डॉक्टरों
के अनुसार, किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए AQI 50 से कम
होना चाहिए, लेकिन इन दिनों AQI 400 से
अधिक हो गया है,जो फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों
के लिए घातक साबित हो सकता है। यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर का भी खतरा पैदा हो
सकता है। बढ़ते प्रदूषण के बीच लोग सांस लेने
में दिक्कत और आंखों में जलन की शिकायत करते हैं। इसके मद्देनजर डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट ने
लोगों के स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के खतरनाक प्रभाव के बारे में बताया है। डॉ.
पीयूष रंजन (एडिशनल प्रोफेसर,
मेडिसिन डिपार्टमेंट, एम्स), ने कहा
कि ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण हैं जो वायु प्रदूषण और विभिन्न प्रकार के कैंसर के बीच
संबंध स्थापित करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वायु प्रदूषण
का श्वसन प्रणाली यानी रेस्पिरेटरी सिस्टम
को
नुकसान पहुंचाने के अलावा, हर्ट अटैक, ब्रेन
स्ट्रोक जैसी कोरोनरी धमनी रोगों से सीधा
संबंध है। हेल्थ एक्सपर्ट ने बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति के
प्रति सचेत करते हुए भ्रूण पर बुरे प्रभाव की भी चेतावनी दी है।
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