Thursday, November 16, 2023

ऑनलाइन दवाएं सस्ती क्यों नकली या ड्रग्स नशे का हिडेन कारोबार....?

आज जहां हर चीज ऑनलाइन सस्ती मिलने के चक्कर में लोग घनचक्कर यानि बेवकूफ बनते जा रहें है यानि ऑफर के चलते नकली या खराब कंज्यूमर को दिया जा रहा है। वहीं लोगो की   सेहत से भी ऑनलाइन दवाई वाले छूट का लालच देकर शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर करते जा रहें है। मेडिकल स्टोर के मुकाबले ऑनलाइन दवाएं हमेशा सस्ती मिलती हैं।  सबसे बड़ी बात कि डिलीवरी चार्ज के बाद भी दवाएं हमें ऑफलाइन के मुकाबले ऑनलाइन सस्ती मिलती हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है। दरअसल, ऑनलाइन हम जो दवा मंगाते हैं उसमें बीच में कमीशन खाने वाले लोगों की संख्या कम हो जाती है। इसे ऐसे समझिए कि 
कोई दवा कंपनी से निकलती है फिर वो स्टेट लेवल के डिस्ट्रीब्यूटर तक पहुंचती है फिर वो जिले वाले डिस्ट्रीब्यूटर तक पहुंचती है, इसके बाद वो मेडिकल स्टोर्स तक पहुंचती है यही वजह है कि ऑफलाइन दवाएं हमें महंगी मिलती हैं। जबकि, ऑनलाइन दवाओं की बात करें तो ये कंपनी से निकल कर सीधें ई-फार्मेसी के स्टोर तक पहुंचती हैं और वहां से कस्टमर के घर पर इसलिए ग्राहक को ई-फार्मेसी के जरिए दवाएं सस्ती मिलती हैं। ऑनलाइन दवाओं पर मिलने वाली भारी डिस्काउंट पर एक फैक्टर एक्सपायरी डेट का भी काम करता है।






दरअसल, ई-फार्मेसी वाली कंपनियां उन दवाओं पर भारी छूट देती हैं, जिनकी एक्सपायरी डेट नज़दीक होती है। जैसे मान लीजिए कोई दवा दो या तीन महीने में एक्सपायर होने वाली है तो कंपनी ऐसी दवाओं को बेहद सस्ते दरों पर ई-फार्मेसी प्लेटफॉर्म्स को बेच देती है। फिर ई-फार्मेसी प्लेटफॉर्म्स इन दवाओं पर भारी डिस्काउंट देकर उन्हें ग्राहकों को बेच देती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के मुताबिक,भारत में दवाओं का बाजार 2021 में 41 बिलियन यूएस डॉलर का था। इस मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा दवाओं का बाजार है। 2024 तक इस बाजार के 65 बिलियन यूएस डॉलर होने का अनुमान है। 
वहीं ई-फार्मेसी की बात करें तो द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में ये 2500 करोड़ का बाजार था। वहीं 2027 तक इसमें सालाना 22.20 फीसदी की ग्रोथ हो सकती है यानी 2022 से 2027 तक ई-फार्मेसी का बाजार भारत में 9000 करोड़ रुपये के आसपास का होगा। भारत में दवा बेचने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की बात करें तो इनकी संख्या सैकड़ों में है। कुछ प्लेटफॉर्म्स आपको दवाएं तभी बेचते हैं,जब आपके पास किसी डॉक्टर का लिखित प्रिस्क्रिप्शन हो,लेकिन कई प्लेटफॉर्म्स हैं जो आपको बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन के दवाएं उपलब्ध करा देते हैं। 



ऐसे में कई बार लोग अनजाने में ऐसी दवाएं मंगा लेते हैं,जो उनकी सेहत को खराब कर देती हैं। भारत में ऑनलाइन दवाओं की बिक्री का मार्केट बहुत बड़ा है। फल, सब्जियां, राशन के बाद अब लोग घर बैठे दवाएं भी खूब मंगा रहे हैं। हालांकि, इसके कई नुकसान भी हैं।

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