे में बहुत
कम लोग जानते होंगे। सही तरीके से नहाने के अनेक फायदे हैं। नहाने का सही तरीका
क्या है इसके बारे में विस्तार से स्टेप बाय स्टेप हमें बता रहे हैं सद्गुरु के बताए इन तरीकों को अपनाकर आप न सिर्फ अपने
शरीर को साफ सुथरा रखेंगे बल्कि निगेटिव एनर्जी भी दूर होगी। नहाने के
लिए हमेशा ऐसे पानी का इस्तेमाल करना चाहिए जिसका तापमान रूम टेंपरेचर से कम हो। ऐसा
करने से आपकी कोशिकाएं सिकुड़ने लगेंगी और कोशिकाओं के आसपास की जगह खुल जाएंगी। कोशिकाओं
के खुद रोम छिद्र होते हैं जो गर्म पानी के इस्तेमाल से खुल जाते हैं। इनके खुलने
से यह पानी शरीर के अंदर सोखने लगते हैं। ऐसा करना हमेशा सही नहीं होता। इसलिए
ठंडे पानी से नहाएं। योग
के अभ्यास के लिए ये बेहद महत्वपूर्ण है। ये आपके शरीर के
कोशिकीय ढांचे को चार्ज कर देगा जो आपको लंबे समय तक युवा बनाए रखेगा। यौगिक
संस्कृति में कोई भी नहाने के लिए शावर का इस्तेमाल नहीं करता था। नहाने के लिए
पानी में डुबकी लगाने की परंपरा प्रचलित थी। बदलते समय ने नहाने का तरीका पूरी तरह
बदल दिया है। आमतौर पर नहाते समय व्यक्ति अपने शरीर पर पानी डालता है, जिसके कारण
उसके शरीर की गर्मी सिर पर पहुंच जाती है। आप सबसे पहले अपने सिर के ऊपर ठंडा पानी
डालें। ऐसा करने से आपके शरीर की गर्मी एकदम सिर पर नहीं आएगी।अगर किसी व्यक्ति को
जल्दी सर्दी लग जाती है तो शुरुआत में पहले दो सप्ताह में अपने नहाने के पानी में
एक चम्मच नीलगिरी का तेल डालें और उस पानी को अपने सिर के ऊपर उंडेल लें।
आप देखेंगे कि आपकी सर्दी चली गई। प्रत्येक
व्यक्ति को दिन में कम से कम दो बार तो जरूर नहाना चाहिए. अगर आप लंबे समय तक भीड़
के संपर्क में रहते हैं तो घर जाकर सबसे पहले नहाने की आदत बनाएं। ऐसा इसलिए नहीं
कि आप अपने शरीर को शुद्ध कर रहे हैं, बल्कि ऐसा करने से
आपकी योग शक्ति बढ़ती है।
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