ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल सुपरसोनिक हथियार प्रणाली का लंबी दूरी
तक मार करने वाली मिसाइल है। जिसे रूस के साथ मिलकर विकसित किया
गया है। ये मिसाइल भारत के पास मौजूद सबसे उन्नत हथियारों में से एक है। फिलहाल
भारत हवा से लॉन्च की जाने वाली ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों का एक लंबी दूरी का
संस्करण विकसित करने पर काम कर रहा है। भारतीय नौसेना ने बुधवार को
बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया। भारतीय नौसेना ने
जानकारी दी कि मिसाइल परिक्षण सफल रहा है और फायर की गई मिसाइल ने सभी परिक्षण को
पूरा कर लिया है। ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा
नदी के नाम पर
रखा गया है। दरअसल, ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस का
संयुक्त उद्यम है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी है जो मैक 2.8 (ध्वनि
की गति से लगभग तीन गुना) की उच्च गति के साथ विश्व की सबसे तेज क्रूज मिसाइल मानी
जाती है। इससे पहले भारतीय वायुसेना ने भी बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस सुपरसोनिक
क्रूज मिसाइल का एयर लॉन्च वर्जन का सफल परीक्षण किया। वायुसेना ने ये परीक्षण अक्टूबर में
किया था। जिसे स्वदेशी हथियार प्रणालियों के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता
माना गया।
अक्टूबर में भारतीय वायुसेना ने सुखोई-30MKI लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस एयर-लॉन्च
वर्जन मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। भारतीय वायुसेना का सुखोई-30एमकेआई
फाइटर जेट ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों को लॉन्च करने की क्षमता से लैस
है। जो लंबी
दूरी पर दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने में सक्षम है। इस मिसाइल परीक्षण के बाद रक्षा
अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया था कि,पिछले कुछ दिनों में ब्रह्मोस हवा से
प्रक्षेपित मिसाइल को सुखोई 30MKI फाइटर जेट से लॉन्च किया गया था। जेट ने
दक्षिणी प्रायद्वीप में एक हवाई अड्डे से मिसाइल के साथ उड़ान भरी थी और एक लक्ष्य
पर सफलतापूर्वक हमला करते हुए 1,500 किमी से ज्यादा की यात्रा की।
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