दिल्ली
के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पूछा है कि ईडी से सवाल पूछने पर बीजेपी वालों को
दर्द क्यों होता है? बीजेपी वाले क्यों बेचैन होने लगते हो?
इसका जवाब यही है कि नोटिस ईडी की ओर
से नहीं बल्कि बीजेपी के कहने पर ईडी की ओर से भेजा जाता है। मैं अभी सुन
रहा था कि कल तक बीजेपी के नेता कह रहे थे की यह तो ईडी की सुनवाई है,
इसमें बीजेपी का कोई लेना देना नही
है। मगर अभी मैं उनकी प्रेस वार्ता सुन रहा था, जिसमें उनका दर्द झलक रहा था। उनका
कहना है कि आम आदमी पार्टी उन पार्टियों से क्यों गठबंधन कर रही जिसके खिलाफ वह
बोला करती थी, क्या यह
भी अब भाजपा तय करेगी? इससे स्पष्ट होता है की बीजेपी ने राजनैतिक षड्यंत्र
के
तहत अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने का प्लान रचा है,
जिसका सबूत मनोज तिवारी ने पहले ही
दे दिया था। अगर यह ईडी का नोटिस होता तो जवाब ईडी का आता ना की बीजेपी का। बीजेपी
का ईडी से क्या लेना देना है यह सवाल पूरे देश में पैदा हो रहा है। बीजेपी के
राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के बयान पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय
ने पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि ED के नोटिस का जवाब अरविंद केजरीवाल ने भेज दिया है।
उन्हेंने
नोटिस में अनुत्तरित प्रश्नों के बारे में ईडी से स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस में
यह स्पष्ट नहीं है कि ED अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर
बुलाना चाहती है या AAP संयोजक के रूप में बुलाना चाहती है या नागरिक के रूप में
बुलाना चाहती है। गोपाल राय ने कहा कि ईडी के नोटिस में ये भी स्प्ष्ट नहीं है कि
उन्हें गवाह के रूप में बुलाया गया है या आरोपी के रूप में,अभी तक ED
का जवाब नहीं आया है। जवाब देने के
लिए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सामने आये। आज ये अंतर करना मुश्किल है कि ED
ही बीजेपी है या बीजेपी ED
है। CBI ही बीजेपी है या बीजेपी ही CBI
है। एजेंसियों पर सवाल उठता है तो
जवाब देने के लिए बीजेपी के नेता सामने क्यों खड़े हो जाते हैं?
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